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Shimla Summer Festival: मिलेट्स से बने पकवानों की शिमला ग्रीष्मोत्सव में धूम, स्थानीय और पर्यटकों ने जमकर उठाया लुत्फ - Demand for dishes made of millets in Shimla

शिमला में इंटरनेशनल समर फेस्टिवल चल रहा है. बीते 1 जून को प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने समर फेस्टिवल का शुभारंभ किया था. शिमला ग्रीष्मोत्सव में प्राकृतिक खेती के उत्पाद और मिलेट्स की धूम है. 3 दिन में 80,000 रुपये कीमत के मिलेट्स पकवानों की बिक्री हुई है.

International Summer Festival in Shimla
प्राकृतिक खेती के उत्पाद और मिलेट्स की शिमला ग्रीष्मोत्सव में धूम
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Published : Jun 4, 2023, 3:39 PM IST

मिलेट्स से बने पकवानों की शिमला ग्रीष्मोत्सव में धूम

शिमला: हिमाचल की राजधानी में शिमला अंतरराष्ट्रीय समर फेस्टिवल का आज अंतिम दिन है. ऐतिहासिक रिज मैदान आयोजित शिमला समर फेस्टिवल में प्राकृतिक खेती के उत्पाद और मोटे अनाज धूम मचा रहे हैं. प्राकृतिक खेती विधि से उगाए मोटे अनाजों और फलों से तैयार उत्पादों के प्रति स्थानीय लोग और पर्यटक काफी रुचि दिखा रहे हैं. ग्रीष्मोत्सव के दौरान प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की ओर से लगाए गए स्टॉल में लोग जमकर मोटे अनाजों का आटा, कुकीज़, कपकेक और देसी गाय का घी खरीद रहे हैं. इसके साथ ही वे बाथू की खीर, मिलेट स्टफ्ड सिड्डू, मिलेट स्वीट्स, मालपूड़े, ओग्ले के पकौड़, कोदे की चाय, कोदा सूप, कोदा आइस टी आदि का स्वाद चख रहे हैं.

प्राकृतिक खेती उत्पादों और व्यंजनों का लगाया स्टॉल: ग्रीष्मोत्सव में आदर्श कृषि स्वयं सहायता समूह आनंदपुर, शिव शक्ति समूह, बसंतपुर, भवानी महिला समूह, मशोबरा, और लक्ष्मी महिला समूह, मशोबरा की ओर से मिलकर प्राकृतिक खेती उत्पादों और व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया है. स्टॉल में मोटे अनाजों के उत्पाद और व्यंजन बेच रहे आदर्श कृषि स्वयं सहायता समूह आनंदपुर की सदस्या मीनाक्षी शर्मा ने बताया उनके स्टॉल पर लोग विशेष रुचि दिखा रहे हैं. न केवल स्थानीय बल्कि बाहरी राज्यों के पर्यटक भी मोटे अनाजों के बारे में जानकारी लेने के साथ-साथ इनसे बने व्यंजनों और उत्पादों को खरीद रहे हैं.

मोटे अनाजों के सिड्डू आ रहे हैं पसंद: दुकानदार रंजना वर्मा ने बताया कि लोगों को मोटे अनाजों के सिड्डू बहुत पसंद आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमने सोचा नहीं था कि हमारे व्यंजनों और अन्य उत्पादों को इतना सराहा जाएगा. इसलिए हमने पहले दिन थोड़ा ही सामाना तैयार किया था. लेकिन पहले दिन में हुई बिक्री से हमने अपनी तैयारी दोगुनी कर दी और अब हमारी बिक्री भी बहुत अच्छी हो रही है.

प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि ग्रीष्मोत्सव के दौरान प्राकृतिक खेती के उत्पादों और मोटे अनाजों के व्यंजनों को लोगों ने बहुत सराहा है. इससे किसान और खासकर महिला समूहों का मनोबल बढ़ा है. उन्होंने कहा कि आगे भी योजना की ओर से अन्य स्थानों में लगने वाले मेलों और अन्य आयोजनों में महिला समूहों के साथ मिलकर मोटे अनाजों और प्राकृतिक खेती उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: International Summer Festival: शिमला के मॉल रोड पर 250 महिलाओं ने एक साथ डाली महा नाटी

मिलेट्स से बने पकवानों की शिमला ग्रीष्मोत्सव में धूम

शिमला: हिमाचल की राजधानी में शिमला अंतरराष्ट्रीय समर फेस्टिवल का आज अंतिम दिन है. ऐतिहासिक रिज मैदान आयोजित शिमला समर फेस्टिवल में प्राकृतिक खेती के उत्पाद और मोटे अनाज धूम मचा रहे हैं. प्राकृतिक खेती विधि से उगाए मोटे अनाजों और फलों से तैयार उत्पादों के प्रति स्थानीय लोग और पर्यटक काफी रुचि दिखा रहे हैं. ग्रीष्मोत्सव के दौरान प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की ओर से लगाए गए स्टॉल में लोग जमकर मोटे अनाजों का आटा, कुकीज़, कपकेक और देसी गाय का घी खरीद रहे हैं. इसके साथ ही वे बाथू की खीर, मिलेट स्टफ्ड सिड्डू, मिलेट स्वीट्स, मालपूड़े, ओग्ले के पकौड़, कोदे की चाय, कोदा सूप, कोदा आइस टी आदि का स्वाद चख रहे हैं.

प्राकृतिक खेती उत्पादों और व्यंजनों का लगाया स्टॉल: ग्रीष्मोत्सव में आदर्श कृषि स्वयं सहायता समूह आनंदपुर, शिव शक्ति समूह, बसंतपुर, भवानी महिला समूह, मशोबरा, और लक्ष्मी महिला समूह, मशोबरा की ओर से मिलकर प्राकृतिक खेती उत्पादों और व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया है. स्टॉल में मोटे अनाजों के उत्पाद और व्यंजन बेच रहे आदर्श कृषि स्वयं सहायता समूह आनंदपुर की सदस्या मीनाक्षी शर्मा ने बताया उनके स्टॉल पर लोग विशेष रुचि दिखा रहे हैं. न केवल स्थानीय बल्कि बाहरी राज्यों के पर्यटक भी मोटे अनाजों के बारे में जानकारी लेने के साथ-साथ इनसे बने व्यंजनों और उत्पादों को खरीद रहे हैं.

मोटे अनाजों के सिड्डू आ रहे हैं पसंद: दुकानदार रंजना वर्मा ने बताया कि लोगों को मोटे अनाजों के सिड्डू बहुत पसंद आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमने सोचा नहीं था कि हमारे व्यंजनों और अन्य उत्पादों को इतना सराहा जाएगा. इसलिए हमने पहले दिन थोड़ा ही सामाना तैयार किया था. लेकिन पहले दिन में हुई बिक्री से हमने अपनी तैयारी दोगुनी कर दी और अब हमारी बिक्री भी बहुत अच्छी हो रही है.

प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि ग्रीष्मोत्सव के दौरान प्राकृतिक खेती के उत्पादों और मोटे अनाजों के व्यंजनों को लोगों ने बहुत सराहा है. इससे किसान और खासकर महिला समूहों का मनोबल बढ़ा है. उन्होंने कहा कि आगे भी योजना की ओर से अन्य स्थानों में लगने वाले मेलों और अन्य आयोजनों में महिला समूहों के साथ मिलकर मोटे अनाजों और प्राकृतिक खेती उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा.

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