शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के शांकली में एक युवक के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. पुलिस को आईजीएमसी से सूचना मिली की एक युवक को आईजीएमसी लाया गया है, जिसने आत्महत्या कर ली है. जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने देखा कि युवक को परिजन आईजीएमसी शिमला लेकर आए थे. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
युवक की पहचान करण उर्फ गोलू (30 वर्षीय) निवासी शांकली शिमला के रुप में हुई है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया. युवक ने क्यों आत्महत्या की इसका अभी पता नहीं चल पाया है. पुलिस को कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. एसपी संजीव गांधी ने मामले की जानकारी दी.
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक: आईजीएमसी शिमला मनोरोग चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार की मानें तो आत्महत्या से पहले लोग बातों और अपने व्यवहार से कई तरह के संकेत दे देते हैं. या तो वे कम बातें करेंगे या भावुक होकर रोना शुरू कर देंगे. इन संकेतों को स्वजन समझें और सुनें. चिकित्सक की सलाह लें. नशे के कारण भी लोग आत्महत्या करते हैं. नशा एक बीमारी है. इसका सेवन करने वालों का इलाज करवाएं. डिप्रेशन के कारण ज्यादातर लोग आत्महत्या करते हैं. लक्षण पाए जाने पर साइको थैरेपी व काउंसलिंग करवाएं. प्रीवेंशन के अर्ली स्टेपस उठाएं.
क्या कार्रवाई करती है पुलिस: अगर कहीं कोई आत्महत्या का प्रयास करता है तो पुलिस सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई करती है. अगर स्वजन आरोप लगाते हैं कि आत्महत्या के लिए उकसाया गया या प्रताड़ना से तंग आकर कदम उठाया तो आइपीसी की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होता है. ऐसा तभी होता है, जब पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट या अन्य सुबूत मिले हों.
ये भी पढ़ें: फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर ₹210 करोड़ की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार, 5 राज्यों में चल रहा था नेटवर्क