शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी प्रशासन ने अब सुरक्षाकर्मियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया (clamped down on security guard In IGMC) है. दरअसल, प्रशासन ने आईजीएमसी में रात के समय सुरक्षा गार्ड द्वारा की जा रही नाइट पेट्रोलिंग को तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. प्रशासन ने कहा है कि सुपरवाइजर ही नाइट के समय गश्त करेगा. वहीं, सुरक्षा गार्ड दिन के समय ही ड्यूटी करेंगे और वह भी अपनी पूरी ड्रेस में.
आईजीएमसी दाखिल मरीजों की सुरक्षा को लेकर 2010 में प्रशासन ने नाइट पेट्रोलिंग शुरू की थी. जिसमें सिक्योरिटी गार्ड सादे लिबास में पूरे रात भर अस्पताल भर में घूमते थे और संदिग्ध लोगों पर शिकंजा कसते थे. उस दौरान अस्पताल में बढ़ रही चोरी की घटना पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने यह फैसला लिया था. तब से लेकर 20 मई 2023 तक गार्ड रात में सादे लिवास में नाइट पेट्रोलिंग करते थे और इसके कई परिणाम भी देखने को मिले थे.
सुरक्षा गार्ड नहीं करेंगे नाइट पेट्रोलिंग: सुरक्षा गार्डों ने कई चोरों को रंगे हाथों पकड़ा था और पुलिस के हवाले किया था. जिसमें कई चोर वार्डों में तीमारदारों के पॉकेट मारी कर रहे थे. रात के समय तीमारदार जमीन पर अपना बैग रख कर सो जाते हैं, ऐसे में शातिर तीमारदारों के पर्स और बैग पर हाथ साफ कर जाते थे, लेकिन गार्डों द्वारा नाइट पेट्रोलिंग के दौरान अस्पताल में चोरी की घटना रुकी. अब रात में सुरक्षा गार्ड नाइट पेट्रोलिंग नहीं करेंगे. ऐसे में एक बार फिर मरीजों और तीमारदारों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठना शुरू हो गया हैं.
पुलिस नहीं करती अस्पताल में गश्त: आईजीएमसी अस्पताल में पुलिस चौकी भी बनाई गई है लेकिन पुलिस जवान अस्पताल में कभी गश्त नहीं करते हैं. उनका काम वीआईपी की सुरक्षा को लेकर ही रहता है, लेकिन अस्पताल में असामाजिक तत्वों को पकड़ने में पुलिस शुरू से ही नाकाम रही है. ऐसे में अब लोगों को अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है. इस संबंध में आईजीएमसी के डिप्टी एमएस डॉक्टर अमन ने बताया अस्पताल में गार्ड नाइट पेट्रोलिंग नहीं करेंगे. क्योंकि गार्ड कब ड्यूटी करते हैं, कहां ड्यूटी रहती है, कोई इनका लिखा पढ़ी नहीं है. उन्होंने कहा कौन छुट्टी पर है, इसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है. लंबे समय तक ना सुरक्षा इंचार्ज दिखाई देता है और न सुरक्षा गार्ड. सुरक्षा गार्ड ड्रेस में ड्यूटी नहीं करते हैं. इसी को लेकर यह फैसला लिया गया है कि नाइट में सुपरवाइजर ही गश्त पर रहेगा. जरूरत पड़ी तो पुलिस भी साथ देगी.
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