शिमला: प्रदेश में ग्रीष्मकालीन स्कूल 1 फरवरी से छात्रों के लिए खोले जा रहे हैं. इन स्कूलों में 1 फरवरी से पांचवी और आठवीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों की कक्षाएं शुरू होनी है, ऐसे में छात्रों के स्कूल आने से पहले ही स्कूलों में पूरी तैयारियां की जाएंगी जिसे लेकर बुधवार से ही शिक्षक स्कूलों में आएंगे. बुधवार से ग्रीष्मकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों में शिक्षकों का आना अनिवार्य किया गया है. इसे लेकर आदेश भी शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही जारी कर दिए गए थे. शिक्षक स्कूलों में आकर स्कूलों को खोलने की पूरी व्यवस्था जांचेंगे और सभी तरह की तैयारियां भी पूरी करेंगे.
स्कूल तैयार करेंगे अपना माइक्रो प्लान
तैयारियां पूरी करने के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशों के अनुसार अपना माइक्रो प्लान भी तैयार करेंगे. माइक्रो प्लान में शिक्षकों को यह बताना होगा कि किस तरह की व्यवस्था स्कूलों को खोलने के बाद उनके स्कूल में रखी जाएगी और किस तरह से कोविड-19 के नियमों का पालन किया जाएगा.
स्कूलों को छात्रों की कक्षाओं के लिए शुरू करने के लिए सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था भी करनी होगी. छात्रों के स्कूल आने से पहले ही स्कूल कैंपस के साथ ही क्लासरूम भी पूरी तरह से सैनिटाइज होंगे जिससे कि किसी तरह की परेशानी छात्रों को ना हो.
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शिक्षा विभाग की ओर से SOP जारी
बता दें कि सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है कि 1 फरवरी से जहां प्रदेश में ग्रीष्मकालीन स्कूलों को छात्रों के लिए खोला जाएगा तो वहीं 15 फरवरी से प्रदेश के शीतकालीन स्कूल भी पांचवी और आठवीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए खोल दिए जाएंगे.
वहीं, 8 फरवरी से सभी कॉलेज भी छात्रों की कक्षाओं के लिए सुचारू रूप से खुल जाएंगे. शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल और कॉलेजों को खोलने को लेकर एसओपी (Standard operating procedure)भी जारी कर दी है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि स्कूलों में छात्रों की हाजिरी अनिवार्य नहीं होगी.
ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रखी जाएगी जिससे जो छात्र स्कूल नहीं आना चाहते हैं वह घर बैठे अपनी पढ़ाई को जारी रख सकें.
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