शिमलाः राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान के नीचे बने करीब सौ साल पुराने पानी के टैंक में आई दरारों को भरने का काम शुरू हो गया है. सोमवार को स्विट्जरलैंड की रेनेस्को कंपनी ने काम शुरू कर दिया है. महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे हिस्से में टैंक को खोला गया जहां से कार्य शुरू किया गया है.
टैंक की दरारों को कंपनी विदेशी तकनीक केमिकल और सिमेटिंग मैटेरियल से भरेगी. कंपनी द्वारा चार कारीगर टैंक में काम पर लगाए गए हैं और आठ सप्ताह का समय कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस समय में ही कंपनी कार्य पूरा कर जल निगम को पानी का टैंक सौंप देगी. कंपनी पॉलीमर मॉडिफाइड मोटरर से भरा जाएगा और यूरिया मैब्रन का छिड़काव किया जाएगा.
टैंक की मरम्मत कार्य पर एक करोड़ 80 लाख का खर्च आएगा. जल निगम ने शनिवार को ही पानी का टैंक पूरी तरह से खाली करवा दिया था और शहर में पानी की समस्या न हो, इसके लिए संजौली पानी के टैंक से पानी की सप्लाई की जा रही है.
जल निगम के एसडीओ मेहबूब शेख ने कहा कि रिज टैंक के चार चेम्बरों में दरारें आई थीं और इनकी मरम्मत के लिए विदेशी कम्पनी को कार्य दिया गया है. सोमवार से कंपनी ने काम शुरू कर दिया है. इन दरारों को आधुनिक तकनीक से भरा जाएगा. उन्होंने कहा कि शहर में पानी की समस्या न हो इसके लिए तैयारी पहले से ही कि गई है. शिमला में संजोली टैंक से पानी की सप्लाई दी जा रही है.
बता दें कि शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान के नीचे अग्रेजों द्वारा 1924 में पानी का टैंक बनाया गया था. इस टैंक से शहर भर में पानी की सप्लाई होती है. टैंक के अंदर 9 चेम्बर बनाए गए हैं. जिसमें 45 लाख लीटर पानी स्टोर किया जाता है. इस टैंक में दरारें आने के चलते इसका मुरम्मत का कार्य किया जा रहा है. जब से ये टैंक बना है, पहली बार इसकी मरमत की जा रही है.
ये भी पढ़ें- चंबा में कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, सुरेंद्र कुमार ने साधा सरकार पर निशाना
ये भी पढ़ें- कड़ी सुरक्षा के बीच विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, सादे लिबास में पुलिस कर्मी तैनात