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ठियोग में RKS की बैठक का आयोजन, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

ठियोग अस्पताल में पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए कामों और आने वाले समय में किए जाने वाले कामों को लेकर एसएमओ ठियोग की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विधायक राकेश सिंघा भी मौजूद रहे. इस दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 18 लाख 46 हजार 684 रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे सदस्यों ने मंजूरी दे दी है.

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रोगी कल्याण समिति की बैठक
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Published : Jul 25, 2020, 12:54 PM IST

ठियोग/शिमला: ठियोग अस्पताल में पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए कामों और आने वाले समय में किए जाने वाले कार्यों को लेकर एसएमओ ठियोग की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विधायक राकेश सिंघा भी मौजूद रहे. कल्याण सीमित की इस वार्षिक बैठक में नगर परिषद ठियोग की अध्यक्ष शिला वर्मा, ठियोग अस्पताल के इंचार्ज डॉ. दलीप टेकटा और बीएमओ मतियाना राजेन्द्र टेक्टा, ठियोग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजय ठाकुर सहित सभी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया.

बैठक में डॉ. दलीप टेक्टा ने रोगी कल्याण सीमित के सदस्यों के सामने अस्पताल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और अस्पताल में किए गए कामों व प्रशासन के सामने आ रही चुनोतियों को सदस्यों के सामने रखा. 3 घंटे तक चली इस बैठक में अस्पताल में स्टॉफ नर्सों, विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी और एंबुलेंस सहित कई अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई.

वीडियो

इस दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 18 लाख 46 हजार 684 रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे सदस्यों ने मंजूरी दे दी है. इससे अस्पताल में कई सुविधाएं जुटाई जाएंगी. नए अस्पताल को लोकार्पण से पहले सीवरेज से जोड़ने और फायर बिग्रेड की गाड़ी की व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई. अस्पताल के अंदर होने वाले सभी टेस्ट और दवाइयां मिलने को लेकर भी चर्चा की गई. एसएमओ ठियोग ने अस्पताल में आने वाले मरीजों के वाहनों को पार्क करने के लिए उचित व्यवस्था करने का आश्वासन भी दिया.

ठियोग अस्पताल के एसएमओ दलीप टेक्टा ने कहा कि बैठक में 62 मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें मुख्य रूप से अस्पताल के अदंर कैंटीन और स्वच्छ पेयजल के साथ 24 घंटे टेस्ट की सुविधा प्रदान करने को मंजूरी दी गई है. इस पर जल्द ही काम भी शुरू किया जाएगा.

ठियोग विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार ठियोग अस्पताल में चल रही असुविधा के लिए कोई काम नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी कोरोना का दौर चला है और शिमला के अस्पतालों में सभी का इलाज करवाना मुश्किल है. ठियोग शिमला का मुख्य द्वार है और यंहा डॉक्टर व स्टाफ नर्स दोनों ही नहीं है. ऐसे में यंहा के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वह कई बार अस्पताल में स्टाफ की नियुक्ति की मांग करते हैं, लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है.
ये भी पढ़ें: बीबीएन में कोरोना का कहर

ठियोग/शिमला: ठियोग अस्पताल में पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए कामों और आने वाले समय में किए जाने वाले कार्यों को लेकर एसएमओ ठियोग की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विधायक राकेश सिंघा भी मौजूद रहे. कल्याण सीमित की इस वार्षिक बैठक में नगर परिषद ठियोग की अध्यक्ष शिला वर्मा, ठियोग अस्पताल के इंचार्ज डॉ. दलीप टेकटा और बीएमओ मतियाना राजेन्द्र टेक्टा, ठियोग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजय ठाकुर सहित सभी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया.

बैठक में डॉ. दलीप टेक्टा ने रोगी कल्याण सीमित के सदस्यों के सामने अस्पताल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और अस्पताल में किए गए कामों व प्रशासन के सामने आ रही चुनोतियों को सदस्यों के सामने रखा. 3 घंटे तक चली इस बैठक में अस्पताल में स्टॉफ नर्सों, विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी और एंबुलेंस सहित कई अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई.

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इस दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 18 लाख 46 हजार 684 रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे सदस्यों ने मंजूरी दे दी है. इससे अस्पताल में कई सुविधाएं जुटाई जाएंगी. नए अस्पताल को लोकार्पण से पहले सीवरेज से जोड़ने और फायर बिग्रेड की गाड़ी की व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई. अस्पताल के अंदर होने वाले सभी टेस्ट और दवाइयां मिलने को लेकर भी चर्चा की गई. एसएमओ ठियोग ने अस्पताल में आने वाले मरीजों के वाहनों को पार्क करने के लिए उचित व्यवस्था करने का आश्वासन भी दिया.

ठियोग अस्पताल के एसएमओ दलीप टेक्टा ने कहा कि बैठक में 62 मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें मुख्य रूप से अस्पताल के अदंर कैंटीन और स्वच्छ पेयजल के साथ 24 घंटे टेस्ट की सुविधा प्रदान करने को मंजूरी दी गई है. इस पर जल्द ही काम भी शुरू किया जाएगा.

ठियोग विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार ठियोग अस्पताल में चल रही असुविधा के लिए कोई काम नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी कोरोना का दौर चला है और शिमला के अस्पतालों में सभी का इलाज करवाना मुश्किल है. ठियोग शिमला का मुख्य द्वार है और यंहा डॉक्टर व स्टाफ नर्स दोनों ही नहीं है. ऐसे में यंहा के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वह कई बार अस्पताल में स्टाफ की नियुक्ति की मांग करते हैं, लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है.
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