ETV Bharat / state

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ने बेची 5 लाख से ज्यादा फर्जी डिग्रियां - latest news himachal

प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों पर 5 लाख फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप लगे हैं. अब इन विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां बेचने के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है. यह जांच निजी नियामक आयोग की ओर से की जा रही है, वहीं अब मामला डीजीपी को भी सौंप दिया गया है.

Private universities have sold more than 5 lakh fake degrees
Private universities have sold more than 5 lakh fake degrees
author img

By

Published : Feb 21, 2020, 11:05 AM IST

Updated : Feb 21, 2020, 12:17 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों पर लाखों फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप लगे हैं. अब इन विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां बेचने के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है. यह जांच निजी नियामक आयोग की ओर से की जा रही है, वहीं अब मामला डीजीपी को भी सौंप दिया गया है.

जिन दो निजी विश्वविद्यालयों पर यह जांच चल रही है उसमें से एक संस्थान शिमला में तो दूसरा सोलन में स्थित है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र के माध्यम से इन निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद यह जांच बिठाई गई है.

बीते साल कुछ लोगों ने 13 निजी विश्वविद्यालय पर आरोप लगाते हुए पत्र यूजीसी को भेजा था जिसके बाद यूजीसी सभी सरकारों को इस बाबत पत्र लिखे हैं, जिसमें इन दो विश्वविद्यालय कि फर्जी डिग्री बेचने के मामले को लेकर प्रदेश सरकार को भी पत्र भेजा है.

पत्र मिलने के बाद सरकार ने पूरे मामले को डीजीपी को सौंपा है. वहीं, राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की सचिव पूनम ने बताया कि सरकार से मिले पत्र को जांच के लिए पुलिस को भेजा गया है. आयोग खुद भी मामले की जांच कर रहा है और जिन दो विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप है उनका रिकॉर्ड तलब किया गया है.

आयोग ने मामले में रिकॉर्ड तलब करने के बाद आगामी जांच के लिए मामला पुलिस को सौंपा है. इन दोनों विश्वविद्यालयों पर पांच लाख से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप हैं और यह डिग्रियां देश से बाहर भी बेची गई हैं. शिमला के निजी विश्वविद्यालय पर जहां 15 हजार तो सोलन की यूनिवर्सिटी पर सात से आठ सालों में पांच लाख तक कि फर्जी डिग्रियां बेचने का आरोप है.

यूजीसी ने सरकार को लिखे अपने पत्र में यह बात कही है यह विश्वविद्यालय काफी लंबे समय से इस तरह का कारोबार चला रही है और फर्जी डिग्रियां बेच रही है. अब जब इस मामले की जांच डीजीपी को सौंपी गई है तो इस मामले पर अगले सप्ताह तक मामला इन विश्वविद्यालयों के खिलाफ दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर देगी.

जानकारी के तहत यूजीसी ने सरकार को जो पत्र लिखा है उसमें यह बात भी लिखी गई है कि डिग्रियां बेचने के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया गया है और एजेंट्स के माध्यम से यह डिग्रियां देशभर में बेची जा रही हैं. यूनिवर्सिटीज इन डिग्रियों को बेच कर मोटी रकम भी वसूल कर रही हैं.

ये भी पढ़ेंः महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की दी शुभकामनाएं

शिमला: हिमाचल प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों पर लाखों फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप लगे हैं. अब इन विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां बेचने के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है. यह जांच निजी नियामक आयोग की ओर से की जा रही है, वहीं अब मामला डीजीपी को भी सौंप दिया गया है.

जिन दो निजी विश्वविद्यालयों पर यह जांच चल रही है उसमें से एक संस्थान शिमला में तो दूसरा सोलन में स्थित है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र के माध्यम से इन निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद यह जांच बिठाई गई है.

बीते साल कुछ लोगों ने 13 निजी विश्वविद्यालय पर आरोप लगाते हुए पत्र यूजीसी को भेजा था जिसके बाद यूजीसी सभी सरकारों को इस बाबत पत्र लिखे हैं, जिसमें इन दो विश्वविद्यालय कि फर्जी डिग्री बेचने के मामले को लेकर प्रदेश सरकार को भी पत्र भेजा है.

पत्र मिलने के बाद सरकार ने पूरे मामले को डीजीपी को सौंपा है. वहीं, राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की सचिव पूनम ने बताया कि सरकार से मिले पत्र को जांच के लिए पुलिस को भेजा गया है. आयोग खुद भी मामले की जांच कर रहा है और जिन दो विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप है उनका रिकॉर्ड तलब किया गया है.

आयोग ने मामले में रिकॉर्ड तलब करने के बाद आगामी जांच के लिए मामला पुलिस को सौंपा है. इन दोनों विश्वविद्यालयों पर पांच लाख से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप हैं और यह डिग्रियां देश से बाहर भी बेची गई हैं. शिमला के निजी विश्वविद्यालय पर जहां 15 हजार तो सोलन की यूनिवर्सिटी पर सात से आठ सालों में पांच लाख तक कि फर्जी डिग्रियां बेचने का आरोप है.

यूजीसी ने सरकार को लिखे अपने पत्र में यह बात कही है यह विश्वविद्यालय काफी लंबे समय से इस तरह का कारोबार चला रही है और फर्जी डिग्रियां बेच रही है. अब जब इस मामले की जांच डीजीपी को सौंपी गई है तो इस मामले पर अगले सप्ताह तक मामला इन विश्वविद्यालयों के खिलाफ दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर देगी.

जानकारी के तहत यूजीसी ने सरकार को जो पत्र लिखा है उसमें यह बात भी लिखी गई है कि डिग्रियां बेचने के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया गया है और एजेंट्स के माध्यम से यह डिग्रियां देशभर में बेची जा रही हैं. यूनिवर्सिटीज इन डिग्रियों को बेच कर मोटी रकम भी वसूल कर रही हैं.

ये भी पढ़ेंः महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की दी शुभकामनाएं

Last Updated : Feb 21, 2020, 12:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.