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SFI ने ICDEOL में फीस वृद्धि का जताया विरोध, निदेशक का घेराव - हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की न्यूज

अतंरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन संस्थान में बढ़ाई गई फीस वृद्धि को लेकर छात्र संगठनों ने अपना मोर्चा खोल दिया है. छात्र संगठन इस फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं और इक्डोल से इस फीस बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं. एसएफआई का साफ मानना है कि पहले जब इक्डोल प्रोस्पेक्ट्स छपवाता था अब ऑनलाइन सिस्टम के आने के बाद जो प्रोस्पेक्ट्स छपवाने का खर्चा जो बच रहा है उसको भी तो इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए इन्वेस्ट किया जा सकता है.

SFI HPU unit opposes fee hike in icdeol, SFI एचपीयू इकाई ने इक्डोल में फीस वृद्धि का जताया विरोध
SFI एचपीयू इकाई ने इक्डोल में फीस वृद्धि का जताया विरोध
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Published : Feb 13, 2020, 5:09 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन संस्थान में बढ़ाई गई फीस वृद्धि को लेकर छात्र संगठनों ने अपना मोर्चा खोल दिया है. छात्र संगठन इस फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं और इक्डोल से इस फीस बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं.

इसी मांग को लेकर एसएफआई ने गुरूवार को एचपीयू इक्डोल के निदेशक का घेराव किया और बढ़ाई गई फीस को वापिस लेने की मांग की. एसएफआई ने कहा कि दो सप्ताह पहले इक्डोल में प्रशासन ने 10 फीसदी फीस वृद्वि की गई है. इक्डोल में वही छात्र पढ़ता है जो बेहतर आर्थिक या सीट की कमी के कारण विश्वविद्यालय में नियमित रूप से प्रवेश नहीं ले पाया हो.

SFI HPU unit opposes fee hike in icdeol, SFI एचपीयू इकाई ने इक्डोल में फीस वृद्धि का जताया विरोध
SFI एचपीयू इकाई ने इक्डोल में फीस वृद्धि का जताया विरोध

एसएफआई ने कहा कि एचपीयू इक्डोल में किन्नौर और लाहौल स्पीति जैसे दूर दराज क्षेत्र के किसान और मजदूरों के बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन प्रशासन इस तरह के छात्र विरोधी निर्णय छात्रों पर थोप कर उन्हें शिक्षा से दूर कर रहा है. वहीं, फीस को बढ़ाने के लिए प्रशासन यह तर्क दे रहा है कि यह फीस बढ़ोतरी आर्थिक बोझ को कम करने के लिए की गई है.

एसएफआई इकाई अध्यक्ष रविंदर चंदेल और सचिव गौरव नाथन की अध्यक्षता में छात्र इक्डोल निर्देशक से मिलने गए तो इक्डोल निदेशक ने कहा का यह कहना था कि इक्डोल घाटे में चल रहा है और इंफ्रास्ट्रक्चर को और बढ़ाने के लिए यह 10 फीसदी फीस वृद्धि की गई थी. एसएफआई ने कहा कि इस फीस वृद्धि को देखा जाए तो बीए में 12 से 21, बीकॉम में 10 से 18, बीसीए में 10 से 27, एमकॉम में 27, एमबीए में 31 और पीजीडीसीए में 37 फीसदी फीस वृद्धि हुई है.

वीडियो.

ओवरऑल अगर देखा जाए तो बीएड में 75 फीसदी फीस वृद्धि की गई है. एसएफआई का साफ मानना है कि पहले जब इक्डोल प्रोस्पेक्ट्स छपवाता था अब ऑनलाइन सिस्टम के आने के बाद जो प्रोस्पेक्ट्स छपवाने का खर्चा जो बच रहा है उसको भी तो इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए इन्वेस्ट किया जा सकता है. हम देखते है कि कुछ महीनों पहले इक्डोल में प्रोस्पेक्ट्स घोटाला हुआ था उस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती है.

इक्डोल निदेशक का यह भी कहना था कि यह फीस वृद्धि गठित कमेटी की सहमति से बढ़ाई गई है. एसएफआई ने साफ कहा है कि अगर आने वाले एक सप्ताह में यह यह फीस वृद्धि वापिस नहीं ली गई तो आने वाले समय मे विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश सरकार उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहे.

ये भी पढ़ें- बोर्ड एग्जाम में बच्चों की सहायता कर रहा ईटीवी भारत, जानें कैसे करें परीक्षाओं की तैयारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन संस्थान में बढ़ाई गई फीस वृद्धि को लेकर छात्र संगठनों ने अपना मोर्चा खोल दिया है. छात्र संगठन इस फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं और इक्डोल से इस फीस बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं.

इसी मांग को लेकर एसएफआई ने गुरूवार को एचपीयू इक्डोल के निदेशक का घेराव किया और बढ़ाई गई फीस को वापिस लेने की मांग की. एसएफआई ने कहा कि दो सप्ताह पहले इक्डोल में प्रशासन ने 10 फीसदी फीस वृद्वि की गई है. इक्डोल में वही छात्र पढ़ता है जो बेहतर आर्थिक या सीट की कमी के कारण विश्वविद्यालय में नियमित रूप से प्रवेश नहीं ले पाया हो.

SFI HPU unit opposes fee hike in icdeol, SFI एचपीयू इकाई ने इक्डोल में फीस वृद्धि का जताया विरोध
SFI एचपीयू इकाई ने इक्डोल में फीस वृद्धि का जताया विरोध

एसएफआई ने कहा कि एचपीयू इक्डोल में किन्नौर और लाहौल स्पीति जैसे दूर दराज क्षेत्र के किसान और मजदूरों के बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन प्रशासन इस तरह के छात्र विरोधी निर्णय छात्रों पर थोप कर उन्हें शिक्षा से दूर कर रहा है. वहीं, फीस को बढ़ाने के लिए प्रशासन यह तर्क दे रहा है कि यह फीस बढ़ोतरी आर्थिक बोझ को कम करने के लिए की गई है.

एसएफआई इकाई अध्यक्ष रविंदर चंदेल और सचिव गौरव नाथन की अध्यक्षता में छात्र इक्डोल निर्देशक से मिलने गए तो इक्डोल निदेशक ने कहा का यह कहना था कि इक्डोल घाटे में चल रहा है और इंफ्रास्ट्रक्चर को और बढ़ाने के लिए यह 10 फीसदी फीस वृद्धि की गई थी. एसएफआई ने कहा कि इस फीस वृद्धि को देखा जाए तो बीए में 12 से 21, बीकॉम में 10 से 18, बीसीए में 10 से 27, एमकॉम में 27, एमबीए में 31 और पीजीडीसीए में 37 फीसदी फीस वृद्धि हुई है.

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ओवरऑल अगर देखा जाए तो बीएड में 75 फीसदी फीस वृद्धि की गई है. एसएफआई का साफ मानना है कि पहले जब इक्डोल प्रोस्पेक्ट्स छपवाता था अब ऑनलाइन सिस्टम के आने के बाद जो प्रोस्पेक्ट्स छपवाने का खर्चा जो बच रहा है उसको भी तो इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए इन्वेस्ट किया जा सकता है. हम देखते है कि कुछ महीनों पहले इक्डोल में प्रोस्पेक्ट्स घोटाला हुआ था उस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती है.

इक्डोल निदेशक का यह भी कहना था कि यह फीस वृद्धि गठित कमेटी की सहमति से बढ़ाई गई है. एसएफआई ने साफ कहा है कि अगर आने वाले एक सप्ताह में यह यह फीस वृद्धि वापिस नहीं ली गई तो आने वाले समय मे विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश सरकार उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहे.

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