ETV Bharat / state

Himachal High court पहुंचा छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ न दिए जाने का मामला, रिटायर्ड टीचर्स की याचिका पर सरकार व एजी को नोटिस

छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने सेवानिवृत शिक्षकों द्वारा दायर याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य सरकार के वित्त सचिव और शिक्षा सचिव सहित हिमाचल प्रदेश महालेखाकार को नोटिस जारी किया है. (Retired teachers petition in Himachal High Court) (Himachal High Court) (Himachal High Court Sixth Pay Commission).

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 16, 2023, 7:20 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने सेवानिवृत शिक्षकों द्वारा दायर याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार के वित्त सचिव सहित शिक्षा सचिव और हिमाचल प्रदेश महालेखाकार को नोटिस जारी किए. मामले पर सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. प्रार्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अभी तक कोई वित्तीय लाभ नहीं दिए.

प्रार्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधी नियम बनाए. इन नियमों के तहत सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की. प्रार्थियों का कहना है कि वे भी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं. क्योंकि वे 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत हुए थे. 25 फरवरी 2022 को सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधन कर 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत होने वाले कर्मियों की डीसीआर ग्रेच्यूटी की सीमा 10 लाख से 20 लाख कर दी थी. 17 सितंबर 2022 को सरकार ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर वित्तीय लाभ देने के लिए किश्तें बनाई, जिसके अनुसार वित्तीय लाभों की बकाया राशि का भुगतान पांच किश्तों में करने का प्रावधान बनाया गया.

प्रार्थियों का कहना है कि उनके वित्तीय लाभ किश्तों में देने का प्रावधान सरासर गलत है. सेवानिवृति लाभ पाना उनका अधिकार है और सरकार ये लाभ देकर उन पर कोई एहसान नहीं कर रही है. सरकार को सेवानिवृत कर्मचारियों के वित्तीय लाभ किश्तों में देने की इजाजत नहीं दी जा सकती और वो भी बिना ब्याज के. प्रार्थियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जो कर्मचारी 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत हुए हैं, उन्हें वित्तीय लाभ पांच किश्तों में और जो 1 मार्च 2022 से बाद सेवानिवृत हुए हैं, उन्हें सभी लाभों का बकाया एक साथ भुगतान किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: एलटी और शास्त्री शिक्षकों को दिया जाए टीजीटी पद का वेतन और प्रवक्ता के रूप में प्रमोशन का अवसर, हाईकोर्ट का अहम फैसला

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने सेवानिवृत शिक्षकों द्वारा दायर याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार के वित्त सचिव सहित शिक्षा सचिव और हिमाचल प्रदेश महालेखाकार को नोटिस जारी किए. मामले पर सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. प्रार्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अभी तक कोई वित्तीय लाभ नहीं दिए.

प्रार्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधी नियम बनाए. इन नियमों के तहत सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की. प्रार्थियों का कहना है कि वे भी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं. क्योंकि वे 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत हुए थे. 25 फरवरी 2022 को सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधन कर 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत होने वाले कर्मियों की डीसीआर ग्रेच्यूटी की सीमा 10 लाख से 20 लाख कर दी थी. 17 सितंबर 2022 को सरकार ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर वित्तीय लाभ देने के लिए किश्तें बनाई, जिसके अनुसार वित्तीय लाभों की बकाया राशि का भुगतान पांच किश्तों में करने का प्रावधान बनाया गया.

प्रार्थियों का कहना है कि उनके वित्तीय लाभ किश्तों में देने का प्रावधान सरासर गलत है. सेवानिवृति लाभ पाना उनका अधिकार है और सरकार ये लाभ देकर उन पर कोई एहसान नहीं कर रही है. सरकार को सेवानिवृत कर्मचारियों के वित्तीय लाभ किश्तों में देने की इजाजत नहीं दी जा सकती और वो भी बिना ब्याज के. प्रार्थियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जो कर्मचारी 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत हुए हैं, उन्हें वित्तीय लाभ पांच किश्तों में और जो 1 मार्च 2022 से बाद सेवानिवृत हुए हैं, उन्हें सभी लाभों का बकाया एक साथ भुगतान किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: एलटी और शास्त्री शिक्षकों को दिया जाए टीजीटी पद का वेतन और प्रवक्ता के रूप में प्रमोशन का अवसर, हाईकोर्ट का अहम फैसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.