ETV Bharat / state

शिमला बस हादसा: अपनी लाडलियों को तलाशती रही मां की आंखें, रोते-बिलखते करती रही सलामती की दुआ

author img

By

Published : Jul 2, 2019, 5:14 PM IST

Updated : Jul 2, 2019, 6:17 PM IST

शिमला में हुए स्कूली बस हादसे में जिन दो बच्चियों की मौत हुई है उनकी मांए अभी भी अपनी लाडलियों को खो देने की बात नहीं मान पा रही हैं. उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि कल तक जो बेटियां उनके घर में हंसती-खेलती नजर आती थी, आज वो उनसे इतनी दूर जा चुकी हैं कि कभी लौट कर वापस नहीं आएंगी.

अपनी मां के साथ मेहुल (फाइल फोटो)

शिमला: जिले में हुए स्कूली बस हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया है. वहीं, हादसे में जिन दो बच्चियों की मौत हुई है उनकी मांए अभी भी अपनी लाडलियों को खो देने की बात नहीं मान पा रही हैं. उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि कल तक जो बेटियां उनके घर में हंसती-खेलती नजर आती थी, आज वो उनसे इतनी दूर जा चुकी हैं कि कभी लौट कर वापस नहीं आएंगी.

गौरतलब है कि हादसे में चेल्सी स्कूल की मान्या 15 और मेहुल 13 की मौत हुई है. जब इनके परिवार को हादसे की सूचना मिली तो इन दोनों बच्चियों की माएं परिवार के सदस्यों के साथ दौड़ती-भागती आईजीएमसी शिमला पहुंची. यहां पहुंच कर हर तरफ घायल बच्चों के बीच उनकी निगाहें अपनी बेटियों को तलाशती रही. इस बात से बेखबर की उनकी बेटियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, मन ही मन ये दुआ करती रही कि उनकी बेटियां सही सलामत हो.

shimla school bus accident
अपनी मां के साथ मेहुल (फाइल फोटो)

मान्या जिसकी इस हादसे में मौत है उसकी मां घटना की सूचना पाते ही आईजीएमसी पहुंची और पागलों की तरह अपनी बेटी को ढूंढती रही. उन्हें नहीं बताया गया कि उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं रही. घर से मान्या स्कूल के लिए अपनी परीक्षा देने के लिए पूरी तैयारी से निकली थी. उसने परीक्षा की खूब तैयारी की थी, लेकिन जिंदगी की परीक्षा ने उसे तैयारी तक का मौका नहीं दिया.

ये भी पढे़ं-लापरवाही से गई 46 लोगों की जान! बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

बताया जा रहा है कि घटनास्थल से महज 30 मीटर की दूरी पर मान्या इस बस में सवार हुई थी. मान्या की मां जो कि एक सरकारी टीचर है और पिता सोलन में ही सरकारी स्कूल में लेक्चरर है को ये हादसा कभी ना भूलने वाला जख्म दे गया.

वहीं, हादसे में जिस दूसरी छात्रा मेहुल की जान गई है वो भी इस काल रूपी बस में हादसे की जगह से 30 मीटर पहले ही चढ़ी थी. मेहुल की मां को जब इस बात का पता चला कि बेटी को जिस बस में चढ़ाया था वो हादसे का शिकार हो गई तो वे बेसुध हो गई और रोती-बिलखती आईजीएमसी शिमला पहुंची. यहां पहुंचने पर उन्हें ये नहीं बताया गया कि उनकी बेटी की इस हादसे में मौत हो गई है. जबकि मेहुल के नाना मोहन सिंह वर्मा को इस बात की जानकारी दी गई, लेकिन जिस बेटी की आंखों में वो उसकी बेटी की सलामती की आस देख रहे थे उसे उसकी मौत की खबर दे कर वे उस मां से उसकी उम्मीद नहीं छीन पा रहे थे.

वीडियो

उनका बस इतना ही कहना था कि इस तरह का दिन किसी की भी जिंदगी में ना आए. वहीं, मेहुल के पिता को तो इस हादसे की जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से मिली. मेहुल के पिता पेशे से एक बिल्डिर हैं.

इस हादसे में दो माओं ने अपने जिगर के टुकड़ों को हमेशा के लिए खो दिया. वो इस हादसे को कभी नहीं भुला पाएंगी, लेकिन सरकारें जरूर इस हादसे को भुला कर तब तक इसे याद नहीं करेंगी जब तक इसी तरह का कोई दूसरा हादसा नहीं होता है.

बता दें कि सोमवार को शिमला के झंझीडी में एक स्कूल बस खाई में जा गिरी. हादसे में दो बच्चियों समेत बस चालक की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि पांच अन्य बच्चियां और परिचालक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सभी घायलों को उपचार के लिए आईजीएमसी शिमला में दाखिल करवाया गया है. फिलहाल, बस हादसे का कारण सड़क किनारे अवैध रूप से की गई पार्किंग बताया जा रहा है.

ये भी पढे़ं-शिमला स्कूल बस हादसा: मासूमों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज बंद रहेंगे शिमला के स्कूल्स

शिमला: जिले में हुए स्कूली बस हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया है. वहीं, हादसे में जिन दो बच्चियों की मौत हुई है उनकी मांए अभी भी अपनी लाडलियों को खो देने की बात नहीं मान पा रही हैं. उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि कल तक जो बेटियां उनके घर में हंसती-खेलती नजर आती थी, आज वो उनसे इतनी दूर जा चुकी हैं कि कभी लौट कर वापस नहीं आएंगी.

गौरतलब है कि हादसे में चेल्सी स्कूल की मान्या 15 और मेहुल 13 की मौत हुई है. जब इनके परिवार को हादसे की सूचना मिली तो इन दोनों बच्चियों की माएं परिवार के सदस्यों के साथ दौड़ती-भागती आईजीएमसी शिमला पहुंची. यहां पहुंच कर हर तरफ घायल बच्चों के बीच उनकी निगाहें अपनी बेटियों को तलाशती रही. इस बात से बेखबर की उनकी बेटियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, मन ही मन ये दुआ करती रही कि उनकी बेटियां सही सलामत हो.

shimla school bus accident
अपनी मां के साथ मेहुल (फाइल फोटो)

मान्या जिसकी इस हादसे में मौत है उसकी मां घटना की सूचना पाते ही आईजीएमसी पहुंची और पागलों की तरह अपनी बेटी को ढूंढती रही. उन्हें नहीं बताया गया कि उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं रही. घर से मान्या स्कूल के लिए अपनी परीक्षा देने के लिए पूरी तैयारी से निकली थी. उसने परीक्षा की खूब तैयारी की थी, लेकिन जिंदगी की परीक्षा ने उसे तैयारी तक का मौका नहीं दिया.

ये भी पढे़ं-लापरवाही से गई 46 लोगों की जान! बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

बताया जा रहा है कि घटनास्थल से महज 30 मीटर की दूरी पर मान्या इस बस में सवार हुई थी. मान्या की मां जो कि एक सरकारी टीचर है और पिता सोलन में ही सरकारी स्कूल में लेक्चरर है को ये हादसा कभी ना भूलने वाला जख्म दे गया.

वहीं, हादसे में जिस दूसरी छात्रा मेहुल की जान गई है वो भी इस काल रूपी बस में हादसे की जगह से 30 मीटर पहले ही चढ़ी थी. मेहुल की मां को जब इस बात का पता चला कि बेटी को जिस बस में चढ़ाया था वो हादसे का शिकार हो गई तो वे बेसुध हो गई और रोती-बिलखती आईजीएमसी शिमला पहुंची. यहां पहुंचने पर उन्हें ये नहीं बताया गया कि उनकी बेटी की इस हादसे में मौत हो गई है. जबकि मेहुल के नाना मोहन सिंह वर्मा को इस बात की जानकारी दी गई, लेकिन जिस बेटी की आंखों में वो उसकी बेटी की सलामती की आस देख रहे थे उसे उसकी मौत की खबर दे कर वे उस मां से उसकी उम्मीद नहीं छीन पा रहे थे.

वीडियो

उनका बस इतना ही कहना था कि इस तरह का दिन किसी की भी जिंदगी में ना आए. वहीं, मेहुल के पिता को तो इस हादसे की जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से मिली. मेहुल के पिता पेशे से एक बिल्डिर हैं.

इस हादसे में दो माओं ने अपने जिगर के टुकड़ों को हमेशा के लिए खो दिया. वो इस हादसे को कभी नहीं भुला पाएंगी, लेकिन सरकारें जरूर इस हादसे को भुला कर तब तक इसे याद नहीं करेंगी जब तक इसी तरह का कोई दूसरा हादसा नहीं होता है.

बता दें कि सोमवार को शिमला के झंझीडी में एक स्कूल बस खाई में जा गिरी. हादसे में दो बच्चियों समेत बस चालक की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि पांच अन्य बच्चियां और परिचालक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सभी घायलों को उपचार के लिए आईजीएमसी शिमला में दाखिल करवाया गया है. फिलहाल, बस हादसे का कारण सड़क किनारे अवैध रूप से की गई पार्किंग बताया जा रहा है.

ये भी पढे़ं-शिमला स्कूल बस हादसा: मासूमों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज बंद रहेंगे शिमला के स्कूल्स

Intro:रोज की तरह ही स्कूल वर्दी में तैयार हो कर बैग उठा कर मान्या ओर मेहुल अपनी माँ को बाए बोल कर जिस में चढ़ी थी वो बस उनसे उनकी लाड़लियों को हमेशा के लिए उनसे दूर ले जाएगी इस बात को उन्होंने सोचा तक ना था। उनकी माओं को इस बात का इल्म तक ना था कि वो अपनी बेटियों के चेहरे को अंतिम बार देख रही है। शिमला में हुए स्कूली बस हादसे में जिन दो बच्चियों की जान गई उनकी माए अभी भी अपनी लाड़लियों को सदा के लिए खो देने की बात नहीं मान पा रही है। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है की कल तक जो बेटियां उनके घर में हंसती खेलती नज़र आती थी,जिसे माँ अपने हाथ से स्कूल के लिए तैयार कर बस तक ले जाती थी आज वो उससे इतनी दूर जा चुकी है कि कभी लौट कर वापिस नहीं आएगी। हादसे में चेल्सी स्कूल की मान्या 15 ओर मेहुल 13 की मौत हुई हैं। जब इनके परिवार को हादसे की सूचना मिली तो इन दोनों की माए परिवार के सदस्यों के साथ दौड़ी भागी आईजीएमसी पहुंची। यहां पहुंच कर हर तरफ घायल बच्चों के बीच उनकी निगाहें अपनी बेटियों को तलाशती रही। इस बात से बेखबर की उनकी बेटियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, मन ही मन यह दुआ करती रही कि उनकी बेटियां सही सलामत हो।


Body:मान्या जिसकी इस हादसे में मौत हो उसकी माँ जब घटना की सूचना पाते ही आईजीएमसी पहुंची तो पागलों की तरह अपनी बेटी को ढूंढती रही। उन्हें नहीं बताया गया कि उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं रही। घर से मान्या स्कूल के लिए अपनी परीक्षा देने के लिए पूरी तैयारी से निकली थी। उसने परीक्षा की खूब तैयारी की थी लेकिन जिंदगी की परीक्षा ने उसे तैयारी तक का मौका नहीं दिया। जिस जगह पर यह दुर्घटना घटी उसी से महज 30 मीटर की दूरी पर मान्या इस बस में सवार हुई थी। मान्या की माँ जो कि एक सरकारी टीचर है और पिता सोलन में ही सरकारी स्कूल में लेक्चरर है को यह हादसा कभी ना भूलने वाला जख्म दे गया है। वहीं हादसे में जिस दूसरी छात्रा मेहुल की जान गई है वो भी इस काल रूपी बस में हादसे की जगह से 30 मीटर पहले ही चढ़ी थी।


Conclusion: वहीं मेहुल की माँ ने भी रोज की तरह की अपनी बेटी की स्कूल के लिए इस बात से बेखबर उस बस में बैठाया था की आज काल भी खुद इस बस में सवार हो कर आया है जो उनसे उनकी बेटी को छीन कर ले जाएगा। मेहुल की माँ को जब इस बात का पता चला कि बेटी को जिस बस में चढ़ाया था वो हादसे का शिकार हो गई तो वह बेसुध हो गई और रोती बिलखती आईजीएमसी पहुंची। यहां पहुंचने पर उन्हें यह नहीं बताया गया कि उनकी बेटी की इस हादसे में मौत हो गई है। जबकि मेहुल के नाना मोहन सिंह वर्मा को इस बात की जानकारी दी गईं लेकिन जिस जिस बेटी की आँखों में वो उसकी बेटी की सलामती की आश देख रहे थे उसे उसकी मौत की खबर दे कर उस माँ से उसकी उम्मीद वह नहीं छीन पा रहे थे। उनका बस इतना ही कहना था कि इस तरह का दिन किसी की भी लाइफ में ना आए। वहीं मेहुल के पिता को तो इस हादसे की जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से मिली। मेहुल के पिता पेशे से एक बिल्डिंर है। इस हादसे में दो माओं ने अपने जिगर के टुकड़ों को हमेशा के लिए खो दिया वो इस हादसे को कभी नहीं भुला पाएंगी लेकिन सरकारें जरूर इस हादसे को भुला कर तब तक इसे याद नहीं करेंगी जब तक इसी तरह का कोई दूसरा हादसा नहीं होता है।
Last Updated : Jul 2, 2019, 6:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.