शिमलाः शहर में ऑलिव ग्रीन कलर की गाड़ियाें के चलने पर राेक लगा दी गई है. हिमाचल परिवहन विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है. शहर में वर्तमान में लगभग 2100 गाड़ियां इस कलर की चल रही हैं, लेकिन अब जिस भी वाहन मालिक के पास ऑलिव ग्रीन कलर की गाड़ी हाेगी, उन्हें परिवहन विभाग के पंजीयन प्राधिकरण काे सूचित करना हाेगा और इस रंग काे हटाकर दूसरा रंग करवाना हाेगा.
परिवहन विभाग के पंजीयन प्राधिकरण काे सूचित करना हाेगा अनिवार्य
नए आदेशाें के मुताबिक ऑलिव ग्रीन कलर की नई गाड़ी का पंजीकरण नहीं हाेगा. शिमला की बात करें ताे यहां और ऊपरी शिमला में अधिकतर लाेगाें ने जिप्सी और थार गाड़ी ऑलिव ग्रीन कलर में ली है. अब उन्हें इस कलर काे अतिरिक्त पैसे देकर बदलना हाेगा. ऐसा नहीं किया जाता है ताे गाड़ी जब्त कर दी जाएगी. वहीं, माेटर वाहन नियम, 1989 नियम 121 (1) के प्रावधानाें अनुसार पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा.
जानिए क्यों लिया गया निर्णय?
माेटर वाहन के नए नियमाें काे अब प्रदेश में भी लागू किया गया है. जहां जुर्माने की राशि काे सरकार की ओर से बढ़ा दिया गया है. वहीं, अब ऑलिव ग्रीन कलर की गाड़ियाें पर भी राेक लगा दी गई है. क्याेंकि, ये कलर रक्षा विभाग यानि की आर्मी की गाड़ियाें से सीधा मिलता है.
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अभी तक इस कलर की गाड़ियाें पर काेई राेक नहीं थी. लेकिन अब इस पर पूरी तरह से राेक लगा दी गई है. ऐसे में उन वाहन मालिकाें के लिए मुश्किलें खड़ी हाे गई है. जिन्हाेंने ऑलिव ग्रीन कलर की गाड़ियां खरीद रखी है.
यूथ में है ऑलिव ग्रीन कलर की गाड़ियां लेने का क्रेज
शहर की बात करें ताे ऑलिव ग्रीन कलर की गाड़ियाें काे लेेने का क्रेज ज्यादा यूथ में देखा गया है. ऊपरी शिमला में कई युवाओ ने जिप्सी और थार ऑलिव ग्रीन कलर में ली हुई हैं. हालांकि, अब मारूति की ओर से जिप्सियां बेचना बंद कर दिया है. लेकिन अन्य बड़ी गाड़ियाें में अभी भी इस रंग में गाड़ियां आ रही हैं. जाे पहले ऑलिव ग्रीन कलर में गाड़ियां खरीद चुके हैं. उनके लिए आने वाले दिनाें में मुश्किलें खड़ी हाे सकती हैं.
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