ETV Bharat / state

चंबा की पांगी घाटी करेगी सौर ऊर्जा का उत्पादन, 400-400 किलोवाट के 2 प्लांट खुलेंगे

हिमाचल के चंबा में सोर उर्जा के लिए 400-400 किलोवाट के 2 प्लांट खोले जाएंगे. इसके लिए जमीन चिन्हित की गई है.सीएम सुखविंदर सिंह का कहना है कि इससे रोजगार के अवसर खुलेंगे.वहीं, हरित ऊर्जा राज्य बनाने के टारगेट को पूरा करने में सहायता मिलेगी.

Solar energy will be produced in Chamba
Solar energy will be produced in Chamba
author img

By

Published : Apr 21, 2023, 8:21 AM IST

शिमला: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा उत्पादन पर जोर दे रही है. इसी मकसद से चंबा जिले के पांगी उपमंडल में 400-400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं. नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्य नोडल एजेंसी हिम ऊर्जा को इन परियोजनाओं के लिए भूमि हस्तांतरित कर दी गई है.

भूमि चिन्हित की गई: हिम ऊर्जा ने इन 2 सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पांगी घाटी के हिलौर और धारवास में एक-एक हेक्टेयर भूमि चिन्हित की है. लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत की इन परियोजना के लिए एजेंसी ने विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री ने हिम ऊर्जा को इन दोनों सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

खराब मौसम में भी मिलेगी बिजली: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि पांगी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सौर ऊर्जा आधारित ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थापित करने के लिए भी वर्ष 2023-24 के बजट में प्रावधान किया गया है. यह परियोजना क्षेत्र के लोगों को खराब मौसम और भारी बर्फबारी के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगी. सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पांगी के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थानीय ग्रिड से विद्युत की सुचारू आपूर्ति कर इस समस्या का समाधान करेगा.

हरित ऊर्जा राज्य के टारगेट में सहायता: उन्होंने कहा कि पांगी में ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ सहित अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित होने से न केवल क्षेत्र के लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि हरित ऊर्जा राज्य बनने के समग्र लक्ष्य को हासिल करने में भी यह सहायक सिद्ध होगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देते हुए कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है.

31 मार्च 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य: प्रदेश सरकार द्वारा 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अतिरिक्त, पायलट आधार पर प्रत्येक जिले में 2 पंचायतों को ग्रीन पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा.

रोजगार के रास्ते खुलेंगे: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को भी राज्य में 250 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. प्रदेश सरकार इसके लिए युवाओं को 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी ,जिससे रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा खरीदी जाएगी.

ये भी पढ़ें : हिम उर्जा विभाग बिलासपुर ने 2 साल पहले भेजी थी 5000 सोलर स्ट्रीट लाइट की डिमांड, अभी भी नहीं हुई पूरी

शिमला: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा उत्पादन पर जोर दे रही है. इसी मकसद से चंबा जिले के पांगी उपमंडल में 400-400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं. नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्य नोडल एजेंसी हिम ऊर्जा को इन परियोजनाओं के लिए भूमि हस्तांतरित कर दी गई है.

भूमि चिन्हित की गई: हिम ऊर्जा ने इन 2 सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पांगी घाटी के हिलौर और धारवास में एक-एक हेक्टेयर भूमि चिन्हित की है. लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत की इन परियोजना के लिए एजेंसी ने विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री ने हिम ऊर्जा को इन दोनों सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

खराब मौसम में भी मिलेगी बिजली: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि पांगी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सौर ऊर्जा आधारित ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थापित करने के लिए भी वर्ष 2023-24 के बजट में प्रावधान किया गया है. यह परियोजना क्षेत्र के लोगों को खराब मौसम और भारी बर्फबारी के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगी. सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पांगी के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ स्थानीय ग्रिड से विद्युत की सुचारू आपूर्ति कर इस समस्या का समाधान करेगा.

हरित ऊर्जा राज्य के टारगेट में सहायता: उन्होंने कहा कि पांगी में ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट’ सहित अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित होने से न केवल क्षेत्र के लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि हरित ऊर्जा राज्य बनने के समग्र लक्ष्य को हासिल करने में भी यह सहायक सिद्ध होगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देते हुए कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है.

31 मार्च 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य: प्रदेश सरकार द्वारा 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अतिरिक्त, पायलट आधार पर प्रत्येक जिले में 2 पंचायतों को ग्रीन पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा.

रोजगार के रास्ते खुलेंगे: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को भी राज्य में 250 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. प्रदेश सरकार इसके लिए युवाओं को 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी ,जिससे रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा खरीदी जाएगी.

ये भी पढ़ें : हिम उर्जा विभाग बिलासपुर ने 2 साल पहले भेजी थी 5000 सोलर स्ट्रीट लाइट की डिमांड, अभी भी नहीं हुई पूरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.