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सरकारी डिपुओं में ओटीपी के आधार पर मिलेगा राशन, कोरोना संक्रमण के चलते फैसला

अब प्रदेश के सरकारी डिपुओं में ओटीपी के आधार पर राशन मिलेगा. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए खाद्य आपूर्ति विभाग ने यह तोड़ निकला है, ताकि राशन की काला बाजारी भी ना हो सके और संक्रमण फैलने से भी रोका जा सके. खाद्य आपूर्ति विभाग में इसका ट्रायल चल रहा है.

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Published : May 15, 2021, 2:33 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी डिपुओं में राशन लेने के लिए अब फिंगर स्कैन नहीं करनी होगी. डिपो होल्डर राशन कार्ड नंबर मशीन में अपलोड करेगा, उसके बाद लिंक मोबाइल नंबर कर ओटीपी आएगा. जिसके बाद डिपो होल्डर ओटीपी मशीन में अपलोड करेगा, इसके बाद राशन दिया जाएगा.

राशन की काला बाजारी रोकने का नया तोड़

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए खाद्य आपूर्ति विभाग ने यह तोड़ निकला है, ताकि राशन की काला बाजारी भी ना हो सके और संक्रमण फैलने से भी रोका जा सके. खाद्य आपूर्ति विभाग में इसका ट्रायल चल रहा है.

ओटीपी के आधार पर मिलेगा राशन

खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक आर. के. गौतम ने बताया कि एक सप्ताह के बाद इस व्यवस्था को शुरू किया जाना है. इस व्यवस्था से हेराफेरी की गुंजाइश नहीं रहेगी. बड़ी बात यह भी है कि व्यक्ति किसी को भी डिपो में सामान लाने भेज सकेंगे. उपभोक्ता को सिर्फ ओटीपी नंबर बताना है. ओटीपी इसलिए, ताकि उपभोक्ता की जानकारी में रहे कि उन्हें कोटा जारी किया जा रहा.

तीन घंटे में केवल 50 लोगों को ही मिलेगा राशन

इससे पहले प्रदेश में लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राशन डिपो में भी लोगों की संख्या तय की गई है. कोरोना कर्फ्यू से छूट के समय यानी तीन घंटे में केवल 50 लोगों को ही राशन मिलेगा. यह व्यवस्था कुछ दिनों के लिए ही लागू की गई है.

डिपुओं से राशन लेने के लिए नियम जारी

कोरोना के चलते विभाग ने सस्ते राशन के डिपुओं से राशन लेने के लिए कुछ नियम बनाए हैं. जिनमें राशन लेने के लिए लोगों को डिपो के पास उचित दूरी बनाए रखनी होगी. रोज तीन घंटे डिपो खुलने की स्थिति में पहले लोगों से राशन कार्ड लिए जाएंगे. 50 कार्ड पूरे होने के बाद लोगों को बारी बारी से राशन दिया जाएगा. इसके लिए डिपो होल्डर को यह भी ध्यान रखना होगा कि दूर के लोगों को पहले राशन मिले.

मशीनों को बार बार सेनिटाइज करने के निर्देश

विभाग ने बिना मास्क के राशन कार्ड उपभोक्ताओं को राशन न देने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा पॉस मशीन को बार-बार सेनिटाइज करने का जिम्मा डिपो होल्डर का रहेगा. बाकायदा उन्हें सेनिटाइज पर आने वाले खर्च का बिल विभाग को भेजने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवाएं सुदृढ़ की जा रही है: स्वास्थ्य सचिव

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी डिपुओं में राशन लेने के लिए अब फिंगर स्कैन नहीं करनी होगी. डिपो होल्डर राशन कार्ड नंबर मशीन में अपलोड करेगा, उसके बाद लिंक मोबाइल नंबर कर ओटीपी आएगा. जिसके बाद डिपो होल्डर ओटीपी मशीन में अपलोड करेगा, इसके बाद राशन दिया जाएगा.

राशन की काला बाजारी रोकने का नया तोड़

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए खाद्य आपूर्ति विभाग ने यह तोड़ निकला है, ताकि राशन की काला बाजारी भी ना हो सके और संक्रमण फैलने से भी रोका जा सके. खाद्य आपूर्ति विभाग में इसका ट्रायल चल रहा है.

ओटीपी के आधार पर मिलेगा राशन

खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक आर. के. गौतम ने बताया कि एक सप्ताह के बाद इस व्यवस्था को शुरू किया जाना है. इस व्यवस्था से हेराफेरी की गुंजाइश नहीं रहेगी. बड़ी बात यह भी है कि व्यक्ति किसी को भी डिपो में सामान लाने भेज सकेंगे. उपभोक्ता को सिर्फ ओटीपी नंबर बताना है. ओटीपी इसलिए, ताकि उपभोक्ता की जानकारी में रहे कि उन्हें कोटा जारी किया जा रहा.

तीन घंटे में केवल 50 लोगों को ही मिलेगा राशन

इससे पहले प्रदेश में लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राशन डिपो में भी लोगों की संख्या तय की गई है. कोरोना कर्फ्यू से छूट के समय यानी तीन घंटे में केवल 50 लोगों को ही राशन मिलेगा. यह व्यवस्था कुछ दिनों के लिए ही लागू की गई है.

डिपुओं से राशन लेने के लिए नियम जारी

कोरोना के चलते विभाग ने सस्ते राशन के डिपुओं से राशन लेने के लिए कुछ नियम बनाए हैं. जिनमें राशन लेने के लिए लोगों को डिपो के पास उचित दूरी बनाए रखनी होगी. रोज तीन घंटे डिपो खुलने की स्थिति में पहले लोगों से राशन कार्ड लिए जाएंगे. 50 कार्ड पूरे होने के बाद लोगों को बारी बारी से राशन दिया जाएगा. इसके लिए डिपो होल्डर को यह भी ध्यान रखना होगा कि दूर के लोगों को पहले राशन मिले.

मशीनों को बार बार सेनिटाइज करने के निर्देश

विभाग ने बिना मास्क के राशन कार्ड उपभोक्ताओं को राशन न देने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा पॉस मशीन को बार-बार सेनिटाइज करने का जिम्मा डिपो होल्डर का रहेगा. बाकायदा उन्हें सेनिटाइज पर आने वाले खर्च का बिल विभाग को भेजने को कहा गया है.

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