शिमला: प्रदेश की राजधानी शिमला में स्क्रब टायफस अब लोगों को डराने लगा है. दरअसल,स्क्रब टाइफस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. स्क्रब टाइफस से शुक्रवार को एक और मौत हो गई है. IGMC में 71 वर्षीय कोटगढ़ निवासी बुजुर्ग ने आईजीएमसी अस्पताल में दम तोड़ा है. वहीं, मृतकों का आंकड़ा अब 8 हो गया है. शुक्रवार को 16 सैंपलों की जांच की गई थी, जिसमें से पांच लोग पॉजीटिव पाए गए है और एक की मौत हुई है. अब तक इस बीमारी को लेकर 924 टेस्ट किए जा चुके हैं जिसमें 276 लोग पॉजिटिव आए हैं. वहीं, 8 लोगों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि हेपेटाइटिस-ए का भी एक मामला प्रकाश में आया है. जिसके बाद 6 लोगों के सैंपलों की जांच हुई है. वहीं, अब तक हेपेटाइटिस-ए और ई 242 सैंपलों की जांच की जा चुकी है, जिसमें से हेपेटाइटिस-ए के 92 और हेपेटाइटिस-ई के 9 मामले पॉजीटिव आए हैं.
क्या होता है स्क्रब टायफस?: स्क्रब टायफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाडिय़ों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाए, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.
स्क्रब टायफस के मुख्य लक्षण: स्क्रब टायफस होने पर मरीज को तेज बुखार होता है. जिसमें शरीर का तापमान 104 से 105 डिग्री तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द, कंपकपी ठंड के साथ बुखार शरीर में ऐंठन अकड़न और शरीर का टूटा हुआ लगना. वहीं, अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण है.
ये भी पढ़ें: Scrub Typhus: IGMC शिमला में स्क्रब टायफस के 13 मामले, डॉक्टरों ने किया अलर्ट, जानें लक्षण और बचाव