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सरकार के खिलाफ गरजी SFI, पोस्टर जारी कर की ये मांगें - SFI expresses anger against the government through posters

एसएफआई शिमला जिला कमेटी द्वारा पोस्टर के माध्यम से अपने-अपने घरों से करोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए प्रदर्शन किया गया. साथ ही एसएफआई ने सरकार से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को दूर करने की मांग की है.

SFI expresses anger against the government through posters
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Published : May 13, 2021, 10:48 PM IST

शिमला : एसएफआई शिमला जिला कमेटी द्वारा एसएफआई अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर कोरोना वायरस के दूसरी लहर के बढ़ते मामलों को देख कर सरकार के खिलाफ पोस्टर के माध्यम से रोष प्रकट करते हुए प्रदर्शन किया गया. इस पर एसएफआई जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर पहले की लहर से कहीं अधिक भयंकर साबित हो रही है. संक्रमितों की संख्या व इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव ने संकट को ज्यादा गंभीर बनाया है. लोग इलाज के अभाव में भारी परेशानियां झेल रहे हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर पहले की लहर से कहीं अधिक भयंकर

ऐसे हालात में गरीब जनता व किसान, मजदूर, छात्र, नौजवानों को यह संकट दोतरफा ढंग से प्रभावित कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इस पर बात रखते हुए जिला सचिव बंटी ठाकुर ने भी कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के समय काम कर रहे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, आशा वर्कर्स, सफाईकर्मी, मजदूर, छात्रों और कर्मचारियों की निजी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. इस बारे कोई भी ढील अथवा लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है. अस्पतालों के अंदर मरीजों की सही तरीके से जांच नहीं हो पा रही है. सभी जरूरतमंद मरीजों के लिए ऑक्सीजन व जरूरी दवाइयों और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित हो और इसकी कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए. एसएफआई सरकार के सामने कुछ मांगें रखी हैं....

ये हैं एसएफआई की मांगें

1. सभी जरूरतमंद मरीजों के लिए ऑक्सीजन व जरूरी दवाइयों और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित हो और इनकी कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाए. सिविल हस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट तुरंत शुरू किया जाए.

2. सभी गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर उपलब्ध हो, सिविल अस्पताल के सभी वेंटिलेटर शुरू किए जाएं और जल्द ही नए वेंटिलेटर मंगवाए जाएं. जो भी मरीज अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं उनकी जिम्मेदारी सरकार की है. इसके लिए बेड कम है तो सरकार बेड की संख्या बढ़ाए या प्राइवेट अस्पतालों से बेड अधिग्रहण करें.

3. डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती जल्द से जल्द किए जाएं.

4. निजी अस्पतालों की लूट पर रोक लगे और ऑक्सीजन व आईसीयू बेड के चार्जे कम किए जाएं. प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा रहे सभी मरीजों का पूरा खर्च सरकार वहन करे.

5. कोविड मरीजों की जानकारी, ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता, वेंटिलेटर व अन्य जानकारियां सिंगल विंडो पर उपलब्ध हो ताकि मरीजों और उनके तीमरदारों को भटकना न पड़े.

6. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , उप स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी सुविधाएं प्रदान करते हुए मजबूत बनाया जाए ताकि करोना काल में प्रोटोकॉल मेंटेन किया जा सके. विकेंद्रीकरण के माध्यम से कोरोना वायरस की चेन तोड़ा जा सके.

7. लॉकडाउन की वजह से और कोविड के चलते बड़ी संख्या में मजदूर और छोटे किसानों की आमदनी बंद हो गई है. इसलिए उन्हें 7500 रुपये प्रति महीने प्रति परिवार 6 महीने तक दिए जाएं और सभी को 10 किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रति महीने व अन्य जरूरत की वस्तुएं दी जाए.

8. प्रवासी मजदूर जो लॉकडाउन के समय अपने घर जाना चाहते हैं उनके घर जाने का प्रबंध किया जाए.

9. सभी इच्छुक नागरिकों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो.

10. पीएचसी स्तर पर हर रोज कोविड सैंपलिंग की व्यवस्था हो. उपरोक्त इन मांगों पर अगर जल्दी से जल्दी कोई अमल नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में एसएफआई उग्र आंदोलन करेगी.

यह भी पढ़ें :- कोरोना कर्फ्यू का हमीरपुर के बाजारों में व्यापक असर, देखें ये रिपोर्ट

शिमला : एसएफआई शिमला जिला कमेटी द्वारा एसएफआई अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर कोरोना वायरस के दूसरी लहर के बढ़ते मामलों को देख कर सरकार के खिलाफ पोस्टर के माध्यम से रोष प्रकट करते हुए प्रदर्शन किया गया. इस पर एसएफआई जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर पहले की लहर से कहीं अधिक भयंकर साबित हो रही है. संक्रमितों की संख्या व इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव ने संकट को ज्यादा गंभीर बनाया है. लोग इलाज के अभाव में भारी परेशानियां झेल रहे हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर पहले की लहर से कहीं अधिक भयंकर

ऐसे हालात में गरीब जनता व किसान, मजदूर, छात्र, नौजवानों को यह संकट दोतरफा ढंग से प्रभावित कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इस पर बात रखते हुए जिला सचिव बंटी ठाकुर ने भी कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के समय काम कर रहे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, आशा वर्कर्स, सफाईकर्मी, मजदूर, छात्रों और कर्मचारियों की निजी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. इस बारे कोई भी ढील अथवा लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है. अस्पतालों के अंदर मरीजों की सही तरीके से जांच नहीं हो पा रही है. सभी जरूरतमंद मरीजों के लिए ऑक्सीजन व जरूरी दवाइयों और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित हो और इसकी कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए. एसएफआई सरकार के सामने कुछ मांगें रखी हैं....

ये हैं एसएफआई की मांगें

1. सभी जरूरतमंद मरीजों के लिए ऑक्सीजन व जरूरी दवाइयों और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित हो और इनकी कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाए. सिविल हस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट तुरंत शुरू किया जाए.

2. सभी गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर उपलब्ध हो, सिविल अस्पताल के सभी वेंटिलेटर शुरू किए जाएं और जल्द ही नए वेंटिलेटर मंगवाए जाएं. जो भी मरीज अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं उनकी जिम्मेदारी सरकार की है. इसके लिए बेड कम है तो सरकार बेड की संख्या बढ़ाए या प्राइवेट अस्पतालों से बेड अधिग्रहण करें.

3. डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती जल्द से जल्द किए जाएं.

4. निजी अस्पतालों की लूट पर रोक लगे और ऑक्सीजन व आईसीयू बेड के चार्जे कम किए जाएं. प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा रहे सभी मरीजों का पूरा खर्च सरकार वहन करे.

5. कोविड मरीजों की जानकारी, ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता, वेंटिलेटर व अन्य जानकारियां सिंगल विंडो पर उपलब्ध हो ताकि मरीजों और उनके तीमरदारों को भटकना न पड़े.

6. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , उप स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी सुविधाएं प्रदान करते हुए मजबूत बनाया जाए ताकि करोना काल में प्रोटोकॉल मेंटेन किया जा सके. विकेंद्रीकरण के माध्यम से कोरोना वायरस की चेन तोड़ा जा सके.

7. लॉकडाउन की वजह से और कोविड के चलते बड़ी संख्या में मजदूर और छोटे किसानों की आमदनी बंद हो गई है. इसलिए उन्हें 7500 रुपये प्रति महीने प्रति परिवार 6 महीने तक दिए जाएं और सभी को 10 किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रति महीने व अन्य जरूरत की वस्तुएं दी जाए.

8. प्रवासी मजदूर जो लॉकडाउन के समय अपने घर जाना चाहते हैं उनके घर जाने का प्रबंध किया जाए.

9. सभी इच्छुक नागरिकों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो.

10. पीएचसी स्तर पर हर रोज कोविड सैंपलिंग की व्यवस्था हो. उपरोक्त इन मांगों पर अगर जल्दी से जल्दी कोई अमल नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में एसएफआई उग्र आंदोलन करेगी.

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