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केंद्र से मिली मदद पर हिमाचल में सियासी घमासान, दोनों दलों के नताओं की अपनी ढफली अपना राग

Politics on national disaster response fund in Himachal: हिमाचल प्रदेश में सियासत इन दिनों आपदा में अवसर तलाश रही है. दरअसल केंद्र सरकार की ओर से मिल रहे फंड को लेकर कांग्रेस और बीजेपी नेता अपनी-अपनी पीठ थपथपा रहे हैं और एक-दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. आखिर क्या है पूरा माजरा, जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर

Himachal Politics
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 16, 2023, 1:00 PM IST

शिमला: हिमाचल में मानसून सीजन के दौरान आई आपदा की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से विशेष पैकेज मांगा था. राज्य भाजपा का दावा है कि केंद्र ने उदार सहायता दी है, लेकिन कांग्रेस इसे नकारती है. कांग्रेस सरकार का कहना है कि केंद्र से पैकेज के नाम पर कुछ नहीं मिला है. जो भी राहत राशि आई है, वो राज्य का हक था. इस मसले पर अब प्रदेश में सियासत तेज हो गई है.

राज्य सरकार ने अपने स्तर पर 4500 करोड़ रुपए का राहत पैकेज घोषित किया है. इसे लेकर भाजपा का दावा है कि केंद्र से आए पैसे से ये पैकेज तैयार किया गया है. इस बीच, राज्य भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने आंकड़ों सहित सत्ताधारी दल कांग्रेस पर हमला बोला है. बिंदल ने एक बयान के जरिए बा-कायदा केंद्रीय मदद का ब्यौरा दिया है. राजीव बिंदल के अनुसार "11 दिसंबर 2022 से अभी तक केंद्र की तरफ से 3378 करोड़, 9 लाख, 65 हजार 384 रुपए हिमाचल को दिए जा चुके हैं. यह रकम वो है जो केंद्र सरकार ने हिमाचल के लिए सीधे अनुभाग के तौर पर जारी की है. इसमें प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, आयुष्मान भारत, पोषण योजना, शिक्षा अभियान जैसी किसी भी प्रकार की सामाजिक, विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाएं नहीं जोड़ी गई हैं".

  • The MHA today approved an additional financial assistance of ₹633.73 crore from the National Disaster Response Fund for Himachal Pradesh. The state was severely affected due to floods, cloudbursts, and landslides during the southwest monsoon, during the current year.

    Pursuing…

    — गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) December 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के लिए एनडीआरएफ कोष से 633.73 करोड़ की अतिरिक्त वित्तीय सहायता मंजूर की है. जिसे लेकर बीजेपी केंद्र सरकार का शुक्रिया कर रही है और कांग्रेस पर झूठा होने का आरोप लगा रही है क्योंकि कांग्रेस सरकार या संगठन से जुड़े नेताओं के मुताबिक आपदा के दौर में केंद्र की ओर से कोई भी मदद नहीं की गई है. हिमाचल सरकार के मुताबिक इस बार जुलाई और अगस्त के मानसून सीजन में जो आपदा आई थी उससे प्रदेश को 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था. जिसके बाद हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के विशेष पैकेज की मांग की थी लेकिन कुछ भी नहीं मिला.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने विभिन्न अनुदान के तहत केंद्र से आई मदद का भी जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में सुखविंदर सरकार के सत्ता में आने के बाद से 31 मार्च 2023 तक केंद्र ने विभिन्न मदों में 1140 करोड़, 50 लाख, 50 हजार 283 रुपए भेजे हैं. बिंदल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को केवल झूठ बोलने की आदत है. वहीं, प्रतिभा सिंह ने भी कहा कि केंद्र से आई मदद ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. उन्होंने कहा कि आपदा राहत के तौर पर 633 करोड़ रुपए की रकम मामूली है. मानसून सीजन में हिमाचल में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. प्रतिभा सिंह ने कहा कि केंद्र से पहली किस्त के रूप में 180.40 करोड़ रुपए के बाद अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए जारी किए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि उल्टा भाजपा राहत राशि के नाम पर गुमराह कर रही है.

दोनों पार्टियों के अध्यक्ष ही नहीं इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के लगभग हर नेता आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगा रहे हैं. बीजेपी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे विपिन परमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की मदद की गई. इसके बाद 633 करोड़ रुपये नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड में भेजी है. केंद्र सरकार ने सड़क निर्माण से लेकर मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी पैसा भेजा है लेकिन हिमाचल की सुखविंदर सुक्खू सरकार कह रही है कि केंद्र से कोई राशि नहीं मिली है. विपिन परमार ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में हिमाचल सरकार बताए कि आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के किस जिले में कितनी धनराशि आवंटित की गई.

  • मोदी सरकार ने हिमाचल को एनडीआरएफ से मंजूर किए ₹633.73 करोड़ pic.twitter.com/rfrgNPzbVH

    — BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) December 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उधर हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी बीजेपी नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि जैसे ही 633 करोड़ की राशि हिमाचल के लिए जारी हुई, वैसे ही हिमाचल के भाजपा नेताओं में श्रेय लेने की होड़ लग गई. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि "हिमाचल की जनता भाजपाइयों को जानती है ये लोग पैसा रुकवाने वाले और अडंगा लगाने वाले हैं. इनकी वजह से ही हिमाचल की कर्ज की सीमा घटी, फॉरेन फंडिंग की कैप लगाई गई, जीएसटी का कंपेनसेशन बंद हुआ है. इनकी वजह से ही जल शक्ति विभाग समेत हर विभाग के फंड रुके हैं, हिमाचल के केंद्रीय प्रोजेक्ट हिमाचल बीजेपी की वजह से रुके हुए हैं."

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि "जो 633 करोड़ रुपये हिमाचल को मिला है वो ना तो बीजेपी के नेतृत्व की वजह से जारी हुआ है और ना ही इन नेताओं ने इसके लिए कोई प्रयास किया है. हिमाचल सरकार ने अपने हकों की लड़ाई लड़ी है, जिसके चलते ये फंड जारी हो रहा है. हिमाचल विधानसभा में जब केंद्र से मदद की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ तो बीजेपी नेताओं की जुबान पर ताले लग गए. हिमाचल को इस बार आपदा में 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है और हमें पैकेज तो छोड़िये क्लेम भी नहीं दिया जा रहा और जो फंड मिल रहा है वो हिमाचल की कांग्रेस सरकार की बदौलत मिला है. क्योंकि हमने ये मसला केंद्र सरकार से लेकर जनता के दरबार में उठाया है. इसमें बीजेपी का कोई योगदान नहीं है."

कुल मिलाकर हिमाचल की सियासत में इन दिनों फिर से आपदा की राहत राशि पर सियासत हो रही है. बीजेपी केंद्र की मोदी सरकार को इसका श्रेय दे रही है और कांग्रेस खुद की पीठ थपथपा रही है. दरअसल लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही वक्त रह गया है, ऐसे में दोनों दल जनता के बीच जाने से पहले खुद की कमीज सफेद बता रहे हैं. 19 दिसंबर से धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु होने वाला है. सत्र में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई देगी और तपोवन का सियासी पारा उबाल मारेगा.

ये भी पढ़ें: 1200 करोड़ के लोन की अधिसूचना जारी, दो किश्तों में कर्ज ले रही सुखविंदर सरकार

ये भी पढ़ें: सुधीर शर्मा की 9 शब्दों की सोशल मीडिया पोस्ट ने फिर खोली कांग्रेस की पुरानी कहानी, विंटर सेशन से बढ़ेगा सियासी पारा

शिमला: हिमाचल में मानसून सीजन के दौरान आई आपदा की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से विशेष पैकेज मांगा था. राज्य भाजपा का दावा है कि केंद्र ने उदार सहायता दी है, लेकिन कांग्रेस इसे नकारती है. कांग्रेस सरकार का कहना है कि केंद्र से पैकेज के नाम पर कुछ नहीं मिला है. जो भी राहत राशि आई है, वो राज्य का हक था. इस मसले पर अब प्रदेश में सियासत तेज हो गई है.

राज्य सरकार ने अपने स्तर पर 4500 करोड़ रुपए का राहत पैकेज घोषित किया है. इसे लेकर भाजपा का दावा है कि केंद्र से आए पैसे से ये पैकेज तैयार किया गया है. इस बीच, राज्य भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने आंकड़ों सहित सत्ताधारी दल कांग्रेस पर हमला बोला है. बिंदल ने एक बयान के जरिए बा-कायदा केंद्रीय मदद का ब्यौरा दिया है. राजीव बिंदल के अनुसार "11 दिसंबर 2022 से अभी तक केंद्र की तरफ से 3378 करोड़, 9 लाख, 65 हजार 384 रुपए हिमाचल को दिए जा चुके हैं. यह रकम वो है जो केंद्र सरकार ने हिमाचल के लिए सीधे अनुभाग के तौर पर जारी की है. इसमें प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, आयुष्मान भारत, पोषण योजना, शिक्षा अभियान जैसी किसी भी प्रकार की सामाजिक, विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाएं नहीं जोड़ी गई हैं".

  • The MHA today approved an additional financial assistance of ₹633.73 crore from the National Disaster Response Fund for Himachal Pradesh. The state was severely affected due to floods, cloudbursts, and landslides during the southwest monsoon, during the current year.

    Pursuing…

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दरअसल हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के लिए एनडीआरएफ कोष से 633.73 करोड़ की अतिरिक्त वित्तीय सहायता मंजूर की है. जिसे लेकर बीजेपी केंद्र सरकार का शुक्रिया कर रही है और कांग्रेस पर झूठा होने का आरोप लगा रही है क्योंकि कांग्रेस सरकार या संगठन से जुड़े नेताओं के मुताबिक आपदा के दौर में केंद्र की ओर से कोई भी मदद नहीं की गई है. हिमाचल सरकार के मुताबिक इस बार जुलाई और अगस्त के मानसून सीजन में जो आपदा आई थी उससे प्रदेश को 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था. जिसके बाद हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के विशेष पैकेज की मांग की थी लेकिन कुछ भी नहीं मिला.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने विभिन्न अनुदान के तहत केंद्र से आई मदद का भी जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में सुखविंदर सरकार के सत्ता में आने के बाद से 31 मार्च 2023 तक केंद्र ने विभिन्न मदों में 1140 करोड़, 50 लाख, 50 हजार 283 रुपए भेजे हैं. बिंदल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को केवल झूठ बोलने की आदत है. वहीं, प्रतिभा सिंह ने भी कहा कि केंद्र से आई मदद ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. उन्होंने कहा कि आपदा राहत के तौर पर 633 करोड़ रुपए की रकम मामूली है. मानसून सीजन में हिमाचल में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. प्रतिभा सिंह ने कहा कि केंद्र से पहली किस्त के रूप में 180.40 करोड़ रुपए के बाद अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए जारी किए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि उल्टा भाजपा राहत राशि के नाम पर गुमराह कर रही है.

दोनों पार्टियों के अध्यक्ष ही नहीं इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के लगभग हर नेता आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगा रहे हैं. बीजेपी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे विपिन परमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की मदद की गई. इसके बाद 633 करोड़ रुपये नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड में भेजी है. केंद्र सरकार ने सड़क निर्माण से लेकर मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी पैसा भेजा है लेकिन हिमाचल की सुखविंदर सुक्खू सरकार कह रही है कि केंद्र से कोई राशि नहीं मिली है. विपिन परमार ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में हिमाचल सरकार बताए कि आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के किस जिले में कितनी धनराशि आवंटित की गई.

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उधर हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी बीजेपी नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि जैसे ही 633 करोड़ की राशि हिमाचल के लिए जारी हुई, वैसे ही हिमाचल के भाजपा नेताओं में श्रेय लेने की होड़ लग गई. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि "हिमाचल की जनता भाजपाइयों को जानती है ये लोग पैसा रुकवाने वाले और अडंगा लगाने वाले हैं. इनकी वजह से ही हिमाचल की कर्ज की सीमा घटी, फॉरेन फंडिंग की कैप लगाई गई, जीएसटी का कंपेनसेशन बंद हुआ है. इनकी वजह से ही जल शक्ति विभाग समेत हर विभाग के फंड रुके हैं, हिमाचल के केंद्रीय प्रोजेक्ट हिमाचल बीजेपी की वजह से रुके हुए हैं."

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि "जो 633 करोड़ रुपये हिमाचल को मिला है वो ना तो बीजेपी के नेतृत्व की वजह से जारी हुआ है और ना ही इन नेताओं ने इसके लिए कोई प्रयास किया है. हिमाचल सरकार ने अपने हकों की लड़ाई लड़ी है, जिसके चलते ये फंड जारी हो रहा है. हिमाचल विधानसभा में जब केंद्र से मदद की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ तो बीजेपी नेताओं की जुबान पर ताले लग गए. हिमाचल को इस बार आपदा में 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है और हमें पैकेज तो छोड़िये क्लेम भी नहीं दिया जा रहा और जो फंड मिल रहा है वो हिमाचल की कांग्रेस सरकार की बदौलत मिला है. क्योंकि हमने ये मसला केंद्र सरकार से लेकर जनता के दरबार में उठाया है. इसमें बीजेपी का कोई योगदान नहीं है."

कुल मिलाकर हिमाचल की सियासत में इन दिनों फिर से आपदा की राहत राशि पर सियासत हो रही है. बीजेपी केंद्र की मोदी सरकार को इसका श्रेय दे रही है और कांग्रेस खुद की पीठ थपथपा रही है. दरअसल लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही वक्त रह गया है, ऐसे में दोनों दल जनता के बीच जाने से पहले खुद की कमीज सफेद बता रहे हैं. 19 दिसंबर से धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु होने वाला है. सत्र में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई देगी और तपोवन का सियासी पारा उबाल मारेगा.

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