शिमला: कोरोना वायरस के चलते लोग अपने घरों में ही कैद रहने को मजबूर है. लॉक डाउन और कर्फ्यू के कारण लोग अपने घरों से बाहर नहीं आ रहे है. वहीं, ऐसे में प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें ओर भी बढ़ गई है. यह लोग अपने घरों से दूर कामकाज के लिए आए है,लेकिन कोरोना के चलते कर्फ्यू में मजदूरों को दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. मजदूरों के पास दो वक्त की रोटी के लिए भा पैसे नहीं है. ऐसे में यह मजदूर अपने घर वापस जाने को मजबूर हो रहे है.
शिमला में ध्याड़ी पर काम करने वाले 15 के करीब प्रवासी मजदूर (समस्तीपुर/बिहार) अपना गुजर बसर कर रहे थे. ऐसे में इन मजदूरों की सरकार से एक ही मांग है कि उन्हें कर्फ्यू पास बना कर अंबाला तक छोड़ दिया जाए, जिससे वह वहां से अपने घर बिहार पैदल ही चले जाएंगे. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वह अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए शिमला में रह रहे थे, लेकिन कोरोना की वजह से कामकाज बंद हो गया है. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं दी गई है और उन्हें किसी की तरफ से राशन पानी भी मुहैया नहीं करवाया गया है. इसके चलते उन्हें यहां रहने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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