शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकटकाल में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक के लेनदेन मामले और महंगे दामों पर खरीदे सेनिटाइजर मामले को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने मामले की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग की है.
मंगलवार को शिमला जिला कांग्रेस ने शिमला उपायुक्त अमित कश्यप के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा, जिसमें इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायधीश से करवाने की मांग की है. जिला कांग्रेस ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी अध्यक्ष बिंदल ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि इसमें कई और लोग भी शामिल है.
शिमला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने कहा कि कोविड के इस संकट की घड़ी में भी बीजेपी नेता पैसा कमाने में लगे है. स्वास्थ्य निदेशक गिरफ्तार किए जाते है और उसके बाद बीजेपी अध्यक्ष भी इस्तीफा दे देते हैं. इस मामले में कई और नेता भी शामिल है. सरकार विजिलेंस से जांच करवा रही है, लेकिन विजिलेंस जांच पर कांग्रेस को भरोसा नहीं है. विजिलेंस सरकार के अंडर काम करती है.
यशवंत छाजटा ने कहा कि घोटाले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री को खुद आगे आ कर इस मामले की जांच निष्पक्ष रूप से करवानी चाहिए, जिससे इस संकट की घड़ी में घोटाले करने वालो को सबक सिखाया जा सके. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले की जांच सिटिंग जज से नहीं करवाई जाती है तो कांग्रेस सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी.
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक का लेनदेन को लेकर ऑडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद अधिकारी को गिरफ्तार किया गया और बाद में उन्हें बेल मिल गई है. इस मामले में बीजेपी नेता का नाम सामने आने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
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