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रिकांगपिओ बाजार में ठंड के चलते पसरा सन्नाटा, निचले इलाकों की तरफ पलायन कर रहे व्यापारी

जिला किन्नौर में ठंड के कहर के कारण बाजार के कई व्यापारी निचले क्षेत्रों में पलायन कर रहे है. रिकांगपिओ बाजार में शाम छह बजे के बाद कोई भी नजर नही आता है.

रिकांगपिओ बाजार में ठंड के चलते सन्नाटा
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Published : Nov 16, 2019, 10:15 PM IST

रिकांगपिओ: जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में धीरे-धीरे सन्नाटा छाने लगा है. किन्नौर में बर्फबारी के बाद तापमान गिरने के कारण ठंड बढ़ने लगी है. ठंड के चलते व्यापारी निचले क्षेत्रों में पलायन कर रहे हैं.

बता दें कि जिला में ठंड होते ही रिकांगपिओ बाजार में ग्रामीणों का आना कम हो जाता है. इसके साथ ही किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रों से ग्रामीण भी ठंड के मौसम में सोलन, शिमला, चंडीगढ़ की तरफ चले जाते हैं और शहरों में अपनी सर्दियां गुजारते हैं. ऐसे में रिकांगपिओ में गिनी चुनी दुकानें और सरकारी कर्मचारी ही देखने को मिलते है.

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ठंड के चलते रिकांगपिओ बाजार में शाम छह बजे के बाद कोई भी नजर नहीं आता. बड़ी-बड़ी दुकानें भी जल्द ही बंद हो जाती हैं, जिसके बाद इस सुनसान बाजार में सन्नाटा छा जाता है. रिकांगपिओ बाजार केवल तीन महीने गर्मीयों में अपनी चहल-पहल के लिए जाना जाता है और उसके बाद सुनसान हो जाता है. बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ने से बाजार में सुनसान हो जाते हैं.

रिकांगपिओ: जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में धीरे-धीरे सन्नाटा छाने लगा है. किन्नौर में बर्फबारी के बाद तापमान गिरने के कारण ठंड बढ़ने लगी है. ठंड के चलते व्यापारी निचले क्षेत्रों में पलायन कर रहे हैं.

बता दें कि जिला में ठंड होते ही रिकांगपिओ बाजार में ग्रामीणों का आना कम हो जाता है. इसके साथ ही किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रों से ग्रामीण भी ठंड के मौसम में सोलन, शिमला, चंडीगढ़ की तरफ चले जाते हैं और शहरों में अपनी सर्दियां गुजारते हैं. ऐसे में रिकांगपिओ में गिनी चुनी दुकानें और सरकारी कर्मचारी ही देखने को मिलते है.

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ठंड के चलते रिकांगपिओ बाजार में शाम छह बजे के बाद कोई भी नजर नहीं आता. बड़ी-बड़ी दुकानें भी जल्द ही बंद हो जाती हैं, जिसके बाद इस सुनसान बाजार में सन्नाटा छा जाता है. रिकांगपिओ बाजार केवल तीन महीने गर्मीयों में अपनी चहल-पहल के लिए जाना जाता है और उसके बाद सुनसान हो जाता है. बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ने से बाजार में सुनसान हो जाते हैं.

Intro:किन्नौर में ठंड की शुरुआत होते ही जिला मुख्यालय की चहलपहल हो रही खत्म,बड़े व्यापारी कर रहे पलायन,स्थानीय लोग भी अपनी सर्दियों के दिन जाते है निचले क्षेत्रो में,बाजार हो जाता है दो महीने के लिए बिल्कुल सुमसान, व्यापार भी होता है कम,ठंड के चलते अब कई दुकाने हो जाती है बन्द।



जनजातीय जिला किंन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में अब धीरे धीरे सूनापन आना शुरू हो रहा है क्यों कि अब जिला किंन्नौर में ठंड के कहर के चलते बाजार के कई व्यापारी निचले क्षेत्रो में पलायन कर रहे है ।



Body:बता दे कि जिला में ठंड पड़ते है ग्रामीण रिकांगपिओ बाजार में बहुत कम आते है और किन्नौर के दूरदराज के क्षेत्र के ग्रामीण भी ठंड के मौसम में अब सोलन,शिमला,चंडीगढ़ की तरफ चले जाते है और अपनी सर्दिया शहरो में गुजारते है ऐसे में रिकांगपिओ में गिने चुने दुकाने और सरकारी कर्मचारी ही देखने को मिलते है।
ठंड के चलते रिकांगपिओ बाजार में अब शाम छह बजे के बाद कोई भी नही दिखता है और बड़ी बड़ी दुकाने भी जल्द ही बन्द हो जाते है जिसके बाद इस सुमसान बाजार में केवल सन्नाटा छा जाता है ।



Conclusion:रिकांगपिओ बाज़ार केवल तीन महीने जब गर्मीयो में अपने चहलपहल के लिए जाना जाता है और उसके बाद सुमसान हो जाता है और ठंड में बाजार में घूमना बहुत मुश्किल हो जाता है।
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