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सिर्फ 2 टीचर्स के सहारे चल रहा ये हाई स्कूल, धरने पर बैठे विधायक

जहां वर्षों से शिक्षकों की कमी है, लेकिन शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे 50 से अधिक छात्रों को पढ़ाने के लिए दो ही शिक्षक वर्तमान में कार्यरत है.

धरने पर बैठ लोग
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Published : Mar 14, 2019, 8:57 PM IST

शिमलाः प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों में कई स्कूल ऐसे है जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है और यहां शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो पा रही है. ऐसा ही एक भोगड़ा स्कूल जिला शिमला के ठियोग चुनाव क्षेत्र के धर्मपुर में है.

जानकारी देते विधायक राकेश सिंघा.

जहां वर्षों से शिक्षकों की कमी है, लेकिन शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. मजबूरन अब इस क्षेत्र के लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठ गए हैं. वर्ष 2016 में मिडल से हाई स्कूल अपग्रेड किए गए इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे 50 से अधिक छात्रों को पढ़ाने के लिए दो ही शिक्षक वर्तमान में कार्यरत है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और उनका भविष्य भी खतरे में है. इस दौरान शिक्षा विभाग, सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

वीरवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के बाहर धरने पर बैठे अभिभावकों की अगुवाई कर रहे विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि 30 अक्टूबर 2018 को हाई कोर्ट ने भी यह निर्देश शिक्षा विभाग को दिए थे कि इस भोगड़ा स्कूल जो कि बेहद ही पिछड़े हुए क्षेत्र में है, उसमें शिक्षकों की कमी के चलते जो भी दिक्कतें आ रही है. उन्हें दूर किया जाए, लेकिन हैरानी इस बात की है कि शिक्षकों की नियुक्ति तो दूर, शिक्षा विभाग ने जो एफीडेविट इस स्कूल में मामले को लेकर दिया उसमें इस स्कूल को मिडल स्कूल बता कर ही यहां 3 शिक्षकों के रिक्त पद होने का हवाला दिया.

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग को यह जानकारी तक नहीं है कि वर्ष 2016 में इस स्कूल को मिडल से हाई स्कूल में अपग्रेड कर दिया गया है. एक शास्त्री शिक्षक की नियुक्ति अक्टूबर माह में इस स्कूल में की गई है और एक अन्य शिक्षक जो बीते 7 वर्षों से इसी स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहा है और यहां से अपना तबादला करवाना चाहता है, वो छात्रों को पढ़ा तो रहा है लेकिन अक्सर तबादले को लेकर इधर-उधर भागता रहता है.

सिंघा ने कहा कि एक अन्य टीजीटी का तबादला कोर्ट के निर्देशों के बाद इस स्कूल में किया गया है ऐसे में कुल दो ही शिक्षक है जो अभी इस स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं. स्कूल में जिस किसी शिक्षक की नियुक्ति की जाती है वो ज्यादा समय यहां टिकता नहीं है. इस मुद्दे को विधायक के प्रदेश शिक्षा मंत्री से मिलने के बाद विधानसभा में भी इस मामले में चर्चा होने के कोई समाधान नहीं निकला है और अब मजबूरन उन्हें धरना प्रदर्शन निदेशालय में देना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि यह धरना अनिश्चितकाल तक ऐसे ही चलता रहेगा. जब तक समस्या का समाधान नहीं मिलता है. इस स्कूल के बच्चों को किसी दूसरे स्कूल में भेजने में भी अभिभावकों को दिक्कते आ रही है. दूसरा स्कूल आठ किलोमीटर की दूरी पर है और रास्ता घने जंगल से होते हुए जाता है, ऐसे में बच्चियों को इस रास्ते से स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है.

शिमलाः प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों में कई स्कूल ऐसे है जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है और यहां शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो पा रही है. ऐसा ही एक भोगड़ा स्कूल जिला शिमला के ठियोग चुनाव क्षेत्र के धर्मपुर में है.

जानकारी देते विधायक राकेश सिंघा.

जहां वर्षों से शिक्षकों की कमी है, लेकिन शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. मजबूरन अब इस क्षेत्र के लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठ गए हैं. वर्ष 2016 में मिडल से हाई स्कूल अपग्रेड किए गए इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे 50 से अधिक छात्रों को पढ़ाने के लिए दो ही शिक्षक वर्तमान में कार्यरत है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और उनका भविष्य भी खतरे में है. इस दौरान शिक्षा विभाग, सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

वीरवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के बाहर धरने पर बैठे अभिभावकों की अगुवाई कर रहे विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि 30 अक्टूबर 2018 को हाई कोर्ट ने भी यह निर्देश शिक्षा विभाग को दिए थे कि इस भोगड़ा स्कूल जो कि बेहद ही पिछड़े हुए क्षेत्र में है, उसमें शिक्षकों की कमी के चलते जो भी दिक्कतें आ रही है. उन्हें दूर किया जाए, लेकिन हैरानी इस बात की है कि शिक्षकों की नियुक्ति तो दूर, शिक्षा विभाग ने जो एफीडेविट इस स्कूल में मामले को लेकर दिया उसमें इस स्कूल को मिडल स्कूल बता कर ही यहां 3 शिक्षकों के रिक्त पद होने का हवाला दिया.

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग को यह जानकारी तक नहीं है कि वर्ष 2016 में इस स्कूल को मिडल से हाई स्कूल में अपग्रेड कर दिया गया है. एक शास्त्री शिक्षक की नियुक्ति अक्टूबर माह में इस स्कूल में की गई है और एक अन्य शिक्षक जो बीते 7 वर्षों से इसी स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहा है और यहां से अपना तबादला करवाना चाहता है, वो छात्रों को पढ़ा तो रहा है लेकिन अक्सर तबादले को लेकर इधर-उधर भागता रहता है.

सिंघा ने कहा कि एक अन्य टीजीटी का तबादला कोर्ट के निर्देशों के बाद इस स्कूल में किया गया है ऐसे में कुल दो ही शिक्षक है जो अभी इस स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं. स्कूल में जिस किसी शिक्षक की नियुक्ति की जाती है वो ज्यादा समय यहां टिकता नहीं है. इस मुद्दे को विधायक के प्रदेश शिक्षा मंत्री से मिलने के बाद विधानसभा में भी इस मामले में चर्चा होने के कोई समाधान नहीं निकला है और अब मजबूरन उन्हें धरना प्रदर्शन निदेशालय में देना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि यह धरना अनिश्चितकाल तक ऐसे ही चलता रहेगा. जब तक समस्या का समाधान नहीं मिलता है. इस स्कूल के बच्चों को किसी दूसरे स्कूल में भेजने में भी अभिभावकों को दिक्कते आ रही है. दूसरा स्कूल आठ किलोमीटर की दूरी पर है और रास्ता घने जंगल से होते हुए जाता है, ऐसे में बच्चियों को इस रास्ते से स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है.

Intro:प्रदेश के दूर दराज के क्षेत्रों में कई स्कूल ऐसे है जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है और यहां शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो पा रही है। ऐसा ही एक भोगड़ा स्कूल जिला शिमला के ठियोग चुनाव क्षेत्र के धर्मपुर में है जहां वर्षों से शिक्षकों की कमी है लेकिन शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। मजबूरन अब इस क्षेत्र के लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए विधायक राकेश सिंघा की अगुवाई में शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठ गए है। वर्ष 2016 में मिडल से हाई स्कूल अपग्रेड किए गए इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे 50 से अधिक छात्रों को पढ़ाने के लिए दो ही शिक्षक वर्तमान में कार्यरत है। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और उनका भविष्य भी खतरे में है। इस दौरान शिक्षाविभाग और सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।


Body:वीरवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के बाहर धरने पर बैठे अभिभावकों की अगुवाई कर रहे विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि 30 अक्टूबर 2018 को हाई कोर्ट ने भी यह निर्देश शिक्षा विभाग को दिए थे कि इस भोगड़ा स्कूल जो कि बेहद ही पिछड़े हुए क्षेत्र में है उसमें शिक्षकों की कमी के चलते जो भी दिक्कतें आ रही है उन्हें दूर किया जाए,लेकिन हैरानी इस बात की है कि शिक्षकों की नियुक्ति तो दूर लेकिन शिक्षा विभाग ने जो एफीडेविट इस स्कूल में मामले को लेकर दिया उसमें इस स्कूल को मिडल स्कूल बता कर ही यहां 3 शिक्षकों के रिक्त पद होने का हवाला दिया। शिक्षा विभाग को यह जानकारी तक नहीं है कि वर्ष 2016 में इस स्कूल को मिडल से हाई स्कूल में अपग्रेड कर दिया गया है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि एक शास्त्री शिक्षक की नियुक्ति अक्टूबर माह में इस स्कूल में की गई है ओर एक अन्य शिक्षक जो बीते 7 वर्षों से इसी स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहा है और यहां से अपना तबादला करवाना चाहता है वो छात्रों को पढ़ा तो रहा है लेकिन अक्सर तबादले को लेकर इधर उधर भागता रहता है। एक अन्य टीजीटी का तबादला कोर्ट के निर्देशों के बाद इस स्कूल में किया गया है ऐसे में कुल दो ही शिक्षक है जो अभी इस स्कूल में सेवाएं दे रहे है। स्कूल में जिस किसी शिक्षक की नियुक्ति की जाती है वो ज्यादा समय यहां टिकता नहीं है । इस मुद्दे को विधायक के प्रदेश शिक्षा मंत्री से मिलने के बाद विधानसभा में भी इस मामले में चर्चा होने के कोई समाधान नहीं निकला है और अब मजबूरन उन्हें धरना प्रदर्शन निदेशालय में देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह धरना अनिश्चितकाल तक ऐसे ही चलता रहेगा जब तक समस्या का समाधान नहीं मिलता है। इस स्कूल के बच्चों को किसी दूसरे स्कूल में भेजने में भी अभिभावकों को दिक्कते आ रही है दूसरा स्कूल आठ किलोमीटर की दूरी पर है और रास्ता घने जंगल से होते हुए जाता है ऐसे में बच्चियों को इस रास्ते से स्कूल भेजना सुरक्षित नही है जिस तरह की घटनाएं आज के दौर में बच्चियों के साथ घट रही है उससे अभिभावक ख़ौफ़ज़दा है । ऐसे में शिक्षा विभाग और सरकार को भोगड़ा स्कूल में ही शिक्षको की निकयुक्तिया करनी चाहिए और जब तक यह नही होता है अधिक से अधिक संख्या में लोगो को जोड़कर इस प्रदर्शन को जारी रखा जाएगा
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