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ननखड़ी में कृषि कानूनों के खिलाफ हिमाचल किसान सभा का हल्लाबोल, कानूनों को वापस लेने की मांग - कृषि कानूनों के खिलाफ हिमाचल किसान सभा का हल्लाबोल

ननखड़ी में हिमाचल किसान सभा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लकेर प्रदर्शन किया. किसान सभा ननखड़ी से सचिव ओम प्रकाश भारती ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का न होना, सिर्फ कृषक को ही बर्बाद नहीं करेगा बल्कि यह देश में खाद्य सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा साबित होगा.

PROTEST AGAINST FARM LAW
कृषि कानूनों के खिलाफ हिमाचल किसान सभा का हल्लाबोल
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Published : Mar 15, 2021, 5:54 PM IST

रामपुरः किसानों की मांगों को लेकर प्रदेश भर में हिमाचल किसान सभा ने धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रहीं. ननखड़ी में हिमाचल किसान सभा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लकेर प्रदर्शन किया.

पढ़ें: पहले मोदी को शिव बताया, अब जयराम को कृष्ण

काला बाजारी की छूट दे रही सरकार

किसान सभा ननखड़ी से सचिव ओम प्रकाश भारती ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का न होना, सिर्फ कृषक को ही बर्बाद नहीं करेगा बल्कि यह देश में खाद्य सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा साबित होगा. उन्होंने कहा कि देश मे दो तरह की मंडिया बना दी हैं. एक सरकारी और उसके समानांतर एक निजी मंडी. देश में पूंजीपति व्यापारियों को बगैर रोकटोक के उनकी मर्जी के मुताबिक अनाज खरीद कर काला बाजारी की छूट दे दी है. यह पूरी तरह गलत है.

कृषि कानून रद्द करने की मांग

हिमाचल किसान सभा के सचिव ओम प्रकाश भारती ने कहा कि दिल्ली में कृषि कानून रद्द करने के लिए किसानों का धरना लगातार जारी है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों का हित नहीं चाहती. अगर केंद्र सरकार किसानों की हितैषी होती, तो वह जरूर कृषि कानून को निरस्त कर देती.

पढ़ेंः नगर निगम चुनाव: कांग्रेस जारी करेगी विजन डॉक्यूमेंट, उम्मीदवारों के नाम पर मंथन जारी

रामपुरः किसानों की मांगों को लेकर प्रदेश भर में हिमाचल किसान सभा ने धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रहीं. ननखड़ी में हिमाचल किसान सभा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लकेर प्रदर्शन किया.

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काला बाजारी की छूट दे रही सरकार

किसान सभा ननखड़ी से सचिव ओम प्रकाश भारती ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का न होना, सिर्फ कृषक को ही बर्बाद नहीं करेगा बल्कि यह देश में खाद्य सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा साबित होगा. उन्होंने कहा कि देश मे दो तरह की मंडिया बना दी हैं. एक सरकारी और उसके समानांतर एक निजी मंडी. देश में पूंजीपति व्यापारियों को बगैर रोकटोक के उनकी मर्जी के मुताबिक अनाज खरीद कर काला बाजारी की छूट दे दी है. यह पूरी तरह गलत है.

कृषि कानून रद्द करने की मांग

हिमाचल किसान सभा के सचिव ओम प्रकाश भारती ने कहा कि दिल्ली में कृषि कानून रद्द करने के लिए किसानों का धरना लगातार जारी है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों का हित नहीं चाहती. अगर केंद्र सरकार किसानों की हितैषी होती, तो वह जरूर कृषि कानून को निरस्त कर देती.

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