शिमला: हिमाचल विधानसभा की 68 सीटों के लिए चुनावी मैदान में कुल 412 प्रत्याशी थे. जिसमें से 2 कैबिनेट मंत्री समेत 6 ऐसे प्रत्याशी जो खुद को वोट नहीं डाल सके. हिमाचल के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन मंत्री राकेश पठानिया, शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, भाजपा नेता रविंद्र रवि, कांग्रेस नेता राजेश शर्मा और कृपाल परमार इस साल विधानसभा चुनाव में खुद को वोट नहीं डाल सके. दरअसल इन सभी उम्मीदवारों के नाम किसी और विधानसभा क्षेत्र में थे और चुनाव किसी और विधानसभा क्षेत्र से लड़ रहे थे. इनमें से सिर्फ एक प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की है.
हार गए मंत्री सुरेश भारद्वाज: शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज का नाम शिमला शहर में वोटर लिस्ट में था, जबकि वे इस बार कसुम्पटी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे. जिस कारण वे मतदान नहीं कर सके. सुरेश भारद्वाज चुनाव हार गए.बता दें कि कसुम्पटी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध का सीधा मुकाबला बीजेपी के मंत्री सुरेश भारद्वाज के साथ था. कसुम्पटी विधानसभा में अबकी बार दिलचस्प मुकबाला देखने को मिला. सुरेश भारद्वाज शिमला शहरी सीट से लड़ते आए, लेकिन अबकी बार उनको कसुम्पटी से लड़ाया गया था. कसुम्पटी से 1998 के बाद से भाजपा का कोई भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया है. सुरेश भारद्वाज को कुल 17104 वोट मिले. कुल वोट का यह 36.81 फीसदी है. (Kasumpti Assembly Seat) (Himachal Assembly Elections 2022) (Kasumpti Assembly Seat Result 2022) (Votes Counting in Kasumpti Assembly Seat 2022)
मंत्री राकेश पठानिया भी खुद को नहीं कर सके वोट: प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया का नाम नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में था, जबकि वह इस बार फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे. कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट पर मंत्री राकेश पठानिया हार गए हैं. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया ने राकेश पठानिया मात दी है. भवानी सिंह पठानिया को 26249 वोट मिले हैं, जबकि मंत्री राकेश पठानिया को 20696 वोट मिले हैं.
6 प्रत्याशियों में से मात्र 1 विक्रमादित्य ही जीते: शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, इस बार भी शिमला ग्रामीण से प्रत्याशी थे, जबकि रामपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में इनका नाम था. जिस कारण विक्रमादित्य भी अपने मत का प्रयोग नहीं कर सके लेकिन इन्होंने अपनी सीट बचा ली. विक्रमादित्य को कुल 35269 वोट मिले जो कुल वोट का 60.19 फीसदी है. शिमला ग्रामीण सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह और बीजेपी के रवि मेहता के बीच कड़ा मुकाबला था. इस सीट पर कुल 6 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. इस सीट पर इस बार 73.47 प्रतिशत मतदान हुआ था
रविंद्र रवि पराजित: ज्वालामुखी से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रविंद्र रवि भाजपा से ज्वालामुखी विधानसभा सीट पर चुनावी मैदान में थे, जबकि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में उनका नाम था.रविंद्र रवि को कुल 21423 वोट मिले जो 35.78 फीसदी रहा. जबकि संजय रतन को 27827 वोट मिले जो कुल वोट का 46.48 प्रतिशत रहा.
ये दोनों भी अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं कर सके वोट: देहरा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा ने कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र से अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. फतेहपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे कृपाल परमार का नाम नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में था. ऐसे में कृपाल परमार ने नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. देहरा प्रत्याशी को 19120 वोट मिले जो कुल वोट का 31.56 प्रतिशत था. वहीं कृपाल सिंह को 2811 वोट मिले. (candidates could not vote themselves in Himachal) (Voting in Himachal pradesh) (Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) (Himachal Forest Minister Rakesh Pathania) (Congress MLA from Shimla Rural Vikramaditya Singh)
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