शिमला: राजधानी शिमला के लोअर बाजार को लक्कड़ बाजार से जोड़ने वाली रिवोली सुरंग खस्ताहाल में है. टनल में जगह-जगह पानी रिस रहा है. टनल में लगाई गई लाइट्स भी जगह-जगह खराब पड़ी है. इससे टनल में रोशनी न होने के कारण लोगों को खासकर महिलाओं और बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि ब्रिटिश हुकूमत में राजधानी शिमला में इस टनल का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था. ब्रिटिश हुकूमत ने शिमला को 1885 में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया. इसके बाद उन्होंने कालका-शिमला ट्रैक का निर्माण कर यहां 103 सुरंगों को बनाने के साथ ही दूसरी कई सुरंगें शहर के बीच भी बनवाई. ऐसी ही एक सुरंग का निर्माण लोअर बाजार को रिवोली लक्कड़ बाजार से जोड़ने के लिए साल 1905 में किया गया. इसे वर्तमान में रिवोली टनल के नाम से जाना जाता है.
ब्रिटिश काल में जब इस टनल का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था, तो उस समय इसका इस्तेमाल घोड़ों के जरिए सामान ढुलाई के लिए किया जाता था. लेकिन आज आम जनता इस टनल का इस्तेमाल करती है. फिर भी इसकी हालत और सुधार की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
टनल का रिवोली की ओर का किनारा भी धंसने लगा है. इसके साथ लगे डंगे में दरारें आ गई हैं. जिसकी वजह से टनल के इस सिरे के दो एग्जिट पॉइंट्स में से एक को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है. वहीं, इस टनल की ऐतिहासिकता और इसके वजूद को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
बता दें कि 500 मीटर लंबी और 10 फुट चौड़ी रिवोली टनल का जीर्णोद्धार साल 2000 में करवाया गया था. तब इस टनल में पानी की निकासी ओर रोशनी का उचित प्रबंध किया गया था. लेकिन आज इसके हालात को लेकर कोई भी कदम अब नहीं उठाया जा रहा है.