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PWD में एक ठेकेदार को अब मिलेंगे 2 ही टेंडर, PMGSY के रोड्स के लिए होंगे ग्लोबल टेंडर- विक्रमादित्य सिंह - पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा 17 मार्च को बजट पेश किया गया. जिसे प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ऐतिहासिक बजट करार दिया. साथ ही उन्होंने बजट से संबंधित अन्य जानकारी की साझा की है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 18, 2023, 7:35 PM IST

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह.

शिमला: हिमाचल में सड़क बनाने के लिए ठेकेदार को दो ही टेंडर मिलेंगे. यही नहीं जब तक इनके कार्य पूरे नहीं होंगे तब तक अगले ठेकेदार को टेंडर नहीं दिए जाएंगे. इसके अलावा पीएमजीएसवाई यानी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों के ग्लोबल टेंडर जारी किए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाए हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार ने अबकी बार पीडब्ल्यूडी में सड़कों के लिए 1350 करोड़ का प्रावधान किया है, जबकि 335 करोड़ केंद्रीय योजनाओं के तहत खर्च किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में पीएमजीएसवाई-1, 2 के तहत 150 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा. 650 किलोमीटर लंबी सड़कों को अपग्रेड और 200 किलोमीटर लंबी सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज व 9 पुलों का निर्माण किया जाएगा.

पीएमजीएसवाई-3 के तहत 442 करोड़ की लागत से 45 सड़कें अपग्रेड की जाएंगी. 178 किलोमीटर लंबे 5 राष्ट्रीय राजमार्गों को 2 लेन से 4 लेन बनाने के लिए 4700 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. नाबार्ड के तहत 250 किलोमीटर लंबी नई सड़कों, 350 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज , 425 किलोमीटर पक्की सड़कों व पुलों का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा सीआरएफ यानी सेंट्रल रोड फंड के तहत 500 करोड़ की 5 सड़कों या ब्रिज प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है.

इसके अलावा सरकार ने मुख्यमंत्री सड़क एवं रखरखाव योजना आरंभ की है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा ने चुनावों से पहले हिमाचल में 69 एनएच देने के केंद्र सरकार की घोषणाओं का हल्ला मचाया. इसके बाद केंद्र ने 9 एनएच देने की बात कही, लेकिन अभी तक इनको भी मंजूर नहीं किया गया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी में 2237 अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत है. इनको भरने के लिए आगामी समय में कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बजट में अन्य अस्थाई कर्मचारियों के मानदेय की बात की गई है लेकिन मल्टी टास्क वर्कर का जिक्र नहीं हुआ. इनका मानदेय 4500 रुपए से 5000 रुपए करने पर अगली कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा.

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मांगेगे मदद- विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार हिमाचल में वाटर और विंटर स्पोर्ट्स के लिए नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाह रही है. इसके लिए दो डीपीआर तैयार कर जल्द ही इनको केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने रखेंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही वह केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलेंगे ताकि इनके लिए एक अच्छा बजट केंद्र से मिले.

पांच सालों में नहीं की स्पोर्ट्स काउंसिल की मीटिंग- विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में 5 सालों में एक भी बैठक स्पोर्ट्स काउंसिल की नहीं की गई. इससे खेलों और खिलाड़ियों से जुड़े कई मसले ज्यों के त्यों पड़े हैं. खेल कोटे के तहत होने वाली 3 फीसदी भर्तियां भी नहीं की. उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा और मध्य प्रदेश के स्पोर्ट्स मॉडल का अध्ययन किया है और इसके आधार हरियाणा का मॉडल को देखते हुए स्पोर्ट्स नीति तैयार की जाएगी. इसमें खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने सहित कई कदम उठाए जाएंगे.

सीएम सुक्खू ने ऐतिहासिक बजट किया पेश- पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार ने ऐतिहासिक और लीक से हटकर बजट पेश किया है. इस बजट में हिमाचल को 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का फैसला लिया गया है. इसमें सोलर एनर्जी के तहत 500 मेगावाट बिजली तैयार करने का टारगेट रखा गया है. इससे रोजगार बढ़ेगा और पर्यावरण संरक्षण भी होगा.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी देने का फैसला लिया है, इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. एचआरटीसी में 1500 डीजल बसें इलेक्ट्रिक बसों से रिप्लेस की जाएंगी. सरकार इलेक्ट्रिक स्कूटी 25 हजार सब्सिडी 20 हजार मेधावी लड़कियों को देगी. हर विधानसभा में तहत दो ग्रीन पंचायतें बनाई जाएंगी. पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि विपक्ष कांगड़ा को इग्नोर करने की बात कर रहा है जबकि कांगड़ा के लिए बजट में कई घोषणाएं की गई हैं.

प्रदेश में खोले जाएंगे राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल- उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के अलावा पोंग डैम में कई गतिविधियां शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि बजट में शिक्षा की मजबूती के लिए राजीव गांधी डे बोर्डिंग खोले जाएंगे जो कि आर्ट ऑफ स्टेट स्कूल होंगे. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए भी कदम उठाए हैं. ओल्ड पेंशन योजना की बहाली करवाई गई. सीएम के आदेश पर अब एसओपी बनाए जा रहे हैं. ओपीएस को हिमाचल में एक अप्रैल लागू कर दिया जाएगा. 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए देने के साथ ही सुख आश्रय योजना के लिए भी 101 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

जरूरत अनुसार खोले जाएंगे संस्थान- विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य में सरकार ने पहली बार संसाधन बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. इसके तहत आबकारी नीति लाई गई है जिसमें पहले 2200 करोड़ से बिकने वाले शराब के ठेके अबकी बार 2900 करोड़ में बिके. सरकार से वाटर सेस लगाकर आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. इस बजट में रोजगार सृजन की ओर भी ध्यान दिया गया है. सरकारी विभागों में 25 हजार भर्तियां की जाएंगी. सरकारी भर्तियों के साथ ही नए उद्योगों और अन्य रोजगार के साधनों का सृजन कर करीब 90 से एक लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं. एक सवाल के जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए संस्थान खोल दिए. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत होगी वहां डिनोटिफाई संस्थानों को फिर से भी सरकार खोलेगी.

ये भी पढ़ें: CM सुक्खू के ग्रीन हिमाचल के लक्ष्य को पूर्व सीएम धूमल ने सराहा, साथ में दी ये नसीहत

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह.

शिमला: हिमाचल में सड़क बनाने के लिए ठेकेदार को दो ही टेंडर मिलेंगे. यही नहीं जब तक इनके कार्य पूरे नहीं होंगे तब तक अगले ठेकेदार को टेंडर नहीं दिए जाएंगे. इसके अलावा पीएमजीएसवाई यानी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों के ग्लोबल टेंडर जारी किए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाए हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार ने अबकी बार पीडब्ल्यूडी में सड़कों के लिए 1350 करोड़ का प्रावधान किया है, जबकि 335 करोड़ केंद्रीय योजनाओं के तहत खर्च किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में पीएमजीएसवाई-1, 2 के तहत 150 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा. 650 किलोमीटर लंबी सड़कों को अपग्रेड और 200 किलोमीटर लंबी सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज व 9 पुलों का निर्माण किया जाएगा.

पीएमजीएसवाई-3 के तहत 442 करोड़ की लागत से 45 सड़कें अपग्रेड की जाएंगी. 178 किलोमीटर लंबे 5 राष्ट्रीय राजमार्गों को 2 लेन से 4 लेन बनाने के लिए 4700 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. नाबार्ड के तहत 250 किलोमीटर लंबी नई सड़कों, 350 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज , 425 किलोमीटर पक्की सड़कों व पुलों का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा सीआरएफ यानी सेंट्रल रोड फंड के तहत 500 करोड़ की 5 सड़कों या ब्रिज प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है.

इसके अलावा सरकार ने मुख्यमंत्री सड़क एवं रखरखाव योजना आरंभ की है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा ने चुनावों से पहले हिमाचल में 69 एनएच देने के केंद्र सरकार की घोषणाओं का हल्ला मचाया. इसके बाद केंद्र ने 9 एनएच देने की बात कही, लेकिन अभी तक इनको भी मंजूर नहीं किया गया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी में 2237 अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत है. इनको भरने के लिए आगामी समय में कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बजट में अन्य अस्थाई कर्मचारियों के मानदेय की बात की गई है लेकिन मल्टी टास्क वर्कर का जिक्र नहीं हुआ. इनका मानदेय 4500 रुपए से 5000 रुपए करने पर अगली कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा.

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मांगेगे मदद- विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार हिमाचल में वाटर और विंटर स्पोर्ट्स के लिए नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाह रही है. इसके लिए दो डीपीआर तैयार कर जल्द ही इनको केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने रखेंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही वह केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलेंगे ताकि इनके लिए एक अच्छा बजट केंद्र से मिले.

पांच सालों में नहीं की स्पोर्ट्स काउंसिल की मीटिंग- विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व सरकार के समय में 5 सालों में एक भी बैठक स्पोर्ट्स काउंसिल की नहीं की गई. इससे खेलों और खिलाड़ियों से जुड़े कई मसले ज्यों के त्यों पड़े हैं. खेल कोटे के तहत होने वाली 3 फीसदी भर्तियां भी नहीं की. उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा और मध्य प्रदेश के स्पोर्ट्स मॉडल का अध्ययन किया है और इसके आधार हरियाणा का मॉडल को देखते हुए स्पोर्ट्स नीति तैयार की जाएगी. इसमें खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने सहित कई कदम उठाए जाएंगे.

सीएम सुक्खू ने ऐतिहासिक बजट किया पेश- पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार ने ऐतिहासिक और लीक से हटकर बजट पेश किया है. इस बजट में हिमाचल को 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का फैसला लिया गया है. इसमें सोलर एनर्जी के तहत 500 मेगावाट बिजली तैयार करने का टारगेट रखा गया है. इससे रोजगार बढ़ेगा और पर्यावरण संरक्षण भी होगा.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी देने का फैसला लिया है, इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. एचआरटीसी में 1500 डीजल बसें इलेक्ट्रिक बसों से रिप्लेस की जाएंगी. सरकार इलेक्ट्रिक स्कूटी 25 हजार सब्सिडी 20 हजार मेधावी लड़कियों को देगी. हर विधानसभा में तहत दो ग्रीन पंचायतें बनाई जाएंगी. पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि विपक्ष कांगड़ा को इग्नोर करने की बात कर रहा है जबकि कांगड़ा के लिए बजट में कई घोषणाएं की गई हैं.

प्रदेश में खोले जाएंगे राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल- उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के अलावा पोंग डैम में कई गतिविधियां शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि बजट में शिक्षा की मजबूती के लिए राजीव गांधी डे बोर्डिंग खोले जाएंगे जो कि आर्ट ऑफ स्टेट स्कूल होंगे. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए भी कदम उठाए हैं. ओल्ड पेंशन योजना की बहाली करवाई गई. सीएम के आदेश पर अब एसओपी बनाए जा रहे हैं. ओपीएस को हिमाचल में एक अप्रैल लागू कर दिया जाएगा. 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए देने के साथ ही सुख आश्रय योजना के लिए भी 101 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

जरूरत अनुसार खोले जाएंगे संस्थान- विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य में सरकार ने पहली बार संसाधन बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. इसके तहत आबकारी नीति लाई गई है जिसमें पहले 2200 करोड़ से बिकने वाले शराब के ठेके अबकी बार 2900 करोड़ में बिके. सरकार से वाटर सेस लगाकर आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. इस बजट में रोजगार सृजन की ओर भी ध्यान दिया गया है. सरकारी विभागों में 25 हजार भर्तियां की जाएंगी. सरकारी भर्तियों के साथ ही नए उद्योगों और अन्य रोजगार के साधनों का सृजन कर करीब 90 से एक लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं. एक सवाल के जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए संस्थान खोल दिए. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत होगी वहां डिनोटिफाई संस्थानों को फिर से भी सरकार खोलेगी.

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