शिमला: जुब्बल क्षेत्र की शिल्ली पंचायत की चमारू आंगनबाड़ी केंद्र का एक वीडियो आजकल खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में इस आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता निशा सील बंद पेटी को खोलती हुई नजर आ रही हैं. निशा दिखा रही हैं कि पेटी के बाहर 12 लीटर लिखा है, पेटी के अंदर जब रिफाइंड ऑयल एक-एक लीटर के पाउच खोले गए तो ये केवल 11लीटर ही मिले. ग्राम पंचायत के प्रधान गीता राम भी वीडियो में नजर आ रहे हैं. उन्होंने भी कहा है कि बड़ा गड़बड़ झाला है.
मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए दिए जाने 12 लीटर रिफाइंड तेल में से केवल 11 लीटर ही दिया जा रहा है. कागजों में भी 12 लीटर ही दिए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पंचायत प्रधान और एक स्थानीय निवासी सुनीता की मौजूदगी में ये वीडियो बनाया है. इन्होंने इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है. पूछे जाने पर सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री डॉ. सरवीण चौधरी का कहना है कि मामला उनके ध्यान में आया है. आंगनबाड़ी केंद्रों को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से राशन की आपूर्ति होती है.
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
वहीं, इस मामले पर अब राजनीतिक रंग भी चढ़ता नजर आ रहा है. माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. जब इस प्रकार की कम आपूर्ति कंपनियों के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में की जाती है तो इसके लिए दोषी आंगनबाड़ी सुपरवाइजर या कार्यकर्ता को ठहराया जाता है. जबकि, हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. इस प्रकार की कम आपूर्ति कंपनियों के द्वारा उपरी स्तर की मिलीभगत से की जाती है.
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