शिमला: प्रदेश में एक 1 फरवरी से स्कूलों को खोला जा रहा है. सरकार की ओर से पांचवी और आठवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है. इसके बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को खोलने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है.
स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से अक्टूबर माह में जो एसओपी जारी की गई थी. उसी के आधार पर प्रदेश में अब 1 फरवरी से स्कूलों को खोला जाएगा. कुछ एक आवश्यक बदलाव इस एसओपी में विभाग की ओर से किए जा सकते हैं.
स्कूल आने को लेकर किसी तरह का कोई दबाव नहीं रहेगा
स्कूल भले ही खोले जा रहे हैं, लेकिन छात्रों पर स्कूल आने को लेकर किसी तरह का कोई दबाव नहीं रहेगा. छात्र अपनी मर्जी से अगर स्कूल आना चाहते हैं तो वह स्कूल आ सकते हैं. यही वजह भी है कि स्कूल में हाजिरी भी अनिवार्य नहीं रखी गई है.
इस बार सरकार की ओर से अभिभावकों के सहमति पत्र की भी अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है. अभिभावक अगर चाहते हैं कि उनका बच्चा स्कूल में जाकर पढ़ाई करें तो वह अपने बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं.
एसओपी तैयार की जाएगी
वहीं, शिक्षा विभाग की ओर से पूरे पुख्ता इंतजाम स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए करने के आदेश जारी किए जाएंगे. विभाग इसके लिए अगले सप्ताह स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ ही डिप्टी डायरेक्टर के साथ वीडियो कांफ्रेंस भी करेगा. स्कूलों को किस प्लान के तहत खोला जाना चाहिए जिसके आधार पर विभाग की ओर से एसओपी तैयार की जाएगी और केंद्र की एसओपी में बदलाव किया जाएगा.
प्रदेश में भले ही कोरोना के मामले कम हो गए हैं, लेकिन बच्चों को लेकर किसी भी तरह की कोई कोताही सरकार और विभाग नहीं बरतना चाहते हैं. इसी लिए अभी भी स्कूल खुलने के बाद अभी भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही शिक्षकों, छात्रों और स्टाफ के अन्य कर्मचारियों को प्रवेश थर्मल स्कैनिंग ओर हाथ सेनिटाइज करने के बाद ही दिया जाएगा.
नहीं होगी प्रार्थना सभा
इसके साथ ही स्कूलों में भीड़ एकत्र करने पर भी प्रतिबंध रहेगा और प्रार्थना सभा भी नहीं करवाई जाएगी. किसी शिक्षक, छात्र और कर्मचारी को सर्दी, जुखाम और बुखार के लक्षण होने पर स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. विभाग भी इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए एसओपी तैयार करेगा.