शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक फरवरी से सरकार के निर्देशों के तहत ग्रीष्मावकाश स्कूलों को छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाने के लिए खोला जा रहा है. तीन माह के बाद दोबारा से यह स्कूल छात्रों की नियमित कक्षाओं को लगाने के लिए खोले जा रहे हैं. ग्रीष्मकालीन स्कूलों में पांचवी, आठवीं से बारहवीं कक्षा तक छात्रों की नियमित कक्षाएं शुरु की जाएंगी, तो वहीं 15 फरवरी से शीतकालीन स्कूलों में भी छात्रों की नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. .
हिमाचल सरकार ने स्कूलों को खोलने का फैसला तो ले लिया, लेकिन शनिवार और रविवारको ही मंडी में कई शिक्षकों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. जिसके बाद एक बार फिर से शिक्षा विभाग की परेशानी बढ़ चुकी है. ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने नए आदेशों को जारी करते हुए स्कूल प्रिंसिपल को अपने स्तर पर कोई भी फैसला लेने का अधिकार दिया है.
स्थिति के हिसाब से प्रिंसिपल ले सकते हैं फैसला
यानी अगर स्कूल में कोरोना पॉजिटिव के मामले आते हैं, तो स्कूल प्रिंसिपल अपने स्तर पर या फैसला ले सकते हैं कि स्कूलों को खोलना है या बंद करना है. विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि सभी स्कूल तय एसओपी और अपने माइक्रो प्लान के हिसाब से ही छात्रों की कक्षाएं स्कूलों में लगाएं जिससे बच्चे सुरक्षित माहौल में अपनी पढ़ाई कर सकें.
शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही किसी भी तरह का कोई आयोजन नहीं किया जाएगा. स्कूलों में प्रार्थना सभा का आयोजन होगा. इसके साथ ही जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों की वैकल्पिक दिनों में कक्षाएं लगाने का प्रावधान किया जाएगा.
वहीं, छात्रों के स्कूल आने और जाने की के समय को अलग-अलग रखने के साथ ही लंच समय को भी अलग-अलग रखा जाएगा. इसके साथ ही जो एसओपी जारी की गई है, उसे भी स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगाना अनिवार्य किया गया है.
सरकाघाट उपमंडल में 7 फरवरी तक स्कूल रहेंगे बंद
मंडी जिला में शिक्षकों के कोरोना वायरस मामले सामने आने के बाद मंडी जिला के सरकाघाट उप मंडल के सभी सरकारी स्कूलों को सात फरवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है. यह निर्देश वहां के जिला उप निदेशक की ओर से जारी किए गए हैं, ऐसे में अब देखना यह होगा कि कल से स्कूल खुलने पर कितने अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं और सरकार का स्कूलों को खोलने का फैसला कितना सही साबित होता है.
स्कूलों को देनी होगी कोरोना रिपोर्ट
शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि स्कूल शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के कोरोना पॉजिटिव आने की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को देंगे. अगर कोई इस तरह का मामला स्कूल खुलने के बाद सामने आता है, तो उसकी जानकारी शिक्षा विभाग को देनी आवश्यक बताई गई है. इसके साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी बच्चे में सर्दी जुखाम और बुखार के लक्षण है तो उस बच्चे को स्कूल में प्रवेश ना दिया जाए और इसके लिए अभिभावकों से अपील की गई है कि जब तक उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ ना हो तब तक वह उसे स्कूल ना भेजें.
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