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Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण का कई राशियों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव, जानें किन राशियों के लिए है शुभ

आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिनका सूर्य कमजोर है, उन पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. जानें ग्रहण का शुभ और अशुभ फल और कुछ उपाय. (Surya Grahan 2022) (Surya Grahan effects on Rashi) (solar eclipse 2022)

surya grahan 2022 timing
साल का आखिरी सूर्यग्रहण
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Published : Oct 25, 2022, 8:35 AM IST

Updated : Oct 25, 2022, 9:34 AM IST

आज खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. इस बार ग्रहण का प्रभाव ज्यादा रहेगा जिसके कारण चंद्रमा का काफी हिस्सा ढक जाएगा, भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 04:40 से 05:26 तक देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण का कई राशियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. ज्योतिषाचार्य शिव मल्होत्रा के मुताबिक, राजनीति एवं व्यापार में उथल-पुथल होगी. सीक्रेट, गुप्त विभाग में काफी उथल-पुथल होगी. हालांकि, जिन जगहों पर सूर्यास्त पहले होगा, वहां मोक्ष काल पहले ही खत्म हो जाएगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. (Surya Grahan Impact on Rashi) (solar eclipse 2022) (solar eclipse effects)

सूर्य ग्रहण का समय: जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. तो यह खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है. सूर्य ग्रहण अमावस्या पर लगता है. आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा, जो शाम 6 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगा. भारत में यह सूर्य ग्रहण शाम लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर सूर्यास्त तक रहेगा. ऐसे में सूर्य ग्रहण की समय अवधि में आज मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिला को ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान अगर आप खाद्य पदार्थ में तुलसी के पत्ते डाल दें तो नकारात्मक ऊर्जा निष्क्रिय हो जाती है और भोजन शुद्ध रहता है. (Surya Grahan 2022) (Surya Grahan effects on Rashi)

सूर्य ग्रहण समय की अवधि: भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण शाम 04:40 से 05:26 तक देखा जा सकेगा.

सूतक 12 घंटे पहले प्रातः 04:40 से लग जाएगा. इसका मोक्ष काल शाम 05:30 तक होगा.

ग्रहण का शुभ फल: मेष, मिथुन,कर्क, सिंह, कन्या, कुंभ राशि सामान फलदाई रहेंगी. वृषभ, धनु, मकर राशि शुभ फलदाई रहेंगे.

ग्रहण का अशुभ फल: तुला, वृश्चिक, मीन राशि अशुभ फल रहेगी.

सूर्य ग्रहण का सूतक काल: हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. इसलिए सूतक काल सोमवार रात करीब ढाई बजे से शुरू हो गया है. सूतक काल में किसी तरह का कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं. इसलिए गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की बजाय 26 अक्टूबर को की जाएगी और भाई दूज 27 अक्टूबर को है.

सूर्य ग्रहण की स्थिति कैसे उत्पन्न होती है: जब चन्द्रमा धरती और सूरज के बीच आ जाता है, तब चांद की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है और सूर्य ग्रहण की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.जब चांद सूरज की थोड़ी से रोशनी को रोकता है, तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण (पार्शियल सोलर एक्लिप्स) कहा जाता है. जब चांद सूरज की पूरी रोशनी रोक लेता है, तब पूरे सूर्य ग्रहण (टोटल सोलर एक्लिप्स) की स्थिति बन जाती है. जब चांद सूरज की रोशनी रोकता है, तब धरती पर चांद की परछाई पड़ती है और फिर सूर्य ग्रहण की स्थिति उत्पन होती है. धरती के घूमने से, चांद की यह परछाई एक रास्ता बनती है, जिसे पाथ ऑफ टोटैलिटी कहा जाता है. इन सब से इतना अंधेरा हो जाता है की, पूरे चांद होने पर भी रात लगने लगती है.

सूर्य ग्रहण के प्रकार: सूर्य ग्रहण चार तरह के होते हैं. पहला, पूर्ण सूर्य ग्रहण (टोटल सोलर एक्लिप्सेस). दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण (पार्शियल सोलर एक्लिप्सेस). तीसरा एन्यूलर सूर्य ग्रहण (एन्यूलर सोलर एक्लिप्सेस) और चौथा हाइब्रिड सूर्यग्रहण (हाइब्रिड सोलर एक्लिप्सेस).

ये भी पढ़ें: Nomination in Himachal: आज नामांकन का अंतिम दिन, अब तक 255 उम्मीदवारों ने भरा पर्चा

आज खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. इस बार ग्रहण का प्रभाव ज्यादा रहेगा जिसके कारण चंद्रमा का काफी हिस्सा ढक जाएगा, भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 04:40 से 05:26 तक देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण का कई राशियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. ज्योतिषाचार्य शिव मल्होत्रा के मुताबिक, राजनीति एवं व्यापार में उथल-पुथल होगी. सीक्रेट, गुप्त विभाग में काफी उथल-पुथल होगी. हालांकि, जिन जगहों पर सूर्यास्त पहले होगा, वहां मोक्ष काल पहले ही खत्म हो जाएगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. (Surya Grahan Impact on Rashi) (solar eclipse 2022) (solar eclipse effects)

सूर्य ग्रहण का समय: जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. तो यह खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है. सूर्य ग्रहण अमावस्या पर लगता है. आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा, जो शाम 6 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगा. भारत में यह सूर्य ग्रहण शाम लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर सूर्यास्त तक रहेगा. ऐसे में सूर्य ग्रहण की समय अवधि में आज मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिला को ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान अगर आप खाद्य पदार्थ में तुलसी के पत्ते डाल दें तो नकारात्मक ऊर्जा निष्क्रिय हो जाती है और भोजन शुद्ध रहता है. (Surya Grahan 2022) (Surya Grahan effects on Rashi)

सूर्य ग्रहण समय की अवधि: भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण शाम 04:40 से 05:26 तक देखा जा सकेगा.

सूतक 12 घंटे पहले प्रातः 04:40 से लग जाएगा. इसका मोक्ष काल शाम 05:30 तक होगा.

ग्रहण का शुभ फल: मेष, मिथुन,कर्क, सिंह, कन्या, कुंभ राशि सामान फलदाई रहेंगी. वृषभ, धनु, मकर राशि शुभ फलदाई रहेंगे.

ग्रहण का अशुभ फल: तुला, वृश्चिक, मीन राशि अशुभ फल रहेगी.

सूर्य ग्रहण का सूतक काल: हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. इसलिए सूतक काल सोमवार रात करीब ढाई बजे से शुरू हो गया है. सूतक काल में किसी तरह का कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं. इसलिए गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की बजाय 26 अक्टूबर को की जाएगी और भाई दूज 27 अक्टूबर को है.

सूर्य ग्रहण की स्थिति कैसे उत्पन्न होती है: जब चन्द्रमा धरती और सूरज के बीच आ जाता है, तब चांद की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है और सूर्य ग्रहण की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.जब चांद सूरज की थोड़ी से रोशनी को रोकता है, तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण (पार्शियल सोलर एक्लिप्स) कहा जाता है. जब चांद सूरज की पूरी रोशनी रोक लेता है, तब पूरे सूर्य ग्रहण (टोटल सोलर एक्लिप्स) की स्थिति बन जाती है. जब चांद सूरज की रोशनी रोकता है, तब धरती पर चांद की परछाई पड़ती है और फिर सूर्य ग्रहण की स्थिति उत्पन होती है. धरती के घूमने से, चांद की यह परछाई एक रास्ता बनती है, जिसे पाथ ऑफ टोटैलिटी कहा जाता है. इन सब से इतना अंधेरा हो जाता है की, पूरे चांद होने पर भी रात लगने लगती है.

सूर्य ग्रहण के प्रकार: सूर्य ग्रहण चार तरह के होते हैं. पहला, पूर्ण सूर्य ग्रहण (टोटल सोलर एक्लिप्सेस). दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण (पार्शियल सोलर एक्लिप्सेस). तीसरा एन्यूलर सूर्य ग्रहण (एन्यूलर सोलर एक्लिप्सेस) और चौथा हाइब्रिड सूर्यग्रहण (हाइब्रिड सोलर एक्लिप्सेस).

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Last Updated : Oct 25, 2022, 9:34 AM IST
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