शिमला: एसएफआई राज्य कमेटी ने छात्र मांगो को लेकर शिमला में सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. महामारी के इस दौर में जब समाज का हर वर्ग अपनी जिंदगी की जंग में करोना योद्धा बनकर भूमिका निभा रहे हैं.
एसएफआई ने लगातार यूजीसी और प्रदेश विश्वविद्यालय के समक्ष प्रश्नचिन्ह लगाते हुए छात्रों की पूर्णत अनदेखी का आरोप लगाया. सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय प्रशासन का परीक्षा कराने या ना करने पर मत स्पष्ट नहीं है, ऐसे में लाखों छात्र असमंजस में है.
छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है
छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है, क्योंकि अभी तक उनकी परीक्षाओं की पूर्णत स्तिथि प्रशासन द्वारा स्पष्ट नहीं है. ऐसे में एसएफआई ने छात्रों को राहत देकर कुछ सुझाव को जेहन में रखकर प्रोमोट करने की मांग की है. एसएफआई ने इस मांग के पीछे तर्क दिया है कि छात्रों के पहले के रिकॉर्ड को आधार बनाकर प्रोमोट किया जाए क्योंकि जिस तरह से महामारी विकराल रूप धारण कर रही है.
एसएफआई ने यूजीसी से मांग की है
विश्वविद्यालय का प्रशासन दुविधा में हैं परीक्षा होगी या नहीं साथ ही साथ एसएफआई ने यूजीसी से मांग की है कि प्रोमोट करने का आधार पूरे देश में एक समान हो. इसके साथ-साथ प्रोमोट हुए छात्रों के साथ भविष्य में किसी तरह का धोखा ना हो उसके लिए भी एक स्पष्ट रूप रेखा को तैयार किया जाए, जिससे प्रोमोट हुए छात्रों के साथ कोई भेदभाव ना हो.
एसएफआई ने सीधे तौर पर जाहिर किया है कि एसएफआई वैज्ञानिक तथ्य के आधार पर सुझाव आधारित प्रोमोशन की मांग करती है.
एसएफआई जल्द ही पूरे राज्य में छात्रों का जनमत संग्रह करेगी
राज्य सचिव ने बताया कि एसएफआई जल्द ही पूरे राज्य में छात्रों का जनमत संग्रह करेगी और उसकी प्रतियों को यूजीसी, प्रदेश सरकार और विश्विद्यालय को भेजी जाएगी. जनमत संग्रह जिलावार अलग-अलग कॉलेज और शिक्षण संस्थानों के छात्रों से सुझाव भी लेंगे.
राज्य सचिव अमित ठाकुर ने छात्र समुदाय से अपील की है कि एसएफआई की इस मुहिम को सफल बनाने के लिए अपना सहयोग सुझाव सहित दें. जिससे छात्रों की वास्तविक स्थिति को सरकार के सम्मुख पेश किया जाए.
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