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स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के पद से रामसुभग सिंह भारमुक्त, बने रहेंगे एचपी स्टेट बिजली बोर्ड के चेयरमैन

हिमाचल सरकार ने वरिष्ठ आईएएस और पूर्व मुख्य सचिव रामसुभग सिंह को विशेष मुख्य सचिव पद से हटा दिया है. वीरवार को कार्मिक विभाग से जारी अधिसूचना के तहत रामसुभग सिंह से ऊर्जा विभाग का जिम्मा वापस ले लिया गया है. रामसुभग सिंह को बिजली बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वह ऊर्जा क्षेत्र के लिए नई योजनाओं और दुग्ध उत्पादन को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को बतौर प्रधान सलाहकार इन मामलों को लेकर सलाह देते रहेंगे.

ram subhag singh relieve
स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के पद से रामसुभग सिंह भारमुक्त
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Published : Feb 3, 2023, 12:09 AM IST

शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 1987 बैच के सीनियर आईएएस रामसुभग सिंह को मुख्यमंत्री के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी (ऊर्जा) के पद से भारमुक्त यानी रिलीव कर दिया है. सरकार ने बेशक उन्हें विशेष मुख्य सचिव के पद से भारमुक्त कर दिया, लेकिन वे हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के चेयरमैन के पद पर बने रहेंगे. उल्लेखनीय है कि जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में रामसुभग सिंह मुख्य सचिव बनाए गए थे. बाद में उन्हें पद से हटाकर आईएएस आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया था.

कांग्रेस सरकार सत्ता में आई और आरडी धीमान के सेवानिवृत होने के बाद प्रबोध सक्सेना को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया. वहीं, प्रबोध सक्सेना तीन अफसरों यानी रामसुभग सिंह, निशा सिंह व संजय गुप्ता से जूनियर होने के कारण उक्त तीन अधिकारियों को प्रिंसिपल एडवाइजर बनाया गया. फिर सुखविंदर सिंह सरकार ने उक्त तीन अफसरों को सम्मानजनक पद दिए. इसके बाद गुरूवार 2 फरवरी को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर रामसुभग सिंह को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के पद से भारमुक्त कर दिया. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि रामसुभग सिंह मुख्यमंत्री को उर्जा सेक्टर से जुड़ी नीतियों पर सुझाव देते रहेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की महत्वाकांक्षी दूध खरीद योजना पर भी सुझाव देंगे.

ram subhag singh relieve
नोटिफिकेशन की कॉपी.

रामसुभग सिंह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें 31 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव पद पर तैनाती दी गई थी. इसके साथ ही वे बिजली बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए थे. गौरतलब है कि रामसुभग सिंह पूर्व भाजपा सरकार के समय मुख्य सचिव पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. रामसुभग सिंह 2 अगस्त 2021 को हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव बने थे. पूर्व भाजपा सरकार ने उन्हें 14 जुलाई 2022 को मुख्य सचिव के पद से हटा कर उनके स्थान पर आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया था.

सुखविंदर सरकार ने रामसुभग सिंह को बीते साल 31 दिसंबर को विशेष मुख्य सचिव बनाया . साथ ही उन्हें ऊर्जा विभाग का कार्यभार सौंपा. वीरवार को सरकार ने विशेष मुख्य सचिव के पदनाम को भी वापस ले लिया है. बताया जा रहा है कि राम सुभग सिंह ने खुद विशेष मुख्य सचिव का पद को छोडऩे की की मंशा जताई थी. बताया जा रहा है कि रामसुभग सिंह चूंकि मुख्य सचिव रहे हैं, लिहाजा उन्हें अपने से जूनियर अधिकारी के अधीन बैठकों में शामिल होना असुविधाजनक लग रहा है. ऐसे में उन्होंने पद छोडऩे की इच्छा जताई थी. वहीं, गुरूवार को सरकार ने वर्ष 2007 बैच के आईएएस अधिकारी एवं सचिव कृषि सहित भाषा एवं कला संस्कृति सचिव राकेश कंवर को पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा है. इसको लेकर भी मुख्य सचिव की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- Gochi Festival: यहां पुजारी के बाण तय करते हैं बेटों का जन्म, निशाने पर जितने लगेंगे तीर...उतने पैदा होंगे 'वीर'

शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 1987 बैच के सीनियर आईएएस रामसुभग सिंह को मुख्यमंत्री के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी (ऊर्जा) के पद से भारमुक्त यानी रिलीव कर दिया है. सरकार ने बेशक उन्हें विशेष मुख्य सचिव के पद से भारमुक्त कर दिया, लेकिन वे हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के चेयरमैन के पद पर बने रहेंगे. उल्लेखनीय है कि जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में रामसुभग सिंह मुख्य सचिव बनाए गए थे. बाद में उन्हें पद से हटाकर आईएएस आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया था.

कांग्रेस सरकार सत्ता में आई और आरडी धीमान के सेवानिवृत होने के बाद प्रबोध सक्सेना को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया. वहीं, प्रबोध सक्सेना तीन अफसरों यानी रामसुभग सिंह, निशा सिंह व संजय गुप्ता से जूनियर होने के कारण उक्त तीन अधिकारियों को प्रिंसिपल एडवाइजर बनाया गया. फिर सुखविंदर सिंह सरकार ने उक्त तीन अफसरों को सम्मानजनक पद दिए. इसके बाद गुरूवार 2 फरवरी को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर रामसुभग सिंह को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के पद से भारमुक्त कर दिया. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि रामसुभग सिंह मुख्यमंत्री को उर्जा सेक्टर से जुड़ी नीतियों पर सुझाव देते रहेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की महत्वाकांक्षी दूध खरीद योजना पर भी सुझाव देंगे.

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नोटिफिकेशन की कॉपी.

रामसुभग सिंह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें 31 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव पद पर तैनाती दी गई थी. इसके साथ ही वे बिजली बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए थे. गौरतलब है कि रामसुभग सिंह पूर्व भाजपा सरकार के समय मुख्य सचिव पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. रामसुभग सिंह 2 अगस्त 2021 को हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव बने थे. पूर्व भाजपा सरकार ने उन्हें 14 जुलाई 2022 को मुख्य सचिव के पद से हटा कर उनके स्थान पर आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया था.

सुखविंदर सरकार ने रामसुभग सिंह को बीते साल 31 दिसंबर को विशेष मुख्य सचिव बनाया . साथ ही उन्हें ऊर्जा विभाग का कार्यभार सौंपा. वीरवार को सरकार ने विशेष मुख्य सचिव के पदनाम को भी वापस ले लिया है. बताया जा रहा है कि राम सुभग सिंह ने खुद विशेष मुख्य सचिव का पद को छोडऩे की की मंशा जताई थी. बताया जा रहा है कि रामसुभग सिंह चूंकि मुख्य सचिव रहे हैं, लिहाजा उन्हें अपने से जूनियर अधिकारी के अधीन बैठकों में शामिल होना असुविधाजनक लग रहा है. ऐसे में उन्होंने पद छोडऩे की इच्छा जताई थी. वहीं, गुरूवार को सरकार ने वर्ष 2007 बैच के आईएएस अधिकारी एवं सचिव कृषि सहित भाषा एवं कला संस्कृति सचिव राकेश कंवर को पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा है. इसको लेकर भी मुख्य सचिव की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है.

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