शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में वरिष्ठ डॉक्टरों की हड़ताल (Senior Doctors on strike in IGMC) के चलते मंगलवार को मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. ओपीडी में वरिष्ठ डॉक्टरों के न बैठने से रेजिडेंट डॉक्टरों की ओपीडी में पूरा दिन मरीजों की लंबी भीड़ लगी रही. दरअसल अकादमिक भत्ता न मिलने के (Academic allowance to IGMC Doctors) कारण आईजीएमसी में 250 सीनियर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. जिसके चलते मंगलवार को आईजीएमसी में रूटीन के 55 ऑपरेशन टालने पड़े. इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन मरीजों को हुई जिनका ऑपरेशन होना था.
स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल टीचर के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने बताया कि डॉक्टरों को अभी तक अकादमिक भत्ता नहीं मिला है. जिसके चलते डॉक्टर हड़ताल पर हैं. आईजीएमसी के अलावा मंडी, हमीरपुर, टांडा और चंबा में भी वरिष्ठ डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. इससे अस्पताल आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना होगा. हालांकि, जूनियर डॉक्टर OPD संभालेंगे, लेकिन वरिष्ठ डॉक्टरों की कमी से काम प्रभावित होना (Doctors strike in IGMC) तय है.
RDA ने भी दी अवकाश पर जाने की चेतावनी: दूसरी ओर आईजीएमसी के आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) के अध्यक्ष डॉ. मनोज मैतान ने कहा कि वह पहले सरकार के पक्ष को देखेंगे, अगर सरकार वरिष्ठ डॉक्टरों की मांगों पर अमल नहीं करती है तो आरडीए भी सेमडिकोट के पक्ष में हर रोज दो से तीन घंटे की हड़ताल शुरू कर देगी. बता दें कि आईजीएमसी में रोजाना 3 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं. इनमें कंसलटेंट डॉक्टरों के साथ सीनियर और जूनियर डॉक्टर काम संभालते हैं.
जूनियर डॉक्टर संभाल रहे काम: अगर वरिष्ठ डॉक्टरों की हड़ताल आगे भी जारी रहती है तो जूनियर डॉक्टर ही यह काम संभालना होगा. ऐसे में कम डॉक्टरों के चलते मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ सकती है. ओपीडी में चेकअप के बाद हर रोज आईजीएमसी में करीब 100 से अधिक मरीज दाखिल किए जाते हैं. वहीं, स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल टीचर के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर 1 दिन की समूहिक हड़ताल पर हैं. अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो आगे भी हडताल जारी रहेगी.
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