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भर्ती प्रक्रिया रोजगार कार्यालय के भेजे गए उम्मीदवारों तक ही सीमित नहीं, HC ने सुनाया बड़ा फैसला - भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का फैसला

भर्ती प्रक्रिया को केवल रोजगार कार्यालय के भेजे गए उम्मीदवारों तक ही सीमित नहीं किया जा सकता. सभी योग्य उम्मीदवारों को समाचार पत्रों में प्रकाशन और कार्यालय सूचना बोर्डों पर प्रदर्शित करने या रेडियो, टेलीविजन और रोजगार समाचार बुलेटिन पर घोषणा कर भी बुलाया जाना चाहिए. ये बात प्रदेश हाईकोर्ट ने कही है.

HC on Recruitment process
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Published : Nov 26, 2019, 9:24 PM IST

शिमला: भर्ती प्रक्रिया को केवल रोजगार कार्यालय के भेजे गए उम्मीदवारों तक ही सीमित नहीं किया जा सकता. सभी योग्य उम्मीदवारों को समाचार पत्रों में प्रकाशन और कार्यालय सूचना बोर्डों पर प्रदर्शित करने या रेडियो, टेलीविजन और रोजगार समाचार बुलेटिन पर घोषणा कर भी बुलाया जाना चाहिए. ये बात प्रदेश हाईकोर्ट ने कही है.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश चंदर भूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने विभिन्न याचिकाकर्ताओं की दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए ये फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पुलिस महानिदेशक के कार्यालय ने हिमाचल में कॉंस्टेबलों के पद के लिए भर्ती नोटिस जारी किया. प्रार्थियों को शारीरिक, अन्य मानकों और शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया गया था. प्रार्थियों ने फिजिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा को भी उतीर्ण किया. इसके बाद उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था, लेकिन एक प्रार्थी को इस आधार पर साक्षात्कार के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था कि उनका नाम रोजगार कार्यालय में दर्ज नहीं था और अन्य प्रार्थियों को भी इसी तरह के आधार पर साक्षात्कार में हिस्सा नहीं लेने दिया गया.

हाईकोर्ट ने तीन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए राज्य (पुलिस विभाग) को निर्देश दिए कि वे याचिकाकर्ताओं का साक्षात्कार लें, जिन्होंने शारीरिक दक्षता परीक्षा और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन उनका साक्षात्कार केवल इस आधार पर नहीं किया गया था कि उनका नाम रोजगार कार्यालय के साथ पंजीकरण या वैध पंजीकरण नहीं है. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं के परिणाम घोषित करने के आदेश भी पारित किये.

वीडियो रिपोर्ट

शिमला: भर्ती प्रक्रिया को केवल रोजगार कार्यालय के भेजे गए उम्मीदवारों तक ही सीमित नहीं किया जा सकता. सभी योग्य उम्मीदवारों को समाचार पत्रों में प्रकाशन और कार्यालय सूचना बोर्डों पर प्रदर्शित करने या रेडियो, टेलीविजन और रोजगार समाचार बुलेटिन पर घोषणा कर भी बुलाया जाना चाहिए. ये बात प्रदेश हाईकोर्ट ने कही है.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश चंदर भूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने विभिन्न याचिकाकर्ताओं की दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए ये फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पुलिस महानिदेशक के कार्यालय ने हिमाचल में कॉंस्टेबलों के पद के लिए भर्ती नोटिस जारी किया. प्रार्थियों को शारीरिक, अन्य मानकों और शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया गया था. प्रार्थियों ने फिजिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा को भी उतीर्ण किया. इसके बाद उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था, लेकिन एक प्रार्थी को इस आधार पर साक्षात्कार के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था कि उनका नाम रोजगार कार्यालय में दर्ज नहीं था और अन्य प्रार्थियों को भी इसी तरह के आधार पर साक्षात्कार में हिस्सा नहीं लेने दिया गया.

हाईकोर्ट ने तीन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए राज्य (पुलिस विभाग) को निर्देश दिए कि वे याचिकाकर्ताओं का साक्षात्कार लें, जिन्होंने शारीरिक दक्षता परीक्षा और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन उनका साक्षात्कार केवल इस आधार पर नहीं किया गया था कि उनका नाम रोजगार कार्यालय के साथ पंजीकरण या वैध पंजीकरण नहीं है. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं के परिणाम घोषित करने के आदेश भी पारित किये.

वीडियो रिपोर्ट
प्रदेश हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि भर्ती प्रक्रिया को केवल रोजगार कार्यालय द्वारा भेजे गए उमीदवारों तक ही सीमित नहीं किया जा सकता बल्कि सभी योग्य उम्मीदवारों को समाचार पत्रों में प्रकाशन और कार्यालय सूचना बोर्डों पर प्रदर्शित करने या रेडियो, टेलीविजन और रोजगार समाचार बुलेटिनों पर घोषणा कर भी बुलाया जाना चाहिए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश चंदर भूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने विभिन्न याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए उक्त निर्णय सुनवाया। याचिकाकर्ता ने  आरोप लगाया था  कि पुलिस महानिदेशक के कार्यालय ने हिमाचल में कांस्टेबलों के पद के लिए भर्ती नोटिस जारी किया। प्रार्थियो को शारीरिक और अन्य मानकों और शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया गया था। उन्होंने फिजिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा को भी उतीर्ण  किया। उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था, लेकिन एक प्रार्थी को इस आधार पर साक्षात्कार के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था कि उनका नाम रोजगार कार्यालय में दर्ज नहीं था और अन्य प्रार्थियों को भी इसी तरह के आधार पर साक्षात्कार में हिस्सा नहीं लेने दिया गया।
हाई कोर्ट ने तीन याचिकाओ को स्वीकार करते हुए  राज्य (पुलिस विभाग) को निर्देश दिए  कि वे याचिकाकर्ताओं का साक्षात्कार लें, जिन्होंने शारीरिक दक्षता परीक्षा और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन उनका साक्षात्कार केवल इस आधार  पर नहीं किया गया था कि उनका नाम  रोजगार कार्यालय   के साथ पंजीकरण / वैध पंजीकरण नहीं है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं के परिणाम घोषित करने के आदेश भी पारित किये।
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