शिमला: शहर में अब नए भवन मालिकों को पुराने के मुकाबले ज्यादा टैक्स अदा करना होगा. 2021 के बाद बनने वाले भवनों पर नगर निगम ने फैक्टर-6 को लागू कर दिया है. ऐसे में जो भी लोग 2021 के बाद अब अपने भवन बनाएंगे, उन्हें पहले के बने भवनों के मुकाबले ज्यादा टैक्स देना होगा. अभी तक अधिकतम फैक्टर वैल्यू 5.5 लगाया जाता है. इससे एक फ्लैट के टैक्स में सालाना 300 से 400 की बढ़ोतरी होगी.
शहर में अभी 2000 के बाद बने भवनों पर सबसे ज्यादा टैक्स लग रहा है. 2000 से लेकर 2020 तक बने भवनों पर फैक्टर-5 लागू है. इसी तरह से 1980 से 2000 के बीच बने भवनों पर फैक्टर-4 लागू है. टैक्स के नियमों के मुताबिक नगर निगम शिमला हर 20 साल के बाद भवनों पर लगाए जाने वाले संपत्ति कर के रूप में फैक्टर को बदलता है. हालांकि इसे लागू करने से पहले वित्त कमेटी और हाउस की मंजूरी लेनी है. नगर निगम ने वित्त कमेटी की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है.
नए फैक्टर के लागू होने के बाद शहर में 2021 के बाद बनने वाले भवनों में एक फ्लैट मालिक को 2020 से पहले बने फ्लैट से तीन से चार सौ रुपये ज्यादा टैक्स अदा करना होगा. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर में बनने वाले भवनों पर फैक्टर 6 लागू कर दिया है. अब इन भवनों को पुराने भवनों के मुकाबले ज्यादा टैक्स अदा करना पड़ेगा. जिससे नगर निगम की आय भी बढ़ेगी और इससे ज्यादा बोझ लोगों पर नही पड़ेगा.
शहर में नगर निगम अभी 30 हजार से ज्यादा भवन मालिकों को टैक्स के बिल जेनरेट करता है. इससे निगम को हर साल 20 करोड़ के लगभग आय होती है. शहर में निगम ने हर तीन साल के बाद टैक्स में बढ़ोतरी करने का फैसला पहले ही लागू कर दिया है. दूसरी तरफ नया फैक्टर लागू होने के बाद नए बनने वाले भवनों को पहले बने भवनों के मुकाबले ज्यादा टैक्स अदा करना पडे़गा. नगर निगम के पास टैक्स से होने वाली आय बड़ा स्त्रोत है. ऐसे में निगम की आय भी बढ़ेगी.
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