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ट्यूशन फीस ले सकेंगे निजी स्कूल, हाईकोर्ट ने सरकार की अधिसूचना को आंशिक तौर पर किया रद्द - हिमाचल में निजी स्कूलों को फीस की छूट

प्रदेश उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के चलते सरकार की जारी अधिसूचना को आंशिक तौर पर रदद् कर निजी स्कूलों को छूट दी की वह विद्यार्थियों से मासिक ट्यूशन फीस लेना शुरू कर सकते हैं.

State high court
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय
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Published : Aug 24, 2020, 9:08 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के चलते सरकार की जारी अधिसूचना को आंशिक तौर पर रदद् कर निजी स्कूलों को छूट दी की वह विद्यार्थियों से मासिक ट्यूशन फीस लेना शुरू कर सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि पिछली बकाया ट्यूशन फीस की वसूली के लिए 2 महीने का नोटिस देकर वह फीस बिना किसी जुर्माने या लेट फीस के ली जाए. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह भी व्यवस्था दी.

सहानुभूति पूर्वक निर्णय पारित करें

लॉकडाउन के कारण हुई आर्थिक नुकसान के चलते अभिभावक ट्यूशन फीस में रियायत देने बाबत स्कूल प्रशासन को प्रतिवेदन दे सकते हैं. संबंधित स्कूल के सक्षम अधिकारियों को यह आदेश दिए गए हैं कि वे प्रतिवेदन मिलने के पश्चात 1 सप्ताह के भीतर इस पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय पारित करें.

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यह आदेश दिए हैं कि वह 27 मई 2020 को जारी अधिसूचना के मुताबिक निजी स्कूलों पर डाली गई शर्तों पर पुनर्विचार कर नवीनतम निर्णय ले. न्यायलय ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह निजी स्कूलों में उचित तरीके से शिक्षा देने के लिए सुनिश्चित करने के लिए स्टाफ की उपस्थिति का निरिक्षण करें, ताकि पाठ्यक्रम के मुताबिक बच्चों को अच्छे तरीके से शिक्षा मुहैया करवाई जा सके.

ये भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश में 230 नई पंचायतों के गठन की तैयारी, मापदंडों को मिली कैबिनेट की मंजूरी

ये भी पढ़ें: 16 टनलों से गुजरते हुए पंजाब से बिलासपुर पहुंचेगी रेल, रेलवे लाइन का कार्य जारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के चलते सरकार की जारी अधिसूचना को आंशिक तौर पर रदद् कर निजी स्कूलों को छूट दी की वह विद्यार्थियों से मासिक ट्यूशन फीस लेना शुरू कर सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि पिछली बकाया ट्यूशन फीस की वसूली के लिए 2 महीने का नोटिस देकर वह फीस बिना किसी जुर्माने या लेट फीस के ली जाए. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह भी व्यवस्था दी.

सहानुभूति पूर्वक निर्णय पारित करें

लॉकडाउन के कारण हुई आर्थिक नुकसान के चलते अभिभावक ट्यूशन फीस में रियायत देने बाबत स्कूल प्रशासन को प्रतिवेदन दे सकते हैं. संबंधित स्कूल के सक्षम अधिकारियों को यह आदेश दिए गए हैं कि वे प्रतिवेदन मिलने के पश्चात 1 सप्ताह के भीतर इस पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय पारित करें.

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यह आदेश दिए हैं कि वह 27 मई 2020 को जारी अधिसूचना के मुताबिक निजी स्कूलों पर डाली गई शर्तों पर पुनर्विचार कर नवीनतम निर्णय ले. न्यायलय ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह निजी स्कूलों में उचित तरीके से शिक्षा देने के लिए सुनिश्चित करने के लिए स्टाफ की उपस्थिति का निरिक्षण करें, ताकि पाठ्यक्रम के मुताबिक बच्चों को अच्छे तरीके से शिक्षा मुहैया करवाई जा सके.

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