शिमला: सिरमौर के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिलने के बाद शिमला के डोडरा क्वार (Tribal status to Dodra kwar) को भी जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग उठी है. शिमला जिला परिषद की बैठक में (Shimla Zilla Parishad Meeting) बाकायदा इसके लिए प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा गया है. बैठक में जिला परिषद सदस्य मोनीता चौहान ने ये मामला सदन के समक्ष रखा और कहा कि डोडरा क्वार काफी पिछड़ा क्षेत्र है और इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां भी अलग है.
उत्तराखंड के साथ लगता ये क्षेत्र 5 महीने बर्फबारी के चलते बंद रहता है. ऐसे में इस क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग की जा रही है. लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जबकि किन्नौर, लाहुल स्पिति, भरमौर, पांगी पहले से ही जनजतीय क्षेत्र हैं. लेकिन इस क्षेत्र को आज तक अनदेखा किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सिरमौर के हाटी क्षेत्र को जनजतीय क्षेत्र घोषित किया है. उसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन डोडरा क्वार को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. इसको लेकर आज जिला परिषद की बैठक में ये मामला उठाया गया और सभी सदस्यों की सहमति से प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेज है.
उन्होंने कहा कि सरकार से डोडरा क्वार को भी जनजातिय क्षेत्र का दर्जा देने की मांग की है, ताकि इस क्षेत्र का भी विकास हो सके और लोगों को प्राथमिकता मिल सके. वहीं, शिमला जिला परिषद अध्यक्ष चंद्र प्रभा नेगी ने हाटी समुदाय को जनजाति क्षेत्र का दर्जा (Tribal status to Hatti community) देने का स्वागत करते हुए कहा कि शिमला का डोडरा क्वार काफी पिछड़ा क्षेत्र है और साल के छे महीने ये देश दुनिया से कट जाता है. ऐसे में डोडरा क्वार को भी जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए.
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