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हिमाचल में आपदा के समय बचाव कार्य संभालेगी SDRF, कैबिनेट ने फोर्स के गठन को दी मंजूरी

हिमाचल प्रदेश में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स यानी एसडीआरएफ का गठन होगा. शनिवार को कैबिनेट मीटिंग में इस फोर्स के गठन को मंजूरी दी गई. इस फोर्स के गठन से बाढ़, भूस्खलन, हिमस्खलन और भूकंप आने की स्थिति में बचाव कार्य जल्दी शुरू हो सकेगा.

हिमाचल मंत्रिमंडल
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Published : Dec 28, 2019, 8:03 PM IST

शिमला: प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स यानी एसडीआरएफ का गठन होगा. शनिवार को कैबिनेट मीटिंग में इस फोर्स के गठन को मंजूरी दी गई. इस फोर्स के गठन से बाढ़, भूस्खलन, हिमस्खलन और भूकंप आने की स्थिति में बचाव कार्य जल्दी शुरू हो सकेगा. नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स यानी एनडीआरएफ के मोर्चा संभालने से पहले ही एसडीआरएफ बचाव कार्य शुरू कर देगी.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में एसडीआरएफ के गठन का फैसला हुआ. हिमाचल प्रदेश में एसडीआरएफ की तीन कंपनियां होंगी. फैसले के मुताबिक एसडीआरएफ में 365 जवानों की भर्ती होगी.सोलन जिला के अर्की, मंडी और ऊना जिला के मुबारकपुर में एसडीआरएफ की कंपनियों की तैनाती होगी. मीटिंग में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि एसडीआरएफ प्राकृतिक आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों की जान बचाने, राहत कार्य चलाने व क्षति को न्यूनतम करने में सहायक साबित होगी.

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एसडीआरएफ के जवानों को अल्पावधि में प्राकृतिक आपदा ग्रस्त क्षेत्र में तैनात किया जा सकेगा साथ ही मणिमहेश, किन्नर कैलाश व श्रीखंड यात्रा के दौरान भी बचाव कार्यों फोर्स की सेवाएं ली जा सकेंगी. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं के मामले में बेहद संवेदनशील है. यहां बरसात के दौरान भूस्खलन से जानव माल का काफी नुकसान होता है. इस वित्त वर्ष में बरसात के कारण 1200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था.

यही नहीं बादल फटने व भारी बर्फबारी से भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है. लाहौल घाटी में बर्फबारी की वजह से सैकड़ों पर्यटकों की जान सांसत में फंस गई थी. बरसात में सोलन जिला के कुमारहट्टी में भवन के जमींदोज होने से असम राइफल के कई जवान काल के मुंह में समा गए थे.

प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त भी एसडीआरएफ के गठन का फैसला हुआ था. तत्कालीन सरकार ने एसडीआरएफ की तीन कंपनियों में 300 जवानों को भर्ती करने का फैसला लिया था साथ ही पुलिस विभाग को एसडीआरएफ के गठन के लिए धन जारी करने की बात भी कही गई थी, लेकिन अब जयराम सरकार ने इस कवायद को सिरे चढ़ाया है.

शिमला: प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स यानी एसडीआरएफ का गठन होगा. शनिवार को कैबिनेट मीटिंग में इस फोर्स के गठन को मंजूरी दी गई. इस फोर्स के गठन से बाढ़, भूस्खलन, हिमस्खलन और भूकंप आने की स्थिति में बचाव कार्य जल्दी शुरू हो सकेगा. नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स यानी एनडीआरएफ के मोर्चा संभालने से पहले ही एसडीआरएफ बचाव कार्य शुरू कर देगी.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में एसडीआरएफ के गठन का फैसला हुआ. हिमाचल प्रदेश में एसडीआरएफ की तीन कंपनियां होंगी. फैसले के मुताबिक एसडीआरएफ में 365 जवानों की भर्ती होगी.सोलन जिला के अर्की, मंडी और ऊना जिला के मुबारकपुर में एसडीआरएफ की कंपनियों की तैनाती होगी. मीटिंग में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि एसडीआरएफ प्राकृतिक आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों की जान बचाने, राहत कार्य चलाने व क्षति को न्यूनतम करने में सहायक साबित होगी.

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एसडीआरएफ के जवानों को अल्पावधि में प्राकृतिक आपदा ग्रस्त क्षेत्र में तैनात किया जा सकेगा साथ ही मणिमहेश, किन्नर कैलाश व श्रीखंड यात्रा के दौरान भी बचाव कार्यों फोर्स की सेवाएं ली जा सकेंगी. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं के मामले में बेहद संवेदनशील है. यहां बरसात के दौरान भूस्खलन से जानव माल का काफी नुकसान होता है. इस वित्त वर्ष में बरसात के कारण 1200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था.

यही नहीं बादल फटने व भारी बर्फबारी से भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है. लाहौल घाटी में बर्फबारी की वजह से सैकड़ों पर्यटकों की जान सांसत में फंस गई थी. बरसात में सोलन जिला के कुमारहट्टी में भवन के जमींदोज होने से असम राइफल के कई जवान काल के मुंह में समा गए थे.

प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त भी एसडीआरएफ के गठन का फैसला हुआ था. तत्कालीन सरकार ने एसडीआरएफ की तीन कंपनियों में 300 जवानों को भर्ती करने का फैसला लिया था साथ ही पुलिस विभाग को एसडीआरएफ के गठन के लिए धन जारी करने की बात भी कही गई थी, लेकिन अब जयराम सरकार ने इस कवायद को सिरे चढ़ाया है.

Intro:हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय

प्रदेश मंत्रिमण्डल की शनिवार को शिमला में आयोजित बैठक में प्रदेश सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केन्द्रीय वित्त एवं काॅरपोरेट राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया गया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश सरकार को भरपूर सहयोग देने के लिए प्रदेश की जनता का भी आभार व्यक्त किया।

Body:मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग और हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में महिला उम्मीदवारों को परीक्षा प्रवेश शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश में प्राकृतिक एवं मानव निर्मित खतरों के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमण्डल ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) गठित करने का निर्णय लिया है जिसमें तीन कम्पनियां शामिल होंगी। इससे राज्य सरकार को प्राकृतिक आपदाओं के समय न्यूनतम समय में अपने संसाधनों को उपयोग में लाने की सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ का इस्तेमाल मणिमहेश यात्रा, श्रीखण्ड यात्रा, किन्नर कैलाश यात्रा जैसे आयोजनों के लिए भी किया जा सकेगा जहां निवारक उपायों की आवश्यकता रहती है।

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मंत्रिमण्डल ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 9वीं व 10वीं कक्षा के सामान्य श्रेणी के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की।

बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता में 20 हजार रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के उपरांत लाभार्थियों को 1.30 लाख रुपये के स्थान पर 1.50 लाख रुपये मिलेंगे। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री आवास मुरम्मत योजना के अंतर्गत 25 हजार के स्थान पर 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

मंत्रिमंडल ने 10 सब्जी मण्डियों को ई-नाम (इलैक्ट्राॅनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान की ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके। इस तरह, अब तक राज्य में 29 सब्जी मण्डियों को इस सुविधा से जोड़ा जा चुका है। इस सुविधा से किसानों को अपने उत्पाद आॅनलाइन बेचने में सहायता मिलेगी और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें बेहतर दाम मिलेंगे और साथ ही समयबद्ध तरीके से आॅनलाइन अदायगी भी सुनिश्चित होगी।

हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाएं के 10 पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई है। इन पदों को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती के आधार पर भरा जाएगा।

पुलिस विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 174 पद भरने को मंत्रिमण्डल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है।

मंत्रिमण्डल ने श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल काॅलेज नेरचैक जिला मण्डी के रेडियोथेरेपी विभाग के कैंसर देखभाल केन्द्र में विभिन्न श्रेणियों के सात पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार इन्दिरा गांधी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल शिमला में सीधी भर्ती के माध्यम से रेडियेशन सेफ्टी आॅफिसर का एक पद और चिकित्सा भौतिक विज्ञानी के दो पद भरने को स्वीकृति दी गई है।

बैठक में मण्डी जिला की बल्ह तहसील के अन्तर्गत गांव भायरटा, चच्योट तहसील के गांव बैला, उप-तहसील पांगणा के गांव मसोगल में उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोलने और इन संस्थानों के लिए महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के तीन-तीन पद सृजित करने व भरने का निर्णय लिया गया।

मण्डी जिला के नगवाईं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 50 बिस्तरों की क्षमता वाले नागरिक अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विभिन्न श्रेणियों के 19 पद सृजित कर इन्हें भरा जाएगा।

आबकारी एवं कराधान विभाग की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने और ई-वे बिल के सत्यापन के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने, पंजीकरण सत्यापन व डिस्टिलर कर की वसूली और अन्य सम्बन्धित कार्यों के लिए मंत्रिमण्डल ने विभाग ने आबकारी एवं कराधान निरीक्षकों के 50 पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरने का निर्णय लिया।

उपायुक्त शिमला के कार्यालय में जूनियर आॅफिस एसिस्टेंट के 25 पदों को अनुबन्ध आधार पर भरा जाएगा।

साहसिक खेलों व हवाई खेल गतिविधियों का सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से राज्य मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश एयरो स्पोर्ट्स नियम, 2019 को मंजूरी प्रदान की है। इसके अन्तर्गत पैराग्लाईडिंग, हैंडग्लाईडिंग और पैरामोटर जैसी गतिविधियां शामिल होंगी।

बैठक में सोलन जिला के अन्तर्गत अर्की पुलिस थाना के छयोड़ खड्ड के सराली में नई पुलिस चैकी खोलने और विभिन्न श्रेणियों के 13 पद भरने का निर्णय लिया गया।

मण्डी जिले की बल्ह तहसील के अन्तर्गत लोहारा स्वास्थ्य उप केन्द्र और शिमला जिला के खलीणी उप-स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया है।

सोलन जिले के प्राथमिक शिक्षा खण्ड रामशहर की राजकीय प्राथमिक पाठशाला हलीण को राजकीय प्राथमिक पाठशाला अलयोण के रूप में पुनर्नामित करने का फैसला किया गया है।

सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबन्ध आधार पर प्रोसैस इंजीनियरों के पांच भरने का निर्णय लिया गया है।

मंत्रिमंडल ने चम्बा में नया जिला पर्यटन विकास कार्यालय और तीन अन्य जिलों में सहायक पर्यटन विकास कार्यालय खोलने और पर्यटन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 23 पदों के सृजन व इन्हें भरने को अपनी सहमति प्रदान की।

Conclusion:बैठक में जिला मण्डी के धर्मपुर क्षेत्र के अंतर्गत सजाओ पिपलू, सिराज क्षेत्र के बगश्याड़, जोगिन्द्रनगर के गुम्मा और जिला सिरमौर के पछाद क्षेत्र के अंतर्गत भालटा मछेहड़ व नैना टिक्कर के पशु औषधालयों को पशु चिकित्सालय के रूप में स्तरोन्नत करने और इनके लिए विभिन्न श्रेणियों के 21 पद सृजित करने व भरने का निर्णय लिया गया।

जिला मण्डी की मणी ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य उप-केन्द्र खोलने व इसके लिए दो पदों के सृजन का फैसला लिया गया है।

मंत्रिमंडल ने अपने 34 वर्ष के कार्यकाल के दौरान विभिन्न पदों पर प्रदेश को प्रदान की गई सेवाओं के लिए मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी की सराहना की। डाॅ. बाल्दी इसी माह सेवानिवृत्त होने जा रहे है। मुख्यमंत्री ने डाॅ. बाल्दी को हिमाचली टोपी और शाॅल से सम्मानित किया।
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