शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस बार छात्रों को वर्दी आवंटित करने में किसी तरह की कोई देरी नहीं होगी. शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों के छात्रों को समय पर वर्दी दी जा सके. इसके लिए वर्दी खरीद का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है. इस साल वर्दी की क्वालिटी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, जिससे पिछली बार वर्दी की गुणवत्ता को लेकर आई शिकायतें अब ना आएं. इसके साथ ही प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 8.5 लाख के करीब छात्रों को सितंबर में अक्टूबर माह में वर्दी देना भी तय किया जा रहा है. वर्दी के रंग और पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
पिछले सत्र में दी गई वर्दी के आधार पर ही सत्र 2020-21 के लिए छात्रों को वर्दी मुहैया करवाई जाएगी, लेकिन विभाग का दावा है कि लॉकडाउन के बीच खरीदी वर्दी की क्वालिटी बेहतर होगी और लैब से कपड़े की क्वालिटी के सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही छात्रों को आवंटित की जाएगी. वर्दी खरीद के प्रोसेस को लेकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कंपनी को वर्क आर्डर जारी करने से पहले सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है.
सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही शिक्षा विभाग कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी करेगी, जिसके बाद कंपनी की ओर से वर्दी के लिए कपड़ा चयनित किया जाएगा. हर छात्र को वर्दी के 2 सेट दिए जाएंगे. वहीं, इस बार गहनता से वर्दी के सैंपल की जांच की जाएगी. प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा है कि 8.5 लाख छात्रों की वर्दी खरीद को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पिछले साल वाली कंपनी ही इस बार भी छात्रों की वर्दी खरीदेगी. कोविड-19 के समय में छात्रों को सही समय और गुणवत्ता वाली वर्दी देने का प्रयास कियाजा रहा है, जिससे शिकायतें ना आएं.
बता दें कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं तक के छात्रों को लाल, काले और सफेद रंग की चेकदार वर्दी दी जाती है. 6वीं से 12वीं तक की छात्राओं को वर्दी के साथ दुपट्टा भी दिया जाएगा और वहीं लड़कों को वर्दी के साथ हरे रंग की पैंट व हरे रंग की चेक कमीज दी जाएगी. वहीं 1 से 10वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को वर्दी सिलवाने के लिए सिलाई के पैसे भी दिए जाएगा.
पिछले साल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को वर्दी दी गई थी, उसमें कुछ एक जिलों से वर्दी का रंग एक-दो धुलाई के बाद ही उतरने की शिकायत आई थी. यहां तक कि वर्दी खरीद के मामले पर सवाल भी उठाए गए थे. इसे देखते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा था कि अगले सत्र में छात्रों को दी जाने वाली वर्दी की सही तरीके से जांच करने के बाद ही आवंटित की जाएगी, जिससे इस तरह की शिकायतें दोबारा ना आएं.