शिमला: कोरोना का दिल के ऊपर भी गहरा प्रभाव हो सकता है. ऐसे व्यक्ति जो बिल्कुल स्वस्थ हैं उनको भी कोरोना से बचना चाहिए, क्योंकि कोरोना ग्रस्त होने के बाद मनुष्य के दिल पर भी इसके गहरे प्रभाव पड़ते हैं. इसके कारण हार्ट अटैक या अन्य प्रकार की बीमारियां शुरू हो सकती हैं.
कोरोना की गंभीर अवस्था में हार्ट फेल या ब्लड पंपिंग कम होने की शिकायत भी आ सकती है. कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अरविंद कन्नौजिया ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति को भी उन सभी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए जो कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए हैं.
डॉ. अरविंद ने कहा कि आजकल जब से कोरोना शुरु हुआ है अस्पतालों में दिल की बीमारी के मरीज कम आ रहे हैं इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि लोग कोरोना के डर से अस्पतालों में कम आ रहे हैं. दूसरा कारण यह है की अधिक दर्द ना होने के कारण या छोटे-मोटे सिमटम पर लोग अस्पतालों का रुख नहीं कर रहे हैं.
डॉ. अरविंद ने कहा कि जितनी भी दिल के मरीज आइजीएमसी शिमला आ रहे हैं उनका बीमारी की गंभीरता को देखते हुए अलग-अलग तरीके से इलाज किया जा रहा है. ऐसी मरीज जिनके ऑपरेशन बाद में किए जा सकते हैं उनको दवाइयां और उचित सलाह देकर कोरोना का दौर निपटने के बाद ऑपरेशन किए जाएंगे, लेकिन ऐसे मरीज जिनकी हालत गंभीर है उनका आवश्यकता अनुसार उपचार किया जा रहा है.
डॉ. अरविंद ने कहा कि हार्ट पेशेंट को स्मोकिंग तंबाकू और शराब इनसे दूरी बनाए रखनी चाहिए. इन पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए करो ना बहुत ही नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है. इसलिए अगर हो सके तो स्मोकिंग और शराब से बचकर रहें. उन्होंने कहा कि हार्ट पेशेंट दवाइयां नियमित रूप से खाते रहें इसके अलावा अगर कोई शिकायत सामने आती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
डॉ. अरविंद ने कहा कि इसके अलावा सरकार द्वारा टेलीमेडिसिन सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है. इसलिए हार्ट पेशेंट उसका लाभ भी उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हार्ट पेशेंट को घर के अंदर ही हल्के व्यायाम करने चाहिए और यदि योगा भी किया जा सकता है जिसके और भी ज्यादा लाभ हैं, साथ ही घर के अंदर रहकर ही मनोरंजन के अन्य साधन अपनाने चाहिए.
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