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इस बार रक्षाबंधन पर नहीं है भद्रा का साया, पूरा दिन बहनें बांध सकती हैं राखी

रक्षाबंधन का त्योहार 3 अगस्त को सावन माह के पवित्र सोमवार को आ रहा है. सावन को भगवान शिव का पवित्र महीना माना जाता है. इसलिए सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार आने पर इसे बेहद शुभ संयोग माना जा रहा है. इस रक्षाबंधन पर बहनें अपनी भाई की कलाई पर पूरा दिन रक्षा धागा बांध सकेंगी.

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Published : Jul 30, 2020, 9:48 AM IST

Updated : Jul 30, 2020, 12:02 PM IST

Raksha bandhan
रक्षाबंधन

शिमला: रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है. इस बार रक्षाबंधन पर शुभ संयोग बन रहा है. इस बार यह त्योहार 3 अगस्त को सावन माह के पवित्र सोमवार को आ रहा है. सावन को भगवान शिव का पवित्र महीना माना जाता है. इसलिए सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार आने पर इसे बेहद शुभ संयोग माना जा रहा है.

इस बार रक्षाबंधन की एक और खास बात यह भी है कि इस रक्षाबंधन पर बहनें अपनी भाई की कलाई पर पूरा दिन रक्षा धागा बांध सकेंगी. सुबह साढ़े 9 बजे के बाद किसी भी समय बहनें अपने भाई को राखी बांध सकेंगी. रक्षाबंधन के दिन सुबह साढ़े 9 बजे तक भद्रा रहेगी. इसके बाद बहनें बिना किसी अड़चन के अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की रीत को पूरा कर सकती हैं.

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इस रक्षाबंधन पर स्वार्थ सिद्धि दीर्घायु और आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग और प्रीति योग का बनना बेहद शुभ है. श्रावण मास की पूर्णिमा भी इस दिन पड़ रही है, जिससे की यह दिन और भी खास बन रहा है.

पंडित वासुदेव ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन सावन मास के सोमवार को आ रहा है. इस दिन पर भद्रा सुबह साढ़े 9 बजे तक ही है, जिससे की बहनें पूरा दिन भर अपने भाई को राखी बांध सकती हैं. भद्रा के समय राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे में इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा न होने से बहनों को चिंतित नहीं होना पड़ेगा.

पंडित वासुदेव ने बताया कि जिन राज्यों में सावन मास की शुरुआत 6 जुलाई से हो गई थी. वहां पर 3 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा को सावन मास का समापन भी हो जाएगा. ऐसे में सावन मास की पूर्णिमा को सोमवार के दिन रक्षाबंधन आने पर यह दिन और भी खास बन रहा है.

बता दें कि प्रदेश में भी रक्षाबंधन का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. साथ ही भाई की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहन को उसकी सदैव रक्षा करने का वचन देता है.

ये भी पढ़ें: वैदिक राखी बनाने में जुटी महिलाएं, आत्मनिर्भर भारत की पेश की नजीर

शिमला: रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है. इस बार रक्षाबंधन पर शुभ संयोग बन रहा है. इस बार यह त्योहार 3 अगस्त को सावन माह के पवित्र सोमवार को आ रहा है. सावन को भगवान शिव का पवित्र महीना माना जाता है. इसलिए सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार आने पर इसे बेहद शुभ संयोग माना जा रहा है.

इस बार रक्षाबंधन की एक और खास बात यह भी है कि इस रक्षाबंधन पर बहनें अपनी भाई की कलाई पर पूरा दिन रक्षा धागा बांध सकेंगी. सुबह साढ़े 9 बजे के बाद किसी भी समय बहनें अपने भाई को राखी बांध सकेंगी. रक्षाबंधन के दिन सुबह साढ़े 9 बजे तक भद्रा रहेगी. इसके बाद बहनें बिना किसी अड़चन के अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की रीत को पूरा कर सकती हैं.

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इस रक्षाबंधन पर स्वार्थ सिद्धि दीर्घायु और आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग और प्रीति योग का बनना बेहद शुभ है. श्रावण मास की पूर्णिमा भी इस दिन पड़ रही है, जिससे की यह दिन और भी खास बन रहा है.

पंडित वासुदेव ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन सावन मास के सोमवार को आ रहा है. इस दिन पर भद्रा सुबह साढ़े 9 बजे तक ही है, जिससे की बहनें पूरा दिन भर अपने भाई को राखी बांध सकती हैं. भद्रा के समय राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे में इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा न होने से बहनों को चिंतित नहीं होना पड़ेगा.

पंडित वासुदेव ने बताया कि जिन राज्यों में सावन मास की शुरुआत 6 जुलाई से हो गई थी. वहां पर 3 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा को सावन मास का समापन भी हो जाएगा. ऐसे में सावन मास की पूर्णिमा को सोमवार के दिन रक्षाबंधन आने पर यह दिन और भी खास बन रहा है.

बता दें कि प्रदेश में भी रक्षाबंधन का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. साथ ही भाई की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहन को उसकी सदैव रक्षा करने का वचन देता है.

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Last Updated : Jul 30, 2020, 12:02 PM IST
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