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Himachal Secretariat: बड़ा खुलासा, प्रदेश सचिवालय क्लर्क का पेपर भी हुआ था लीक, विजिलेंस ने दर्ज की FIR - जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का पेपर लीक

हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा पूर्व भाजपा शासन में राज्य सचिवालय में क्‍लर्कों के 82 पदों की भर्ती के लिए ली गई परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है. विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. मामले में ऊना निवासी एक ढाबा मालिक के खिलाफ भी विजिलेंस द्वारा एफआइआर दर्ज की है.

Secretariat clerk Paper Leaked in Himachal Pradesh.
हिमाचल प्रदेश में सचिवालय क्लर्क का पेपर हुआ था लीक.
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Published : Apr 30, 2023, 9:32 AM IST

शिमला: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा हिमाचल प्रदेश में करवाई गई भर्तियां संदेह के घेरे में हैं. वहीं, अब चयन आयोग द्वारा पूर्व भाजपा सरकार में राज्य सचिवालय में क्‍लर्कों के 82 पदों की भर्ती के लिए ली गई परीक्षा में अब बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जब पेपर लीक मामले की जांच की गई तो कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पेपर लीक मामले की कड़ियां आगे जुड़ती चली गईं और ये बड़ा खुलासा हुआ कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में सचिवालय क्लर्क पोस्ट कोड-962 का पेपर भी लीक हुआ था. विजिलेंस ने शनिवार को इस मामले में FIR दर्ज की है. इस मामले में ऊना निवासी के खिलाफ धारा 420 और 120 B के तहत FRI दर्ज की है. आरोपी व्‍यक्ति हमीरपुर में ढाबा चलाता है.

विजिलेंस एसपी राहुल नाथ ने बताया कि विजिलेंस के हमीरपुर पुलिस स्‍टेशन में ऊना के ढूंढला गांव के सोहन सिंह के खिलाफ यह FIR दर्ज की गई है. सोहन सिंह का हमीरपुर के पक्‍का भरो में भोजनालय है. गौरतलब है कि सचिवालय में क्लर्कों के 82 पदों के लिए 24 मई 2022 को आवेदन मांगे गए थे और 18 सितंबर को इसकी लिखित परीक्षा हुई थी. 21 अक्टूबर को परीक्षा का रिजल्ट निकाला. विजिलेंस के अनुसार 18 सितंबर की लिखित परीक्षा में 57 हजार 710 परीक्षार्थी बैठे थे और 33 हजार 241 परीक्षा से अनुपस्थित रहे. इसमें 897 युवाओं ने परीक्षा पास की थी. जिसके बाद 265 युवाओं को टाइपिंग टेस्‍ट के लिए बुलाया गया था. इसके बाद फाइनल 82 चयनित युवाओं की सूची तैयार की गई. हालांकि अभी तक चयनित युवाओं को ज्‍वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया है.

इस मामले में शनिवार को विजिलेंस ने FIR दर्ज कर ली है. हालांकि आरोपी को अभी विजिलेंस ने गिरफ्तार नहीं किया है. विजिलेंस के अनुसार इस मामले में भी पैसों का लेनदेन हुआ है. सोहन सिंह पहले भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका है. बता दें कि बीते साल 23 दिसंबर को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का पेपर लीक होने के बाद प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कामकाज को निलंबित कर दिया था. बाद में विभागीय जांच व विजिलेंस की रिपोर्ट में पिछले 3 सालों में अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद आयोग को भंग कर दिया गया. सरकार ने नए आयोग के गठन तक हिमाचल लोक सेवा आयोग को सभी भर्ती प्रक्रियाओं की जिम्मेदारी दी है.

ये भी पढ़ें: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर बंद होने से अभ्यर्थी परेशान, सीएम से मिलने पहुंचे युवकों ने की ये मांग

शिमला: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा हिमाचल प्रदेश में करवाई गई भर्तियां संदेह के घेरे में हैं. वहीं, अब चयन आयोग द्वारा पूर्व भाजपा सरकार में राज्य सचिवालय में क्‍लर्कों के 82 पदों की भर्ती के लिए ली गई परीक्षा में अब बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जब पेपर लीक मामले की जांच की गई तो कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पेपर लीक मामले की कड़ियां आगे जुड़ती चली गईं और ये बड़ा खुलासा हुआ कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में सचिवालय क्लर्क पोस्ट कोड-962 का पेपर भी लीक हुआ था. विजिलेंस ने शनिवार को इस मामले में FIR दर्ज की है. इस मामले में ऊना निवासी के खिलाफ धारा 420 और 120 B के तहत FRI दर्ज की है. आरोपी व्‍यक्ति हमीरपुर में ढाबा चलाता है.

विजिलेंस एसपी राहुल नाथ ने बताया कि विजिलेंस के हमीरपुर पुलिस स्‍टेशन में ऊना के ढूंढला गांव के सोहन सिंह के खिलाफ यह FIR दर्ज की गई है. सोहन सिंह का हमीरपुर के पक्‍का भरो में भोजनालय है. गौरतलब है कि सचिवालय में क्लर्कों के 82 पदों के लिए 24 मई 2022 को आवेदन मांगे गए थे और 18 सितंबर को इसकी लिखित परीक्षा हुई थी. 21 अक्टूबर को परीक्षा का रिजल्ट निकाला. विजिलेंस के अनुसार 18 सितंबर की लिखित परीक्षा में 57 हजार 710 परीक्षार्थी बैठे थे और 33 हजार 241 परीक्षा से अनुपस्थित रहे. इसमें 897 युवाओं ने परीक्षा पास की थी. जिसके बाद 265 युवाओं को टाइपिंग टेस्‍ट के लिए बुलाया गया था. इसके बाद फाइनल 82 चयनित युवाओं की सूची तैयार की गई. हालांकि अभी तक चयनित युवाओं को ज्‍वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया है.

इस मामले में शनिवार को विजिलेंस ने FIR दर्ज कर ली है. हालांकि आरोपी को अभी विजिलेंस ने गिरफ्तार नहीं किया है. विजिलेंस के अनुसार इस मामले में भी पैसों का लेनदेन हुआ है. सोहन सिंह पहले भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका है. बता दें कि बीते साल 23 दिसंबर को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का पेपर लीक होने के बाद प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कामकाज को निलंबित कर दिया था. बाद में विभागीय जांच व विजिलेंस की रिपोर्ट में पिछले 3 सालों में अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद आयोग को भंग कर दिया गया. सरकार ने नए आयोग के गठन तक हिमाचल लोक सेवा आयोग को सभी भर्ती प्रक्रियाओं की जिम्मेदारी दी है.

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