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प्रदेश में स्कूलों को सेनिटाइज करने का काम पूरा, 9 जिलों से शिक्षा विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट

प्रदेश में शिक्षा विभाग के पास आज पहले दिन ही 9 जिलों से स्कूलों के खुलने और उन्हें सेनिटाइज करने की रिपोर्ट पहुंच चुकी है. इस रिपोर्ट से यह तय हो चुका है कि 1 फरवरी से प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की कक्षाओं को लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

Himachal Pradesh Education Department News, हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग न्यूज
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Published : Jan 27, 2021, 9:01 PM IST

शिमला: प्रदेश में आज से ग्रीष्मकालीन स्कूल खोल दिए गए हैं. 15 हजार के करीब इन स्कूलों में आज पहले दिन सभी शिक्षक स्कूल पहुंचे और उन्होंने 1 फरवरी के लिए तैयारियां पूरी की. स्कूलों के खुलने के बाद स्कूल कैंपस को सेनिटाइज करने के साथ ही क्लासरूम को सेनिटाइज करने की प्रक्रिया को पूरा किया गया. इसकी रिपोर्ट भी स्कूलों ने शिक्षा विभाग को सौंपी है.

विभाग के पास आज पहले दिन ही 9 जिलों से स्कूलों के खुलने और उन्हें सेनिटाइज करने की रिपोर्ट पहुंच चुकी है. इस रिपोर्ट से यह तय हो चुका है कि 1 फरवरी से प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की कक्षाओं को लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रदेश में खुले स्कूल, 9 जिलों से शिक्षा विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट

प्रदेश में जो ग्रीष्मकालीन स्कूल खुल चुके हैं अब वह 29 जनवरी तक शिक्षा विभाग को अपना माइक्रो प्लान सौपेंगे. स्कूलों को खोलने को लेकर जारी की गई एसओपी के तहत तैयारियां पूरी करने के साथ ही स्कूल अपना अपना माइक्रो प्लान भी तैयार करेंगे जिससे कि छात्रों की स्ट्रेंथ के हिसाब से पूरी व्यवस्था स्कूल में छात्रों की कक्षाएं लगाने को लेकर हो सकें.

स्कूल छात्रों की स्ट्रेंथ के हिसाब से अपना माइक्रो प्लान तैयार करेंगे. विभाग के पास माइक्रो प्लान आने के बाद स्कूलों को उसी के आधार पर व्यवस्था रखने की अनुमति विभाग की ओर से प्रदान की जाएगी. स्कूलों में 1 फरवरी से पांचवी और आठवीं से लेकर 12वीं कक्षा के छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाई जाएंगी.

छात्रों पर स्कूल आने का दबाव नहीं रहेगा

विभाग की ओर से जो एसओपी तैयार की गई उसके तहत शिक्षा विभाग ने पहले ही तय कर दिया है कि किसी भी छात्र पर स्कूल आने का दबाव नहीं रहेगा. छात्र अपनी मर्जी से स्कूल आना चाहते हैं तो आ सकते हैं. इसके साथ ही हाजिरी भी स्कूलों में अनिवार्य नहीं रखी गई है.

वहीं, विभाग ने यह भी तय किया है कि नियमित कक्षाओं के साथ ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी जिससे कि जो छात्र स्कूल नहीं आ रहे हैं वह घर बैठ कर ही अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखें. विभाग में स्कूलों को खोलने को लेकर जो एसओपी तय की गई है उसके अनुसार छात्रों, शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य है.

स्कूल कैंपस में भी छात्र भीड़ एकत्र नहीं करेंगे

कक्षाओं में भी 2 गज की दूरी बना कर रखनी होगी तो वहीं, स्कूल कैंपस में भी छात्र भीड़ एकत्र नहीं करेंगे. इसी को देखते हुए लंच टाइमिंग को भी अलग-अलग तरह से रखने और छात्रों के स्कूल में प्रवेश और स्कूल से जाने के समय को भी अलग-अलग तय करने के निर्देश विभाग की ओर से जारी किए गए हैं.

इसके साथ ही स्कूल कैंपस में किसी भी तरह आयोजन पर रोक लगाने के साथ ही प्रार्थना सभा पर भी पूरी तरह से रोक विभाग की ओर से लगाई गई है. स्कूल कैंपस में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा स्कूल के प्रवेश गेट पर ही हाथ सेनिटाइज करने की व्यवस्था भी स्कूल प्रबंधन को करनी होगी.

जिन स्कूलों में ज्यादा स्ट्रेंथ वहां वैकल्पिक दिनों में लगा सकेंगे कक्षाएं

प्रदेश के जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक होगी वहां वैकल्पिक दिनों में छात्रों की कक्षाएं लगाए जाने का प्रावधान किया जाएगा. इन स्कूलों में नौंवी और ग्यारहवीं के छात्रों कि कक्षाएं एक दिन छोड़कर लगाई जा सकती है, जबकि बोर्ड की कक्षाएं नियमित रूप से ही स्कूलों में लगेंगी.

ये भी पढ़ें- CM जयराम 28 जनवरी को मुख्यमंत्री संवाद कक्ष का करेंगे उद्घाटन, इस दिन कांगड़ा के लिए होंगे रवाना

शिमला: प्रदेश में आज से ग्रीष्मकालीन स्कूल खोल दिए गए हैं. 15 हजार के करीब इन स्कूलों में आज पहले दिन सभी शिक्षक स्कूल पहुंचे और उन्होंने 1 फरवरी के लिए तैयारियां पूरी की. स्कूलों के खुलने के बाद स्कूल कैंपस को सेनिटाइज करने के साथ ही क्लासरूम को सेनिटाइज करने की प्रक्रिया को पूरा किया गया. इसकी रिपोर्ट भी स्कूलों ने शिक्षा विभाग को सौंपी है.

विभाग के पास आज पहले दिन ही 9 जिलों से स्कूलों के खुलने और उन्हें सेनिटाइज करने की रिपोर्ट पहुंच चुकी है. इस रिपोर्ट से यह तय हो चुका है कि 1 फरवरी से प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की कक्षाओं को लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रदेश में खुले स्कूल, 9 जिलों से शिक्षा विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट

प्रदेश में जो ग्रीष्मकालीन स्कूल खुल चुके हैं अब वह 29 जनवरी तक शिक्षा विभाग को अपना माइक्रो प्लान सौपेंगे. स्कूलों को खोलने को लेकर जारी की गई एसओपी के तहत तैयारियां पूरी करने के साथ ही स्कूल अपना अपना माइक्रो प्लान भी तैयार करेंगे जिससे कि छात्रों की स्ट्रेंथ के हिसाब से पूरी व्यवस्था स्कूल में छात्रों की कक्षाएं लगाने को लेकर हो सकें.

स्कूल छात्रों की स्ट्रेंथ के हिसाब से अपना माइक्रो प्लान तैयार करेंगे. विभाग के पास माइक्रो प्लान आने के बाद स्कूलों को उसी के आधार पर व्यवस्था रखने की अनुमति विभाग की ओर से प्रदान की जाएगी. स्कूलों में 1 फरवरी से पांचवी और आठवीं से लेकर 12वीं कक्षा के छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाई जाएंगी.

छात्रों पर स्कूल आने का दबाव नहीं रहेगा

विभाग की ओर से जो एसओपी तैयार की गई उसके तहत शिक्षा विभाग ने पहले ही तय कर दिया है कि किसी भी छात्र पर स्कूल आने का दबाव नहीं रहेगा. छात्र अपनी मर्जी से स्कूल आना चाहते हैं तो आ सकते हैं. इसके साथ ही हाजिरी भी स्कूलों में अनिवार्य नहीं रखी गई है.

वहीं, विभाग ने यह भी तय किया है कि नियमित कक्षाओं के साथ ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी जिससे कि जो छात्र स्कूल नहीं आ रहे हैं वह घर बैठ कर ही अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखें. विभाग में स्कूलों को खोलने को लेकर जो एसओपी तय की गई है उसके अनुसार छात्रों, शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य है.

स्कूल कैंपस में भी छात्र भीड़ एकत्र नहीं करेंगे

कक्षाओं में भी 2 गज की दूरी बना कर रखनी होगी तो वहीं, स्कूल कैंपस में भी छात्र भीड़ एकत्र नहीं करेंगे. इसी को देखते हुए लंच टाइमिंग को भी अलग-अलग तरह से रखने और छात्रों के स्कूल में प्रवेश और स्कूल से जाने के समय को भी अलग-अलग तय करने के निर्देश विभाग की ओर से जारी किए गए हैं.

इसके साथ ही स्कूल कैंपस में किसी भी तरह आयोजन पर रोक लगाने के साथ ही प्रार्थना सभा पर भी पूरी तरह से रोक विभाग की ओर से लगाई गई है. स्कूल कैंपस में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा स्कूल के प्रवेश गेट पर ही हाथ सेनिटाइज करने की व्यवस्था भी स्कूल प्रबंधन को करनी होगी.

जिन स्कूलों में ज्यादा स्ट्रेंथ वहां वैकल्पिक दिनों में लगा सकेंगे कक्षाएं

प्रदेश के जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक होगी वहां वैकल्पिक दिनों में छात्रों की कक्षाएं लगाए जाने का प्रावधान किया जाएगा. इन स्कूलों में नौंवी और ग्यारहवीं के छात्रों कि कक्षाएं एक दिन छोड़कर लगाई जा सकती है, जबकि बोर्ड की कक्षाएं नियमित रूप से ही स्कूलों में लगेंगी.

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