शिमला: प्रदेश में प्री प्राइमरी कक्षाओं को अन्य स्कूलों में शुरू करने के साथ ही वोकेशनल कोर्सेज को विकसित करने के लिए समग्र शिक्षा को बजट की आवश्यकता है. यही वजह है कि समग्र शिक्षा की ओर से इस कार्य के लिए अब केंद्र से 100 करोड़ के अतिरिक्त बजट की मांग की गई है. इस बजट को लेने के लिए प्रस्ताव भी समग्र शिक्षा की ओर से तैयार कर भेज दिया गया है. अब केंद्र से यह बजट मंजूर होने पर 100 करोड़ का अतिरिक्त बजट शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रदेश को मिलेगा.
अभी हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से समग्र शिक्षा के लिए 443.18 करोड़ का बजट दिया गया है. अलग-अलग इंस्टॉलमेंट में यह बजट केंद्र की ओर से प्रदेश को जारी किया जा रहा है. यहां शिक्षा के क्षेत्र में अलग-अलग जगह पर इस बजट को खर्च किया जा रहा है, लेकिन यह बजट प्रदेश में शिक्षा से जुड़ी योजनाओं के लिए पर्याप्त नहीं हो रहा है. इसकी वजह से एक बार फिर से 100 करोड़ की बजट की मांग केंद्र से की गई है. समग्र शिक्षा को जो 443.18 करोड़ का बजट केंद्र की ओर से दिया गया है वह 2019-20 के लिए जारी किया गया है.
विभाग की ओर से अभी तक जो बजट आया है उसे प्री प्राइमरी, वोकेशनल एजुकेशन के साथ ही निःशुल्क किताबों, वर्दी, आईसीटी लैब्स के साथ ही कर्मचारियों के वेतन पर खर्च किया जा रहा है. बजट स्कूलों को बांट दिया गया है और अब इस बजट के युटिलाइजेशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही विभाग की ओर से दूसरी ग्रांट जारी की जाएगी.
वहीं, केंद्र की ओर से समग्र शिक्षा के लिए जो बजट दिया गया है. उसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी एमएचआरडी का आभार व्यक्त किया है.
100 करोड़ की ग्रांट से स्ट्रेंथन होगा प्री प्राइमरी और वोकेशनल एजुकेशन
एसएसए की ओर से केंद्र सरकार से सौ करोड़ अतिरिक्त बजट की मांग की गई है. इसके लिए प्रस्ताव बना कर भेज दिया है. इस सौ करोड़ से प्री प्राइमरी, वोकेशनल एजुकेशन के अलावा अन्य योजनाओं को पूरा किया जाएगा. इसको लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है.
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