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हिमाचल की इस लेक में हुई थी 9 नागों की उत्पत्ति! ये है मान्यता

शिमला जिला के उपमंडल रामपुर की पंचायत सरपारा में बनी प्राकृति झील अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सारे प्रदेश में जानी जाती है. रामपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सरपारा लेक.

सरापरा लेक
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Published : Apr 29, 2019, 7:31 AM IST

रामपुर: शिमला जिला के उपमंडल रामपुर की पंचायत सरपारा में बनी प्राकृति झील अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सारे प्रदेश में जानी जाती है. रामपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों के बीच ये झील स्थित है. प्राकृतिक लेक के बीच में एक मंदिर है, जिसे 9 नागों का निवास स्थान माना जाता है. यहां नौ नागों की मूर्तियां भी बनाई गई हैं.

सरापरा लेक

मान्यता है कि नौ नागों की उत्पत्ति यहीं हुई थी, जिसके बाद यहां पर मंदिर बनवाया गया. मान्यता है कि श्रीखंड जाने से पहले भगवान शिव इस स्थान पर आए थे, जिसके बाद वो श्रीखंड को रवाना हुए. बता दें कि सरापरा में बनी इस लेक पर पहुंचने के लिए सड़क सुविधा अच्छी न होने के कारण यहां पर बहुत कम लोग आ पाते हैं. वहीं, झील के चारों तरफ जंगल है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को चार चांद लगा देता है.

रामपुर: शिमला जिला के उपमंडल रामपुर की पंचायत सरपारा में बनी प्राकृति झील अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सारे प्रदेश में जानी जाती है. रामपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों के बीच ये झील स्थित है. प्राकृतिक लेक के बीच में एक मंदिर है, जिसे 9 नागों का निवास स्थान माना जाता है. यहां नौ नागों की मूर्तियां भी बनाई गई हैं.

सरापरा लेक

मान्यता है कि नौ नागों की उत्पत्ति यहीं हुई थी, जिसके बाद यहां पर मंदिर बनवाया गया. मान्यता है कि श्रीखंड जाने से पहले भगवान शिव इस स्थान पर आए थे, जिसके बाद वो श्रीखंड को रवाना हुए. बता दें कि सरापरा में बनी इस लेक पर पहुंचने के लिए सड़क सुविधा अच्छी न होने के कारण यहां पर बहुत कम लोग आ पाते हैं. वहीं, झील के चारों तरफ जंगल है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को चार चांद लगा देता है.

Intro:रामपुर बुशहर 28अप्रैल मीनाक्षी


Body:हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर उपमंडल की दूरदराज क्षेत्र की पंचायत सरपारा में बनीं प्राकृति झील की अलग ही पहचान है । रामपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर जंगल के बीचो-बीच बसा सरपारा गांव से कुछ ही दूरी पर जंगल के साथ यह प्राकृति झील बनी हुई है । इस झील का एरिया काफी बड़ा है । यहां पर अति सुन्दर व मनमोहक नजारा देखने को मिलता है । यहां पर स्वच्छ वातावरण के साथ पंछियों की सुरीली आवाज गूंजती है ।
इस प्राकृति झील के बीच में एक मंदिर का निर्माण किया गया है । जिसे 9 नागों का निवास स्थान माना जाता है । यहां के ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर पहले इक पुराना मंदिर था जिसके स्थान पर अब नए मंदिर का निर्माण किया गया है । इस मंदिर में 9 नागों की मूर्तियां विराजमान है । 9 नागों की उत्पत्ति यहां से हुई थी लेकिन अब उनके जगह पर जाकर मंदिर बनें है । लेकिन यहां पर वे अपने देवताओं के साथ साल में आते है । उस दौरान यहां पर सौकडो की संख्या में लोग भी आते हैं ।
मान्यता है कि यहां पर श्रीखंड जाने से पहले इस झील के स्थान पर शिवजी आए थे यहां से ही वे श्रीखंड नाम स्थान के लिए रवाना हुए थे ।
यह ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर हर कोई नहीं जा पाता है । यह क्षेत्र दुर्गम व सड़क सुविधा सही न होने के कारण यहां पर इका दुका ही पहुंचते हैं । इसी कारण इस क्षेत्र की प्राकृति बरकरार है । इस झील के चारों तरफ जंगल है जिसके बीच में इस निर्माण हुआ है । यह झील 9नागों का जन्म स्थल माना जाता है ।



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