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HPU के स्थापना दिवस पर SFI ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

एचपीयू के स्थापना दिवस पर एसएफआई की ओर से विश्वविद्यालय के गेट पर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया. एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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Published : Jul 22, 2020, 10:03 PM IST

sfi protested  in hpu against bus Fair hike and students exam
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शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर एसएफआई की ओर से एचपीयू गेट के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया. प्रवेश गेट पर समरहिल चौक तक छात्र प्रदर्शन करते हुए नजर आए. एसएफआई की ओर से यह प्रदर्शन प्रदेश सरकार की ओर से बस किराए में की गई 25 फीसदी बढ़ोतरी और कोविड संकट के बीच में छात्रों की परीक्षाएं करवाने के विरोध में किया गया था.

एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एसएफआई ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपना ज्ञापन सौंपना था, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में ही नहीं आए, जिसके बाद एसएफआई ने अपना ज्ञापन राज्यपाल और शिक्षा मंत्री को सौंपा.

वीडियो रिपोर्ट.

एसएफआई ने अपनी ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की है कि सरकार एमएचआरडी और यूजीसी की परीक्षा संबंधी गाइडलाइंस के तहत प्रदेश में यूजी की परीक्षाएं करवाने वाले फैसले पर एक बार विचार करें. वहीं, कोरोना वायरस के दौरान छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए छात्रों को प्रमोट किया जाए. इसके साथ ही शिक्षा में 18 फीसदी जीएसटी के फैसले को वापस लेने की मांग की.

एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि एसएफआई ने यह मांग अपने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल और शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी है कि बीएड छात्रों को जेबीटी अध्यापकों के रूप में नियुक्ति देने वाली एनसीटीई के अधिसूचना को हिमाचल में लागू न किया जाए. वहीं, कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहे छात्रों को विशेष भत्ता भी दिया जाना चाहिए.

अमित ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के संकट के बीच में परीक्षा करवा कर सरकार छात्रों के स्वास्थ्य को संकट में डाल रही है. प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसे में अगर हजारों छात्रों की परीक्षाएं एक साथ करवाई जाएगी, तो ऐसे में छात्र और कर्मचारियों पर भी कोरोना का खतरा लगातार बना रहेगा. ऐसे में सरकार को अपना फैसला बदलना चाहिए.

अमित ठाकुर ने कहा कि एसएफआई ने अपने ज्ञापन के माध्यम से जितनी भी मांगे सरकार के समक्ष रखी है, सरकार को उन मांगों पर विचार कर उन्हें पूरा करना चाहिए. अमित ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो एसएफआई अपने आंदोलन को उग्र रूप देगी.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में युवक ने राष्ट्रपति से मांगा मृत्यु दान, जातिगत आरक्षण से दुखी होकर की अपील

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर एसएफआई की ओर से एचपीयू गेट के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया. प्रवेश गेट पर समरहिल चौक तक छात्र प्रदर्शन करते हुए नजर आए. एसएफआई की ओर से यह प्रदर्शन प्रदेश सरकार की ओर से बस किराए में की गई 25 फीसदी बढ़ोतरी और कोविड संकट के बीच में छात्रों की परीक्षाएं करवाने के विरोध में किया गया था.

एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एसएफआई ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपना ज्ञापन सौंपना था, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में ही नहीं आए, जिसके बाद एसएफआई ने अपना ज्ञापन राज्यपाल और शिक्षा मंत्री को सौंपा.

वीडियो रिपोर्ट.

एसएफआई ने अपनी ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की है कि सरकार एमएचआरडी और यूजीसी की परीक्षा संबंधी गाइडलाइंस के तहत प्रदेश में यूजी की परीक्षाएं करवाने वाले फैसले पर एक बार विचार करें. वहीं, कोरोना वायरस के दौरान छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए छात्रों को प्रमोट किया जाए. इसके साथ ही शिक्षा में 18 फीसदी जीएसटी के फैसले को वापस लेने की मांग की.

एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि एसएफआई ने यह मांग अपने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल और शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी है कि बीएड छात्रों को जेबीटी अध्यापकों के रूप में नियुक्ति देने वाली एनसीटीई के अधिसूचना को हिमाचल में लागू न किया जाए. वहीं, कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहे छात्रों को विशेष भत्ता भी दिया जाना चाहिए.

अमित ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के संकट के बीच में परीक्षा करवा कर सरकार छात्रों के स्वास्थ्य को संकट में डाल रही है. प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसे में अगर हजारों छात्रों की परीक्षाएं एक साथ करवाई जाएगी, तो ऐसे में छात्र और कर्मचारियों पर भी कोरोना का खतरा लगातार बना रहेगा. ऐसे में सरकार को अपना फैसला बदलना चाहिए.

अमित ठाकुर ने कहा कि एसएफआई ने अपने ज्ञापन के माध्यम से जितनी भी मांगे सरकार के समक्ष रखी है, सरकार को उन मांगों पर विचार कर उन्हें पूरा करना चाहिए. अमित ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो एसएफआई अपने आंदोलन को उग्र रूप देगी.

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