शिमला: माकपा ने प्रदेश में बीजेपी सरकार के एक मंत्री पर कथित जमीन खरीद के लगे आरोपों के मामले में मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच और मंत्री को तुरंत पद से हटाने की मांग की है. माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि मंत्री के पद पर रहने तक मामले में निष्पक्ष जांच की अपेक्षा नहीं की जा सकती है. इस प्रकार के आरोपों के चलते मंत्री पद की गरिमा नहीं बनी रह सकती है.
माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में बेनामी जमीन सौदों व जमीन की खरीद में राजस्व कानूनों के उल्लंघन के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें काफी मामले सत्ता के करीबी, अन्य राजनीतिक पहुंच के प्रभावशाली लोग, उनके परिवार के सदस्य और संबंधियों पर भी जमीन खरीद में कानूनों की उल्लंघना के आरोप लगें है.
इनमें से कुछ मामलों में न्यायालय में भी मुकदमे चले हैं, लेकिन सरकार इन मामलों पर संजीदा नहीं है. प्रदेश में बेनामी जमीन के सौदों व राजस्व कानून के उल्लंघन के मामलों पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे आज प्रदेश में जमीन व अन्य संसाधनों पर राजनैतिक व आर्थिक रूप से प्रभावशाली लोगों का कब्जा हो रहा है. गरीबों पर दबाव बनाकर या किसी कारण से गरीब को अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
संजय चौहान ने कहा कि वर्तमान बीजेपी सरकार प्रदेश में निवेश के नाम पर इन्वेस्टर मीट जैसे आयोजन कर जमीन व भूराजस्व कानूनों में संशोधन कर प्रदेश के संसाधनों जमीन, जल व जंगल अमीरों व कॉरपोरेट घरानों को सौंपने का काम कर रही है. एक ओर प्रदेश की गरीब जनता अगर सरकार से अपनी रोजी रोटी के लिए ज़मीन की मांग करती हैं तो सरकार इस मांग को बिल्कुल ही नजरअंदाज कर देती है.
वहीं, दूसरी ओर सरकार बड़े पूंजीपतियों व अमीर लोगों को प्रदेश की जनता के संसाधन कानून में फेरबदल कर इनको सौंपने का काम कर रही है. सीपीएम ने मांग की है कि मंत्री, अन्य सत्ता पक्ष के लोगों और अन्य जिन भी लोगों के विरुद्ध गैर कानूनी रूप से जमीन खरीद व अन्य भू राजस्व कानूनों के उल्लंघना के आरोप लगें है. इनकी निष्पक्ष जांच कर इन पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
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