शिमला: जिला शिमला के जुब्बल-कोटखाई विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत गरमाने लगी है. शुक्रवार को एक तरफ जहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जुब्बल कोटखाई के दौरे पर थे, वहीं जुब्बल-कोटखाई पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर सरकार पर तीखा हमला बोला है.
जुब्बल-कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने कहा कि यह उपचुनाव जुब्बल कोटखाई के आत्मसम्मान का चुनाव है. स्थानीय जनता भाजपा के सब्जबाग (झूठी आशाएं दिलाना) की राजनीति को भलीभांति समझती है. पिछले साढ़े 3 साल में सरकार ने जुब्बल कोटखाई की कोई सुध नहीं ली और अब विकास की बड़ी-बड़ी बातें की जा रही है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जुब्बल कोटखाई में सबसे अधिक कोरोना के मामले सामने आए जबकि स्थानीय भाजपा के लोग उस समय शिमला में अपनी राजनीति चमकाने में लगे थे.
रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में मानसून के चलते बारिश हो रही है जबकि जुब्बल कोटखाई में उपचुनाव को देखकर सरकार जुमलों और कोरी घोषणाओं की मूसलाधार बारिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व धूमल सरकार में विधानसभा क्षेत्र के लिए सोलह सौ करोड़ की कई घोषणाएं की गई थी, लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आया. इसी तरह वर्तमान सरकार ने भी अभी तक क्षेत्र की अनदेखी ही की है.
रोहित ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने पीडब्ल्यू मंडल कोटखाई के लिए पदों में मात्र ड्राफ्टमैन का ही पद भरा है. तहसील टिक्कर में गत 2 वर्षों से तहसीलदार का पद नहीं भरा है. कोटखाई में कॉलेज में ट्रामा सेंटर की घोषणा कोरी साबित हुई है. सेंट्रल रोड फंड पीएमजीएसवाई नाबार्ड वर्ल्ड बैंक की योजनाओं में से जुब्बल कोटखाई को कुछ नहीं मिला है.
रोहित ठाकुर ने कहा कि साढ़े 3 साल की सुध न लेने वाले मंत्री अब उपचुनाव के बहाने गर्मी से राहत पाने के लिए टूरिस्ट बनकर विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर झूठी घोषणाएं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में जिला शिमला के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ठियोग हाटकोटी सरकार 92 फीसदी कार्य पूरा हो चुका था, लेकिन वर्तमान सरकार ने 8% कार्य अभी तक पूरा नहीं कर पाई है.
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