शिमला: किन्नौर के नमज्ञा डोगरी में बर्फ के नीचे दबे चार जवानों का 13 दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पा रहा है. मौसम के साफ होते ही सोमवार को फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. हालांकि, कई स्थानों पर बर्फ की परत काफी मोटी है. इससे ग्लेशियर में दबे जवानों का पता नहीं चल रहा है.
गौरतलब है कि घटनास्थल पर कई प्रकार के सुराग लगातार ग्लेशियर की चपेट में आए जवानों की खोज में मिले हैं, जिससे जवानों के मिलने की मिलने की आशाएं बढ़ गई हैं. वहीं,घटना के बाद से ही आर्मी, आईटीबीपी और ग्रेफ की विशेष टीमों द्वारा सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है.
इस दौरान आधुनिक मशीनरीज के अलावा स्थानीय ग्रामीणों की भी मदद भी ली जा रही है. विशेष टीमों की मदद से किेए जा रही सर्च ऑपरेशन के दौरान मौसम भी कई बार करवट बदल चुका है.इसके बावजूद जवानों की तलाश जारी है.
बता दें कि पुह उपमंडल के नमज्ञा डोगरी नामक स्थान पर बुधवार 20 फरवरी को ग्लेशियर की चपेट में 6 जवान आए थे. जिनमें से एक जवान को तुरंत प्रभाव से निकाल दिया गया था और एक का शव बीते रविवार बरामद हुआ था. अब फिलहाल उन चार जवानों की तलाश जारी है.
जिनमें इलेक्ट्रॉनिक राडार डिटेक्टर, मैटल डिटेक्टर व खोजी कुत्ते का इस्तेमाल किया जा रहा है. बर्फ को करीब 5 से 6 फीट गहरा खोद कर लंबी पट्टी बनाई जा रही है, ताकि इसमें खोजी कुत्ते के अलावा इलैक्ट्रॉनिक रडार के जरिए जवानों को तलाशा जा सके.
गौर रहे कि रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी को लेकर जवानों के परिजन सवाल उठा चुके हैं. वहीं, जयराम ठाकुर का कहना है कि मौसम खराब होने के कारण सर्च ऑपरेशन में देरी आई थी, लेकिन मौसम साफ होते ही बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया है.