रामपुर: जिला के सराहन में नवरात्रि की समाप्ति के साथ शुरू होने वाले सराहन दशहरा उत्सव में इस बार कम देवता आएंगे. जिलास्तरीय ऐतिहासिक दशहरा उत्सव को इस बार औपचारिकताओं से समेटा जाएगा.
सीमित लोगों के साथ रघुनाथ की रथ यात्रा के स्थान पर पालकी और तीनप्रमुख देवताओं की छड़ी यात्रा होगी. सराहन मंदिर में नवरात्रों के दौरान भीड़ कम हो, इसलिए मां की आरती का यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जा रहा है. शिमला जिला के सराहन में आयोजित होने वाला जिला स्तरीय दशहरा मेला इस बार औपचारिकताओं में होगा.
नवरात्रि की समाप्ति के साथ शुरू होने वाले पारम्परिक एवं ऐतिहासिक सराहन दशहरा मेले की रसम रघुनाथ की पालकी और क्षेत्र के तीन प्रमुख देवताओं की छड़ी यात्रा से शुरू होगी. रघुनाथ की पालकी को राजमहल के पास तक ले जाकर रस्म अदा होगी. ज्यादा भीड़ जुटने से कोरोना महामारी फैलने की संभावनाओं को देखते हुए सभी रस्म औपचारिकताओं में पूरी की जाएंगी. इसके अलावा नवरात्रि के दौरान सराहन भीमा काली मंदिर में भीड़ न जुटे इसे ध्यान में रखते हुए मंदिर ट्रस्ट की ओर से मां की आरती का लाइव प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से किया जा रहा है ताकि लोग घर बैठे भीमा काली के दर्शनके साथ आरती में हिस्सा ले सकें.
बता दें कि पहले जिला स्तरीय इस दशहरा उत्सव को मनाने के लिए आसपास के दर्जनों देवी देवता सराहन पहुंचते थे और रघुनाथ के रथ को देवी देवताओं की उपस्थिति में राज दरबार के पास तक ले जाई जाती थी. इस दौरान हजारों की संख्या में भीड़ जुटती है. इस बार महामारी के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने इस मेले कोऔपचारिक रूप से मनाने का निर्णय लिया है. विधिवत शुभारंभ अवसर पर रघुनाथ की पालकी यात्रा, जिसमें 10 लोग शामिल होंगे.
पालकी के साथ साथ 3 क्षेत्र के तीन प्रमुख देवताओं की छड़ी चलाई जाएगी. हर देवते की छड़ी के साथ पांच पांच लोग शमिल होंगे. इस दौरान ना तो दुकानें सजी और ना ही कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम में अन्य प्रमुख गतिविधियां होगी. केवल दशहरा की मान्यताओं को परंपराओं को जीवंत रखते हुए रस्म अदा की जाएगी.
एसडीम रामपुर सुरेंद्र मोहन ने बताया कि नवरात्रि के दौरान लोगों की सुविधा के लिए भीमा काली माता मंदिर से आरती का लाइव प्रसारण यूट्यूब फेसबुक में किया जा रहा है. ताकि मंदिर में लोगों की भीड़ न जुटे. उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय दशहरा उत्सव की तैयारियां पूरी कर ली गई है, इस बार सिर्फ पारंपरिक रीति रिवाज की रस्म अदायगी होगी. सभी लोगों से भी अनुरोध किया है दशहरा उत्सव पूर्व की तर्ज पर नहीं मनाया जाएगा.
मंदिर पुजारी ने बताया कि इस बार समस्या है कि दशहरा कैसे मनाया जाए, पुराने रस्म न टूटे यह भी ध्यान रखना है. प्रशासन के दिशानिर्देश के अनुसार ही दशहरा उत्सव मनाया जाएगा. वैसे सामान्य तौर पर देवी-देवताओं के साथ भीड़ काफी जुड़ जाती थी. वहीं, रमन कुमार ने बताया दशहरा सरहान का प्रसिद्ध मेला है, लेकिन इस बार इसे न मनाने का सरकार की ओर से निर्देश हैं. वैसे मेले की शुरुआत रघुनाथ की रथ यात्रा से होती है और रथ यात्रा वापसी से समापन. लेकिन इस बार देवताओं की छड़ी के साथ ही पूजा करके इस मेले को मनाया जाएगा.
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