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HPSEB Employee Protest In Shimla: शिमला में गरजे बिजली कर्मचारी, बोर्ड प्रबंधन को चेताया जल्द OPS बहाल नहीं की तो होगा आंदोलन - himachal electricity board protest

हिमाचल के CM सुखविंदर सुक्खू के आदेशों के बावजूद बिजली कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) नहीं दी गई. इससे नाराज विद्युत कर्मचारी और इंजीनियर सांकेतिक धरना दे रहे हैं. बोर्ड प्रबंधन के रवैये से नाखुश कर्मचारी प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. (HPSEB Employee Protest In Shimla).

HPSEB Employee Protest In Shimla
शिमला में गरजे बिजली कर्मचारी
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Published : Aug 10, 2023, 7:03 PM IST

Updated : Aug 10, 2023, 7:09 PM IST

शिमला में गरजे बिजली कर्मचारी

शिमला: बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में ओल्ड पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर बिजली बोर्ड कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन किया. शिमला में सैंकड़ों बिजली कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनरों ने बोर्ड मुख्यालय, कुमार हाउस के बाहर जमकर नारेबाजी की और इसके बाद बोर्ड प्रबंधन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी दिया. इसमें ओपीएस बहाली करने के साथ ही बिजली बोर्ड का विघटन न करने का आग्रह किया गया. इस अवसर पर बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर जॉइंट फ्रंट के सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार से कर्मचारियों को बहुत ज्यादा अपेक्षाएं हैं, लेकिन अफसरशाही द्वारा बिजली बोर्ड को कमजोर करने को लेकर एक के बाद एक लिए जा रहे फैसलों से बिजली कर्मचारियों में नाराजगी है. उन्होंने कहा बिजली बोर्ड में अभी तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो पाई.

HPSEB Employee Protest In Shimla
शिमला में गरजे बिजली कर्मचारी

हीरा लाल वर्मा ने कहा कि साल 2004 से पहले जिन निगमों और बोर्डों में ओपीएस थी, वहां सरकार के आदेश के बाद ओपीएस लागू हो गई है, लेकिन बिजली बोर्ड में चार माह बाद भी ओपीएस लागू नहीं की जा रही. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस बारे में आदेश दिए हैं, लेकिन इन पर अमल नहीं हो रहा. ऐसे में कर्मचारियों में भारी रोष है. वहीं, बोर्ड प्रदेश में 3000 करोड़ रुपये की स्मार्ट मीटरिंग कर प्रदेश की जनता व बिजली बोर्ड के ऊपर अतिरिक्त बोझ डालने की तैयारियां कर रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड से परियोजनाओं, संचार व उत्पादन विंगों को अलग किया जा रहा है. इसका सीधा असर प्रदेश के बिजली कर्मचारी, पेंशनर व बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. जहां कर्मचारियों व पेंशनरों की सामाजिक सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. वहीं, प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली खपत की अदायगी महंगी दरों से करनी पड़ेगी.

HPSEB Employee Protest In Shimla
बिजली कर्मचारियों ने बोर्ड प्रबंधन को चेताया जल्द OPS बहाल नहीं की तो होगा आंदोलन

हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली नियामक आयोग व ट्रांसमिशन यूटिलिटी को भी आगाह करते हुए कहा कि वह बिजली बोर्ड के प्रति अपना नजरिए को बदले और इसकी कार्यप्रणाली में दखलंदाजी कम करे. हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली कर्मचारी व अभियंता काफी समय से बोर्ड में एक नियमित प्रबंध निदेशक की तैनाती करने की मांग करते आए हैं, लेकिन पिछले 4 महीने से बोर्ड को एक अस्थायी प्रबंध निदेशक से चलाया जा रहा है, जिससे बोर्ड की कार्य प्रणाली में ठहराव आ गया है. आलम यह है कि जहां 20 मई को हुई सर्विस कमेटी के मिनट्स अभी तक लागू नहीं हो पाए, वहीं बिजली कर्मचारियों व पेंशनर के वित्तीय लाभ लंबे समय से लटके पड़े हैं.

हीरा लाल वर्मा ने कहा कि आज बोर्ड कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के सामने अपनी मांगों को रखा है. इसमें बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन शीघ्र लागू करना, बिजली बोर्ड को तोड़ने की साजिश पर विराम लगाना, बिजली बोर्ड से छीनी गई चार जलविद्युत परियोजनाओं को प्रदेश हित मे बोर्ड को वापस देना, पिछले सर्विस कॉमेटी की बैठक के निर्णयों को शीघ्र लागू कर व बिजली बोर्ड में शीघ्र स्थाई प्रबंध निदेशक की तैनाती करना शामिल हैं. हीरालाल वर्मा ने कहा कि अगर बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई और बोर्ड को तोड़ने की साजिश पर रोक नहीं लगाई तो बिजली बोर्ड़ से जुड़े इसके कर्मचारियों व पेंशनर के 50 हजार परिवारों के साथ-साथ प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सड़कों में उतरने के लिये विवश होना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- MLA Rajinder Rana Facebook Account Clone: शातिरों ने MLA राजेंद्र राणा के नाम से बनाया फेक Facebook अकाउंट, मांग रहे पैसे

शिमला में गरजे बिजली कर्मचारी

शिमला: बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में ओल्ड पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर बिजली बोर्ड कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन किया. शिमला में सैंकड़ों बिजली कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनरों ने बोर्ड मुख्यालय, कुमार हाउस के बाहर जमकर नारेबाजी की और इसके बाद बोर्ड प्रबंधन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी दिया. इसमें ओपीएस बहाली करने के साथ ही बिजली बोर्ड का विघटन न करने का आग्रह किया गया. इस अवसर पर बिजली बोर्ड इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर जॉइंट फ्रंट के सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार से कर्मचारियों को बहुत ज्यादा अपेक्षाएं हैं, लेकिन अफसरशाही द्वारा बिजली बोर्ड को कमजोर करने को लेकर एक के बाद एक लिए जा रहे फैसलों से बिजली कर्मचारियों में नाराजगी है. उन्होंने कहा बिजली बोर्ड में अभी तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो पाई.

HPSEB Employee Protest In Shimla
शिमला में गरजे बिजली कर्मचारी

हीरा लाल वर्मा ने कहा कि साल 2004 से पहले जिन निगमों और बोर्डों में ओपीएस थी, वहां सरकार के आदेश के बाद ओपीएस लागू हो गई है, लेकिन बिजली बोर्ड में चार माह बाद भी ओपीएस लागू नहीं की जा रही. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस बारे में आदेश दिए हैं, लेकिन इन पर अमल नहीं हो रहा. ऐसे में कर्मचारियों में भारी रोष है. वहीं, बोर्ड प्रदेश में 3000 करोड़ रुपये की स्मार्ट मीटरिंग कर प्रदेश की जनता व बिजली बोर्ड के ऊपर अतिरिक्त बोझ डालने की तैयारियां कर रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड से परियोजनाओं, संचार व उत्पादन विंगों को अलग किया जा रहा है. इसका सीधा असर प्रदेश के बिजली कर्मचारी, पेंशनर व बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. जहां कर्मचारियों व पेंशनरों की सामाजिक सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. वहीं, प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली खपत की अदायगी महंगी दरों से करनी पड़ेगी.

HPSEB Employee Protest In Shimla
बिजली कर्मचारियों ने बोर्ड प्रबंधन को चेताया जल्द OPS बहाल नहीं की तो होगा आंदोलन

हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली नियामक आयोग व ट्रांसमिशन यूटिलिटी को भी आगाह करते हुए कहा कि वह बिजली बोर्ड के प्रति अपना नजरिए को बदले और इसकी कार्यप्रणाली में दखलंदाजी कम करे. हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली कर्मचारी व अभियंता काफी समय से बोर्ड में एक नियमित प्रबंध निदेशक की तैनाती करने की मांग करते आए हैं, लेकिन पिछले 4 महीने से बोर्ड को एक अस्थायी प्रबंध निदेशक से चलाया जा रहा है, जिससे बोर्ड की कार्य प्रणाली में ठहराव आ गया है. आलम यह है कि जहां 20 मई को हुई सर्विस कमेटी के मिनट्स अभी तक लागू नहीं हो पाए, वहीं बिजली कर्मचारियों व पेंशनर के वित्तीय लाभ लंबे समय से लटके पड़े हैं.

हीरा लाल वर्मा ने कहा कि आज बोर्ड कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के सामने अपनी मांगों को रखा है. इसमें बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन शीघ्र लागू करना, बिजली बोर्ड को तोड़ने की साजिश पर विराम लगाना, बिजली बोर्ड से छीनी गई चार जलविद्युत परियोजनाओं को प्रदेश हित मे बोर्ड को वापस देना, पिछले सर्विस कॉमेटी की बैठक के निर्णयों को शीघ्र लागू कर व बिजली बोर्ड में शीघ्र स्थाई प्रबंध निदेशक की तैनाती करना शामिल हैं. हीरालाल वर्मा ने कहा कि अगर बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई और बोर्ड को तोड़ने की साजिश पर रोक नहीं लगाई तो बिजली बोर्ड़ से जुड़े इसके कर्मचारियों व पेंशनर के 50 हजार परिवारों के साथ-साथ प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सड़कों में उतरने के लिये विवश होना पड़ेगा.

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Last Updated : Aug 10, 2023, 7:09 PM IST
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