शिमला: साधनहीन जनता की मदद के लिए संजीवनी की तरह काम करने वाले मुख्यमंत्री राहत कोष में साल के आखिरी दिन एक करोड़ रुपए का अंशदान आया है. जलविद्युत क्षेत्र में विश्व की नामी कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड से जुड़े फाउंडेशन ने मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फंड में अंशदान के तौर पर एक करोड़ रुपए का चैक सौंपा.
एसजेवीएन फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने ये चैक सीएम जयराम ठाकुर को भेंट किया. मुख्यमंत्री ने इस अंशदान के लिए एसजेवीएन का आभार जताया और कहा कि ये रकम साधनहीन जनता की मदद के काम आएगी.
यहां बता दें कि इससे पहले जनवरी 2018 में भी एसजेवीएन लिमिटेड ने सीएम रिलीफ फंड के लिए एक करोड़ रुपए का चैक दिया था. इसी साल यानी वर्ष 2019 के जुलाई महीने में सीएम रिलीफ फंड में अलग-अलग स्रोतों से 1.51 करोड़ रुपए का अंशदान हुआ था. उस दौरान एचपी जनरल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (जीआईसी), एचपी स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कारपोरेशन (एचपीएसआईडीसी) सहित एचपी स्टेट इलेक्ट्रिीसिटी बोर्ड ने 1.51 करोड़ रुपए का अंशदान किया है.
सभी ने 51-51 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए थे. मुख्यमंत्री राहत कोष से गरीबों को इलाज के लिए आर्थिक मदद की जाती है. वैसे तो हिमाचल प्रदेश में निशुल्क इलाज के लिए हिमकेयर योजना भी है, लेकिन हिमाचल से बाहर किसी साधनहीन मरीज का मेजर ऑपरेशन हो तो उसे सीएम रिलीफ फंड से मदद दी जाती है.
पूर्व में वीरभद्र सिंह सरकार के पांच साल के कार्यकाल में 50 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय मदद गरीबों को मिली थी. ये सिलसिला हर सरकार के समय में जारी रहता है. जयराम ठाकुर की सरकार को सत्ता में आने के बाद सबसे पहले एक जलविद्युत कंपनी साईं इंजीनियरिंग ने ही सबसे पहला रिलीफ चैक सौंपा था. ये चैक 11 लाख रुपए का था. इसके अलावा जयराम ठाकुर सरकार को रिलीफ फंड के लिए सबसे अधिक अंशदान 5.43 करोड़ रुपए का मिला था. सबसे बड़ी रकम के तौर पर 5.43 करोड़ रुपए लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने अंशदान के रूप में दी थी.